Delhi Chief Minister : सदी में पहली बार दिल्ली में भाजपाई सीएम, नाम हो गया फाइनल; कल सुबह शपथ लेंगी रेखा गुप्ता

रिपब्लिकन न्यूज़, नई दिल्ली

by Rishiraj
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Delhi Chief Minister : एक कार्यकाल में दिल्ली को तीन मुख्यमंत्री का चेहरा दिखाने वाली भारतीय जनता पार्टी को सदी में पहली बार दिल्ली की कुर्सी मिली तो पूरे 11 दिन लग गए नाम तय करने में। अब नाम तय हो गया है और गुरुवार दोपहर शपथ ग्रहण होगा।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाजपा मुख्यालय में जबरदस्त स्वागत हुआ था। मुख्यमंत्री का चेहरा तय करने में उनकी पसंद-नापसंद को समझना था और वह विदेश में थे। अब जाकर फैसला हो सका है। फोटो- RepublicanNews.in

Rekha Gupta : रेखा गुप्ता दिल्ली की नई सीएम, शपथ का शुभ मुहूर्त दोपहर 12:35 बजे

पूरे 27 साल बाद दिल्ली को भारतीय जनता पार्टी का मुख्यमंत्री आखिर मिल गया। विधानसभा चुनाव परिणाम के 11 दिन बाद बुधवार की शाम भारतीय जनता पार्टी ने रेखा गुप्ता का नाम दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में तय किया। गुरुवार 20 फरवरी को सुबह 11 बजे शपथ ग्रहण समारोह का न्यौता तैयार है। दोपहर 12:35 बजे का मुहूर्त है, जब रेखा गुप्ता अपने मंत्रिमंडल के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करेंगी। दिल्ली में राज्यपाल का पद नहीं होता है, उप राज्यपाल वीके सक्सेना (Delhi LG VK Saxena) इन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे।

CM of Delhi : नौवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगी रेखा गुप्ता

देश की राजधानी दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश रहा है। 1952 में दिल्ली केा पार्ट-सी राज्य के रूप में एक विधानसभा का अस्तित्व मिला था। दिल्ली राज्य विधानसभा उसी साल मार्च की 17 तारीख को अस्तित्व में आई। यानी, 1952 से यहां मुख्यमंत्री बनने का दौर शुरू हुआ, हालांकि पहला दौर 1956 तक ही रहा। 1952 में दिल्ली की विधानसभा में 48 सदस्य थे और 36 सीटें जीतने वाली कांग्रेस के पहले मुख्यमंत्री ब्रह्म प्रकाश थे। वह 17 मार्च 1952 से 12 फरवरी 1955 तक इस पद पर रहे।

उसके बाद कांग्रेस के ही गुरमुख निहाल सिंह 13 फरवरी 1955 से 1 नवंबर 1956 तक मुख्यमंत्री रहे थे। इसके बाद दिल्ली पार्ट-सी राज्य नहीं रही। दिल्ली विधानसभा और परिषद् को समाप्त करते हुए इसे राष्ट्रपति शासन वाला केंद्र शासित राज्य बना दिया गया। फिर दिल्ली में गणतांत्रिक व्यवस्था लागू कर आम लोगों से चुनी सरकार बनाने के लिए लंबा आंदोलन-विमर्श चला और अंतत: 1991 में राष्ट्रीय राजधानी अधिनियम के तहत दिल्ली विधानसभा का प्रारूप तय हुआ।

अगले साल परिसीमन किया गया और फिर 1993 में दिल्ली में अरसे बाद विधानसभा चुनाव हुआ। उसके बाद से लगातार मुख्यमंत्री चुनकर बन रहे हैं। 1993 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार सत्ता में आई। चुनाव परिणाम के बाद, पहले मदन लाल खुराना मुख्यमंत्री बने। वह 2 दिसंबर 1993 से 26 फरवरी 1996 तक सीएम रह सके।

फिर उठापटक के बीच साहिब सिंह वर्मा को यह कुर्सी 26 फरवरी 1996 को मिली, लेकिन चुनाव से पहले 12 अक्टूबर 1998 को वह भी मुक्त कर दिए गए। 12 अक्टूबर 1998 को सुषमा स्वराज को सीएम की कुर्सी सौंपी गई। वह 3 दिसंबर 1998 तक कुर्सी पर रहीं। एक सत्ता में तीन मुख्यमंत्री देने वाली भाजपा उस समय जो सत्ता से गई तो अब 2025 में जाकर लौटी है।

एक चुनाव में जीत के बाद तीन सीएम देने वाली भाजपा को दिल्ली वालों ने ऐसा नकारा कि कांग्रेस ने बड़ी वापसी की। शीला दीक्षित नई सरकार में कांग्रेसी सीएम बनीं। वह 3 दिसंबर 1998 से 28 दिसंबर 2013 तक, मतलब पूरे 15 साल लगातार तीन बार मुख्यमंत्री रहीं। शीला दीक्षित के बाद आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में सरकार बनाई।

28 दिसंबर 2013 से 14 फरवरी 2014 और फिर 14 फरवरी 2015 से 21 सितंबर 2024 तक अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद, उन्होंने जेल से वापसी की, लेकिन सीएम के रूप में आप की ही आतिशी को सीएम बना दिया। वह 21 सितंबर 2024 से सीएम थीं और 20 फरवरी को नए मुख्यमंत्री की शपथ तक उनका कार्यकाल माना जाएगा। अब दिल्ली के नौवें मुख्यमंत्री का शपथ होना है।

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