Baba Siddique की हत्या से मुंबई के सियासी जगत में कोहराम मचा है। इस बीच उनके बिहार कनेक्शन को लोग तलाश रहे है। क्या है सिद्दीकी का बिहार से रिश्ता?
Maharashtra में Baba Siddique का Murder
महाराष्ट्र में अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात मुंबई के बांद्रा इलाक़े में गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हत्या के बाद मुंबई में सियासी बवाल हो गया है। सवाल महाराष्ट्र में लॉ एंड ऑर्डर पर उठ रहे हैं। लेकिन सवालों के बीच एक सवाल यह भी की आखिर बाबा सिद्दीकी का बिहार से क्या रिश्ता था? हम आपको बता दें कि बाबा सिद्दीकी मूल रूप से बिहार के रहने वाले थे। बचपन में ही बाबा सिद्दीकी और उनका परिवार महाराष्ट्र चला गया था। हालांकि बाबा सिद्दीकी ने बिहार में भी राजनीतिक जमीन तलाशने की कोशिश की थी। लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
Gopalganj के रहने वाले हैं बाबा सिद्दीकी
मूल रूप से बिहार के रहने वाले बाबा सिद्दीकी गोपालगंज जिले से माया नगरी मुंबई पहुंचे थे। उन्होंने अपने जीवन के शुरुआती 5 साल गोपालगंज जिले के शेख टोली गांव में बिताए थे। गोपालगंज जिले के माझा ब्लॉक के शेख टोली गांव में बाबा सिद्दीकी का पुश्तैनी परिवार रहता है। बाबा सिद्दीकी के पिता बिहार के गोपालगंज से मुंबई गए थे। पिता के साथ ही वह 5 साल की उम्र में मुंबई पहुंचे। जहां उनके पिता अब्दुल रहीम सिद्दीकी घड़ी बनाने का काम करते थे। साल 2018 में बाबा सिद्दीकी बिहार के अपने पुश्तैनी गांव पहुंचे थे। गांव पहुंचने पर उन्होंने कहा था कि वह अपने पुश्तैनी घर और जमीन को कभी नहीं भूल सकते हैं।
48 साल कांग्रेस में रहे, इसी वर्ष छोड़ दी थी पार्टी
कांग्रेस पार्टी में चार दशक से ज्यादा का वक्त गुजारने वाला बाबा सीद्दीकी ने अपने करियर की शुरुआत 1977 में छात्र नेता के रूप में की थी। वे बीएमसी में कॉरपोरेटर चुने गए। बाद में वह बांद्रा पश्चिम से 1999, 2004 और 2009 में लगातार तीन बार विधायक रहे। महाराष्ट्र सरकार में 2004 से 2008 के दौरान बाबा सीद्दीकी ने राज्य मंत्री के रूप में भी जिम्मेदारी संभाली। इस साल फरवरी में बाबा सीद्दीकी ने 48 साल की कांग्रेस पार्टी की सदस्यता को अलविदा कह कर एनसीपी (अजीत पवार गुट) का दामन थाम लिया था।
Tejashwi Yadav से मांगी थी राज्यसभा की सीट ?
शिवसेना के साथ में अलायंस करने और एमवीए सरकार बनने के फैसले की वजह से सिद्दीकी की कांग्रेस से अनबन हो गई। अपने लिए राजनीतिक रास्ता तलाशने और बेटे के राजनीतिक भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सिद्दीकी ने एक समय पर बिहार में अपना राजनीतिक आधार बदलने पर गंभीरता से विचार किया। क्योंकि बिहार में ही उनके परिवार की जड़ें थी। सूत्रों ने बताया कि उन्होंने आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव से राज्यसभा सीट भी मांगी थी। लेकिन वह इच्छा पूरी नहीं हो पाई। हालांकि आरजेडी की ओर से कभी औपचारिक तौर पर जाहिर नहीं किया गया।
Salman Khan व Sharukh Khan के झंझट को खत्म कराया था
बाबा सिद्दीकी की बॉलीवुड में भी गहरी पैठ थी। सलमान खान और शाहरुख खान के बीच पांच साल से चल रहे विवाद को खत्म कराने का क्रेडिट बाबा सिद्दीकी को दिया जाता है। ऐसे में साफ है कि बाबा सिद्दीकी शाहरुख खान और सलमान खान के करीबी रहे हैं। सलमान खान ने बाबा सिद्दीकी की काफी गहरी दोस्ती थी। उनकी इफ्तार पार्टी हो या अवॉर्ड सेरेमनी, अलग-अलग मौकों पर बाबा सिद्दीकी सलमान खान के साथ पोज देते दिखते थे। संजय दत्त और बाबा सिद्दीकी आपस में अच्छे दोस्त थे। जब बाबा सिद्दीकी को गोली लगी तो संजय दत्त वो पहले शख्स थे जो लीलावती अस्पताल उनसे मिलने पहुंचे।