Bihar News में इस वक्त की बेहद अफसोसनाक खबर बिहार से है। पटना से निकलते समय राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने देश के प्रधानमंत्री की गर्दन पर चढ़ने के लिए मुंबई जाने की बात कही है।
किसी देश के प्रधानमंत्री के लिए शायद ही वहां के किसी राजनेता ने इस तरह कहा होगा कि उनकी गर्दन पर चढ़ने जा रहे हैं या गर्दन दबोचने जा रहे हैं या गर्दन पकड़कर हटाने जा रहे हैं। लेकिन, अब ऐसा हो चुका है। बोलने की आजादी पर जिस भारत में सवाल खड़े किए जाते रहे हैं, वहां प्रधानमंत्री के खिलाफ एकजुट हो रहे विपक्षी दलों में से एक राष्ट्रीय जनता दल (RJD Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने ऐसी टिप्पणी की है। न केवल टिप्पणी की, बल्कि हाथों के इशारे से बताया भी कि कैसे गर्दन दबोचेंगे। लालू ने हाथों का इशारा करते हुए कहा- “मुंबई में नरेंद्र मोदी के नट्टी (गर्दन) पर चढ़ने जा रहे हैं हमलोग आज के दिन। नरेंद्र मोदी के नट्टी पकड़े हैं, हटाना है।”
क्या होता है नट्टी पर चढ़ने का मतलब
नड़ेठी चीपना, नरेठी दबाना, लरेठी पर चढ़ना, नट्टी पर चढ़ना, नट्टी दबाना, टेंटुआ दबाना- बिहार में गर्दन दबाने के संबंध में इन देसी वाक्यांशों का प्रयोग लोग गुस्से में करते हैं। अमूमन लड़ाई के दौरान या किसी से कहासुनी होने पर ऐसे वाक्य विन्यास का प्रयोग किया जाता है। बिहार में राजद के साथ सत्तारूढ़ जनता दल यूनाईटेड (JDU Party) के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार के अनुसार यह राजनीतिक टिप्पणी है, लेकिन google पर भी इस तरह गर्दन दबाने जैसी कोई टिप्पणी किसी राजनेता के लिए किसी राजनीतिक शख्सियत के लिए नहीं मिलती है। कोषागार से निकासी केस में दोषी लालू यादव पांच साल के लिए सजायाफ्ता हैं और फिलहाल स्वास्थ्य आधार पर जेल-मुक्त होकर जमानत पर हैं।
किस संदर्भ में कहते निकल गए लालू यादव
राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष, देश के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने बेटे तेजस्वी यादव के साथ मुंबई रवाना होने से पहले पटना एयरपोर्ट पर यह आपत्तिजनक टिप्पणी की। बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ वह भाजपा-विरोधी दलों के I.N.D.I.A. गठबंधन की मुंबई में होने वाली बैठक के लिए निकल रहे थे। पटना में 23 जून को भाजपा विरोधी दलों की पहली बैठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने करायी थी। इसके बाद अगली बैठक बेंगलुरु में हुई और अब यह तीसरी बैठक मुंबई में होने जा रही है। कहा जा रहा है कि यह आगामी लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा-विरोधी दलों की सबसे अहम बैठक होगी, क्योंकि इसमें इन दलों के बीच सीटों के बंटवारा फॉर्मूले पर सहमति बनेगी। पटना की बैठक से आम आदमी पार्टी के दो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान निकल गए थे, जबकि बेंगलुरु बैठक के बाद मीडिया से मिले बगैर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही पटना निकल आए थे। ऐसे में तीसरी बैठक को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बगैर राजद अध्यक्ष लालू और डिप्टी सीएम तेजस्वी का जाना कई सवाल छोड़ रहा है।
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Extremely objectionable and unconstitutional