Bihar News : हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी के इस बयान ने सियासी गलियारे में हड़कंप मचा दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम रहते हुए यह खेला किया था।
बिहार में शराबबंदी कानून खत्म करने और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को मुख्यमंत्री बनाकर एहसान चुकाने वाला बयान देकर चौंकाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) फिर से सुर्खियों में हैं। उन्होंने लालू यादव के छोटे बेटे और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार में तेजस्वी यादव ने बिहार में ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर 50-50 लाख रुपये लिए थे। इसके जरिए तेजस्वी यादव करोड़ों रुपये कमाए। बोधगया में मीडिया से बातचीत के दौरान हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी के इस बयान ने सियासी गलियारे में हड़कंप मचा दिया है।
विधानसभा का बजट सत्र छोड़कर नेता प्रतिपक्ष भाग गए
पूर्व सीएम मांझी ने आगे कहा कि पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल फिर से करने जा रहे थे लेकिन उस वक्त मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पता चला और उन्होंने ऐसा नहीं होने दिया। हालांकि, तेजस्वी यादव ने करोड़ों रुपए जरुर कमा लिया। जीतन राम मांझी ने कहा कि वह पिछले 45 साल से विधानसभा में हैं। लेकिन, यह पहली बार देख रहे हैं कि विधानसभा का बजट सत्र छोड़कर नेता प्रतिपक्ष भाग गए हो। इतना ही नहीं मांझी ने मीडिया के जरिए तेजस्वी यादव से सवाल पूछा कि पास उनके राजस्व मंत्रालय था तब उन्होंने उन भूमिहीनों को जमीन क्यों नहीं दिया। बिहार सरकार के पास लाखों एकड़ जमीन है लेकिन भूमिहीनों को जमीन नहीं दी जा रही है।
ऊलजलूल बातें कर वाहवाही लूटना चाहते हैं तेजस्वी
बिहार में शिक्षक नियुक्ति लेने पर क्रेडिट लेने के सवाल पर जीतन राम मांझी ने कहा कि तेजस्वी यादव शिक्षक नियुक्ति मामले में ऊल-जलूल बातें करके वाह-वाही लूटना चाहते हैं। यह सरासर गलत है। उनकी बातों में मूर्ख लोग तो आ सकते हैं, पर जानकार लोग सिर्फ हंसते हैं। क्योंकि, उपमुख्यमंत्री का पद कोई संवैधानिक पद नहीं होता है। राज्य में मुख्यमंत्री का पद ही संवैधानिक होता है। उनके द्वारा ही सभी फैसले लिए जाते हैं।