Summer Vacation को लेकर बिहार में तरह-तरह की बातें वायरल हो रही हैं। ऐसे में शिक्षा विभाग ने गर्मी छुट्टी को लेकर बताया है कि उसके अधिकारी के हस्ताक्षर का फर्जी लेटर वायरल है।
बिहार के सरकारी स्कूलों में गर्मी छुट्टी को लेकर कई तरह की खबरें वायरल हो रहीं हैं। दावा किया गया था कि विभाग ने गर्मी छुट्टी रद्द कर दिया है। शिक्षकों को अब गर्मी छुट्टी में भी ड्यूटी करनी होगी। साथ ही, भीषण गर्मी में बच्चों को भी स्कूल आना होगा। लेकिन अब शिक्षा विभाग ने इस दावे का खंडन किया है। साथ ही साथ, विभाग ने यह भी साफ किया है कि अधिकारी का फर्जी दस्तखत कर भ्रामक सूचना को वायरल किया जा रहा है। बड़ी बात यह है कि विभाग ने अब गलत सूचना को वायरल करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की तैयारी भी कर ली है।
सोशल मीडिया पर वायरल दावा फर्जी
गर्मी छुट्टी को लेकर वायरल दावों के बीच मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक ने एक प्रेस नोट जारी किया है। इस प्रेस नोट में बताया गया है कि सोशल मीडिया और विभिन्न समाचार पत्रों तथा टेलीविजन चैनलों पर एक खबर वायरल किया जा रहा है। इस खबर में शिक्षा विभाग द्वारा गर्मी छुट्टी में भी प्रारंभिक से लेकर उच्च माध्यमिक विद्यालयों का संचालन करने और इस अवधि में प्रारंभिक विद्यालयों में मध्यान भोजन योजना का संचालन करने की बात कही गई है। विभाग ने इस दावे को फर्जी करार दिया है। साथ ही यह भी साफ किया है कि विद्यालयों में पूर्व घोषित गर्मी की छुट्टी 15 अप्रैल से 15 मई तक रहेगी।
फर्जी हस्ताक्षर कर बनाया गया प्रेस नोट, एफआईआर
विभाग की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि 15 अप्रैल से 15 मई की अवधि में मिशन दक्ष के अंतर्गत विद्यालयों में विशेष दक्ष कक्षा संचालन का निर्देश दिया गया है। दक्ष कक्षा संचालन के दौरान उपस्थित बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन के संचालन का भी निर्देश निर्गत किया गया है। मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक ने साफ किया है कि उनके फर्जी हस्ताक्षर से फर्जी प्रेस नोट सोशल मीडिया पर वायरल किया गया है। इस भ्रामक सूचना को वायरल करने वालों के खिलाफ एफआईआर की जा रही है। विभाग ने एक बार फिर से साफ किया है कि 15 अप्रैल से 15 मई तक मिशन दक्ष के अंतर्गत विद्यालयों में विशेष दक्ष कक्षा एवं इस दौरान उपस्थित बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन का संचालन किया जाना है।