Election 2024 : विधान परिषद चुनाव में कांग्रेस के एक भी उम्मीदवार नहीं होने पर पार्टी के नेताओं ने नाराजगी जताई है। पार्टी के कई विधायक नाराज हैं।
महागठबंधन में भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव की पार्टी ने जब विधान परिषद् के लिए चार प्रत्याशियों की घोषणा की है, तब से बिहार में सियासत गरमा गई है। विधान परिषद चुनाव के लिए कांग्रेस के एक भी उम्मीदवार नहीं होने पर पार्टी के नेताओं ने नाराजगी जताई है। पार्टी के कई विधायक नाराज हैं। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस विधायक अपने प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह से भी नाराज हैं। कुछ विधायकों ने तो अखिलेश सिंह पर संवाद नहीं करने का आरोप लगाया। यहां तक कह दिया कि प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व राज्यसभा के चक्कर में विधान पार्षद की सीट पर प्रत्याशी नहीं उतारे। उन्हें राज्यसभा सांसद बनाया गया इसलिए उन्होंने कांग्रेस के एक भी वरीय नेता को एमएलसी उम्मीदवार नहीं बनने दिया।
एमएलसी का पद बहुत छोटा होता है
वहीं कांग्रेस की नाराजगी के सवाल पर पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल हिस्सेदारी लेने में नहीं, देने में विश्वास करता है। विधान परिषद काफी छोटा पद होता है। इससे बड़ा पद राज्यसभा सांसद का होता है। राष्ट्रीय जनता दल ने अखिलेश सिंह को राज्यसभा के लिए नामित किया। इस तरह से राजद ने कुर्बानी दी।
जानिए, महागठबंधन ने किन्हें बनाया उम्मीदवार
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (राजद)
पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी (राजद)
डॉ उर्मिला ठाकुर (राजद)
मो . सैयद फैसल अली (राजद)
शशि यादव, भाकपा (माले)
पांच सीटों में तीन सीटें महिला को दिया गया
राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद एवं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव द्वारा गठबंधन के नेताओं से विमर्श के बाद सूची को अन्तिम रूप दिया गया है। महागठबंधन द्वारा पांच सीटों में तीन सीटें महिला को देकर महिला सशक्तिकरण की दिशा में सार्थक पहल किया गया है।