Bihar News : बिहार के एक IPS को ‘परिनिंदा’ की सजा, फिर भी बनेंगे DIG; जानिए, परिनिंदा की सजा क्या है?

जीवन ज्योति, पटना

by Rishiraj
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Bihar News : बिहार के एक आईपीएस अधिकारी को सजा मिली है। इस सजा का नाम है ‘परिनिंदा’। आखिर सजा के बाद भी क्यों मिल सकता है इन्हें प्रमोशन?

Bihar Police : आईपीएस पंकज कुमार राज को मिली सजा

बिहार के एक आईपीएस अधिकारी को सजा मिली है। सारण के तत्कालीन एसपी पंकज कुमार राज को परीनिंदा की सजा मिली है। गृह विभाग (Home Department) ने 2006 बैच के आईपीएस अधिकारी (Bihar Police IPS Officer) पंकज कुमार राज को परीनिंदा की सजा दी है। ऐसे में आईपीएस पंकज राज सुर्खियों (Bihar News) में हैं। ‘परिनिंदा’ की सजा को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं। इस बीच मुख्यालय सूत्रों के अनुसार, इस सजा के बाद आईपीएस पंकज राज को प्रमोशन मिलना भी लगभग तय हो गया है। पंकज राज फिलहाल नागरिक सुरक्षा में एसपी सह सहायक निदेशक के पद पर पदस्थापित हैं।

IPS Pankaj Kumar Raj : बालू माफियाओं को संरक्षण और भ्रष्टाचार के लगे थे आरोप

बिहार कैडर 2006 बैच के सीनियर आईपीएस पंकज कुमार राज पर यह प्रोसिडिंग उस वक्त हुई थी जब वह सारण के एसपी थे। पंकज कुमार राज के खिलाफ बालू के अवैध खनन, भंडारण एवं परिवहन में माफियाओं को संरक्षित करने और व्याप्त भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। सरकार ने इस मामले की जांच निगरानी से कराई थी। गृह विभाग ने आईपीएस पंकज राज के खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी संचालित की।

गृह विभाग ने IPS अधिकारी पंकज राज के खिलाफ कार्रवाई के लिए संघ लोक सेवा आयोग से सहमति मांगी थी। दंडात्मक कार्रवाई करने को लेकर गृह विभाग ने यूपीएससी के पास प्रस्ताव भेजा था। संघ लोक सेवा आयोग ने आईपीएस अधिकारी के खिलाफ ‘परिनिंदा’ की सजा देने की अनुशंसा की है।

Bihar News : सजा के बाद भी क्यों मिलेगा प्रमोशन? क्या है ‘परिनिंदा’ दंड?

पुलिस मुख्यालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार, इस सजा के बाद आईपीएस पंकज कुमार राज का प्रमोशन जल्द होगा। क्योंकि ‘परिनिंदा’ की सजा को मामूली दंड माना जाता है। 2006 बैच के आईपीएस पंकज कुमार राज का प्रमोशन DIG या IG के रूप में हो सकता है। मुख्यालय से जुड़े एक आईपीएस अधिकारी ने बताया कि परिनिंदा एक तरह से अनुशासनात्मक कार्रवाई होती है, जिसे पुलिस सर्विस बुक में दर्ज किया जाता है।

परिनिंदा के अंतर्गत किसी पुलिस अधिकारी पर कदाचार और अनुशासनहीनता के आरोप लगाए जाते है। परिनिंदा यानि पुलिस अधिकारी को उसकी गलती पर सार्वजनिक रूप से डाटना और उसे सुधार का मौका देना होता है। परिनिंदा सजा के चलते पुलिस अधिकारियों पर कई तरह का असर पड़ता है। सजा कितनी बड़ी होगी यह गृह विभाग को तय करना होता है।

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