Bihar CM नीतीश कुमार को हटाए बगैर मुरेठा, यानी पगड़ी नहीं हटाऊंगा, कहने वाले सम्राट चौधरी अब जब भाजपा कोटे से बिहार के उप मुख्यमंत्री बने हैं तो उन्होंने इससे संबंधित सवालों का जवाब दिया।
बिहार के मुख्यमंत्री (Bihar CM) नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को हटाने के बाद सिर पर बंधा मुरेठा, यानी पगड़ी हटाने की बात कहने वाले भारतीय जनता पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी (Samarat Chaudhary) जब उन्हीं के साथ उप मुख्यमंत्री (Bihar Deputy CM Today) बन गए तो उन्होंने अगले दिन इसपर खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि उन्होंने सिर पर मुरेठा कब बांधा था और सीएम नीतीश कुमार के ही साथ जाने की स्थिति में भी उन्होंने इसे क्यों नहीं उतारा या हटाया? उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP Party) उनकी दूसरी मां समान है। अपनी जन्मदात्री मां के जाते समय उन्होंने यह पगड़ी सिर पर बांधी थी और भावनाओं में बहते हुए कहा था कि सीएम नीतीश कुमार को हटाकर ही यह पगड़ी सिर से उतारूंगा। लेकिन, दूसरी मां यानी भाजपा का फैसला सिरोधार्य है। अपनी दूसरी मां के निर्देश पर डिप्टी सीएम बना हूं। अब अयोध्या में राम मंदिर जाकर सिर मुंडन कराऊंगा और सरयू में पगड़ी डाल दूंगा।
Bihar CM को हटाने की जगह साथ जाने पर राजद ने घेरा
सम्राट चौधरी के मुरेठा नहीं खोलने पर विपक्ष से लेकर मीडिया तक लगातार सवाल कर रहा था। राजद विधायक फतेह बहादुर ने मामले पर निशाना साधते हुए कहा कि अभी सम्राट चौधरी का मुरेठा खुला नहीं है तो असली खेला अब वही लोग करेंगे। आज जिस दल का दामन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने थामा है, वहीं उनके साथ खेला होगा।
सम्राट चौधरी ने क्या दिया जवाब, जानें पूरी बात
सम्राट चौधरी ने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ 2020 में मिले जनादेश को देखते हुए सरकार बनाने का निर्णय लिया तो मैंने फैसला किया कि अपना मुरेठा राम मंदिर में दर्शन के बाद मुंडन कराते हुए वहीं सरयू नदी में विसर्जित कर दूंगा। सम्राट ने कहा कि बिहार की राजनीतिक स्थिति को देखते हुए जदयू ने समर्थन मांगा था तो हमलोग बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के जनादेश को देखते हुए साथ गए। जदयू को तोड़ने का काम किया जा रहा था। अब नई सरकार में देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार में सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में काम करते हुए अधूरे सपनों को पूरा करेगी। चुनाव के समय राजग ने 10 लाख रोजगार देने का वादा किया था, जिसे पूरा किया जा रहा है। आगे भी रोजगार देने का काम किया जाएगा, ताकि वह लक्ष्य पूरा हो सके।