Bihar News : इस खबर में हम तस्वीर नहीं दिखा रहे उन बदकिस्मत लोगों की, जिन्होंने अपने घर का नवजात खो दिया। सरकारी अस्पताल में जन्म के बाद नर्स को नेग में दो हजार रुपए चाहिए थे। नहीं मिले तो इस ठंड में टेबल पर छोड़ गई।
Nitish Kumar: अमानवीय कृत्य पर क्या करेंगे सीएम नीतीश कुमार?
संवेदनहीनता की हदें टूट गईं। इस ठंड में जब हम-आप पूस से ज्यादा परेशानी झेल रहे। कई जिलों में आठवीं तक के बच्चों का स्कूल बंद कर दिया गया है। कई जिलों में ठंड से मौत की खबरें आ चुकी हैं। क्या आप किसी नवजात को यूं ही टेबल पर छोड़ने की कल्पना कर सकते हैं? नहीं। लेकिन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार के एक अस्पताल में नर्स ने नवजात के जन्म पर खुशी में नेग पाने की ऐसी जिद ठानी कि बच्चे की मौत हो गई।
नर्स को दो हजार रुपए नेग में चाहिए थे। घर वालों ने 100 रुपए दिए तो वह फेंक कर चली गई। बच्चे को टेबल पर छोड़ दिया। जब तक परिजन पैसों का इंतजाम करते, देर हो चुकी थी। बच्चे की मौत के बाद परिजनों का धैर्य टूट गया तो हंगामा शुरू हो गया। रोते-बिलखते परिजनों ने डॉक्टरों से गुहार लगाई कि उनका बच्चा कैसे भी जिंदा कर दे, लेकिन किसी के हाथ में कुछ नहीं था। इसके बाद हंगामा होने लगा तो अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मी भाग खड़े हुए। पुलिस ने आकर मामले को किसी तरह संभाला।
Bihar News : लापरवाही का आरोप, जांच के लिए अधीक्षक ने बनाई समिति
पूर्णिय के राजकीय मेडिकल काॅलेज अस्पताल में शुक्रवार शाम यह घटना सामने आयी तो पुलिस-प्रशासन को इसे संभालने में सारी ताकत झोंक देनी पड़ी। अररिया जिले के महलगांव थाना में बेगना निवासी प्रीतम विश्वास के परिवार पर यह आपदा आई। हंगामे को देख पूर्णिया जीएमसीएच अधीक्षक ने जांच समिति का गठन कर दिया है। परिजनों के अनुसार, गुरुवार दोपहर चार बजे प्रीतम की पत्नी को पूर्णिया जीएमसीएच लेकर आया गया था।
भर्ती कराने से लेकर प्रसूति के पूरी प्रक्रिया के दौरान लापरवाही दिखती रही। गुरुवार रात नौ बजे बच्चे का जन्म हुआ तो उस समय तैनात नर्स ने 2000 रुपए नेग की मांग रख दी। नर्स को 100 रुपए दिए गए तो उसने उसे फेंक दिया। फिर बच्चे को उन्हें नहीं देकर कपड़े में लपेट कर मेज पर रख छोड़ा। किसी तरह दो हजार रुपए का इंतजाम कर नर्स को देने में आधा घंटा गुजर गया। जब बच्चा मिला तो उसकी हालत खराब थी। डॉक्टर से दिखाया तो बच्चा को मृत घोषित कर दिया गया।