Election 2024 में चर्चा बेगूसराय लोकसभा सीट की जहां एनडीए उम्मीदवार गिरिराज सिंह की मुसीबत बनकर सामने आए हैं पूर्व विधायक बोगो सिंह।
बेगूसराय के अखाड़े में गिरिराज सिंह के खिलाफ मटिहानी के पूर्व विधायक नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह ने हुंकार भर दी है। भले ही उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने का औपचारिक ऐलान नहीं किया हो, लेकिन संकेत साफ है कि इस बार बोगो सिंह अखाड़े में उतर सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो एनडीए के लिए बोगो सिंह बड़ी मुसीबत बन सकते हैं। बाहुबली की पहचान रखने वाले बोगो सिंह खुद को बेगूसराय का बेटा बता कर साफ संकेत दे रहे हैं कि 2024 के अखाड़े में वे ताल ठोकने की तैयारी कर रहे हैं।
महागठबंधन में लड़ाई, कन्हैया का पता साफ होने से एनडीए को राहत
बेगूसराय लोकसभा सीट भूमिहारों का गढ़ कहा जाता है। 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां गिरिराज सिंह और कन्हैया कुमार के बीच सीधी लड़ाई हुई थी। हालांकि गिरिराज सिंह बड़े वोटो के अंतर से जीतने में सफल रहे थे। इस बार कांग्रेस बेगूसराय से कन्हैया कुमार को उम्मीदवार बनाना चाहती थी। लेकिन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने बेगूसराय सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान करते हुए अवधेश कुमार राय को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। 2019 में कन्हैया कुमार ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के टिकट पर बेगूसराय से बीजेपी उम्मीदवार गिरिराज सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा था। मगर उनकी इस चुनाव में करारी हार हुई थी। अब कन्हैया कुमार कांग्रेस में है और बताया जा रहा था कि कांग्रेस महागठबंधन से बेगूसराय की सीट मांग रही थी। लेकिन उससे पहले ही भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने फैसला लेते हुए अवधेश राय के उम्मीदवारी की घोषणा कर दी।
बोगो सिंह ने बढ़ाई टेंशन, गिरिराज के लिए बड़ी मुसीबत
मटिहानी के पूर्व विधायक नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह ने एनडीए की टेंशन बढ़ा दी है। बोगो सिंह की पहचान बाहुबली नेता के रूप में है। वे 2005 से लगातार मटिहानी विधानसभा से चुनाव जीते आ रहे थे। हालांकि 2020 के विधानसभा चुनाव में लोजपा के राजकुमार सिंह ने बोगो सिंह को शिकस्त दे दी। वैसे राजकुमार सिंह और बोगो सिंह के बीच हार-जीत का अंतर महज 333 वोटों का था। बाद में राजकुमार सिंह जदयू में शामिल हो गए। बोगो सिंह की बात करें तो उनकी पहचान एक दबंग विधायक के रूप में होती रही है। बात अफसर को हड़काने की हो या अपनी ही सरकार के खिलाफ तल्ख टिप्पणी करने की, बोगो सिंह का नाम हमेशा चर्चा में रहा है। 2005 में बाहुबली बोगो सिंह ने निर्दलीय चुनाव जीता था। जबकि 2010 और 2015 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जदयू के टिकट पर जीत हासिल की थी। बोगो सिंह की हुंकार गिरिराज सिंह के लिए इसलिए मुसीबत बन सकती है क्योंकि यहां भूमिहार वोटों के बिखरने की आशंका बन सकती है।
क्यों बोगो सिंह के लड़ने की हो रही चर्चा, बात में कितना है दम?
बोगो सिंह के लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा सबसे पहले सोशल मीडिया पर शुरू हुई। उनके समर्थकों ने कुछ ऐसे पोस्ट किए जिससे यह लगने लगा कि बोगो सिंह बेगूसराय के अखाड़े में गिरिराज सिंह के खिलाफ उतर सकते हैं। इस बीच उनका एक वीडियो सामने आया है जिसमें बोगो सिंह खुद को मटिहानी ही नहीं, बल्कि बेगूसराय का बेटा बता रहे हैं। देखा जाए तो बोगो सिंह एक तरह से बेगूसराय के वोटरों को यह संदेश दे रहे हैं कि वह स्थानीय हैं और इसीलिए बेगूसराय का बेटा बनकर लोगों की मदद करेंगे। इस वीडियो के कई मायने निकाले जा रहे हैं। सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की है कि बोगो सिंह अचानक खुद को बेगूसराय का बेटा इसलिए बता रहे हैं ताकि लोकसभा चुनाव के अखाड़े में उतरने से पहले वे अपनी जमीन तैयार कर सकें। मतलब साफ है कि बोगो सिंह चुनाव को लोकल और बाहरी उम्मीदवार की लड़ाई बनाने की कोशिश में हैं।