High Court से मिली जमानत तोड़ने के लिए CBI की दलीलों के दम से लालू होंगे परेशान

by Republican Desk
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Supreme Court में सीबीआई ने Lalu Yadav की जमानत को रद्द करने के लिए जो दलीलें दीं, वह मायने रखती हैं। शीर्ष अदालत ने 17 अक्टूबर की तारीख भले दी दी, लेकिन इन दलीलों को जान राजद अध्यक्ष अपना बहुत कुछ बदलेंगे।

शिवानंद तिवारी की पत्नी के निधन के इस कार्यक्रम के साथ लालू सार्वजनिक जीवन जीने लगे।

राष्ट्रीय जनता दल (RJD Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव को सितंबर के पूरे महीने खुद को बदले अंदाज में दिखाना होगा। कुछ-कुछ बीमार। भीड़भाड़ से बचते हुए। अगर वह यह सब नहीं करते हैं तो 17 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की दलील कारगर होगी और संभव है कि हाईकोर्ट से मिली जमानत को आधारहीन मानकर कोर्ट उसे रद्द करने का आदेश जारी भी कर सकता है।

लालू को फिलहाल राहत, मगर परेशानी भी
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने 17 अक्टूबर की तारीख देकर लालू को मोहलत के रूप में राहत दे दी। सीबीआई की दलीलों पर लगातार सुनवाई हो जाती तो शायद यह राहत नहीं भी मिल सकती थी। ऐसा क्यों, यह समझने के लिए सीबीआई की दलीलों को जानना होगा। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को पब्लिक डोमेन में लालू प्रसाद यादव की सक्रियता से जुड़ी खबर, तस्वीर आदि का हवाला दिया। सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि लालू प्रसाद मेडिकल ग्राउंड पर चारा घोटाले में हाईकोर्ट से जमानत पर बाहर निकलें हैं और निकलने के बाद बैडमिंटन खेल रहे हैं। सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं। उनका स्वास्थ्य पूरी तरह फिट हैं। राजनीतिक रूप से सक्रिय होकर हर जगह घूम रहे हैं। इसलिए मेडिकल आधार पर मिली जमानत उचित नहीं है। हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीबीआई की दलील पर पूछे मीडिया के सवाल के जवाब में कहा कि बेचारे (लालू) को बेकार में परेशान किया जा रहा है।

पांच साल की सजा हो चुकी, इसी में जमानत
चार घाेटाले के लिए चर्चित लालू प्रसाद यादव अविभाजित बिहार के डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में दोषी पाए जाने के बाद सजायाफ्ता हैं। उन्हें पांच साल जेल की सजा हुई थी। स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उन्हें जमानत मिली थी। सिंगापुर में उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ। ट्रांसप्लांट के बाद वह दिल्ली लौटे और फिर पटना। पटना आने के कुछ दिनों तक वह संयमित रहे, लेकिन फिर श्राद्ध कार्यक्रम और राजद कार्यालय की बैठक से सक्रियता दिखानी शुरू कर दी। 23 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक के दौरान भी लालू सक्रिय रहे और फिर बेंगलुरू में हुई बैठक के लिए भी वह गए। अब सितंबर की पहली तारीख को मुंबई में होने वाली बैठक में जाने की तैयारी कर रहे हैं। इस बीच लालू यादव कभी गंगा किनारे सैर करते नजर आ रहे हैं तो कभी बैडमिंटन प्रैक्टिस करते दिख रहे हैं।

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