Election Commission Press Conference Today के साथ ही साफ हो गया है कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव कब होंगे।
भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने सोमवार को मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम विधानसभा चुनाव की तारीखें घोषित कर दीं। सबसे पहले मिजोरम में 7 नवंबर को चुनाव होंगे। छत्तीसगढ़ में 7 और 17 नवंबर को चुनाव होंगे। मध्य प्रदेश में 17 नवंबर चुनाव होंगे। राजस्थान में 23 नवंबर को चुनाव कराए जाएंगे। तेलंगाना में 30 नवंबर को चुनाव होगा। तीन दिसंबर को मतगणना के साथ देर शाम तक विधानसभा चुनावों के परिणाम सामने आएंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने यह घोषणाएं की।
कहां-कितनी सीटें हैं, यहां जान लें
23 दिनों के अंदर वोटिंग हो जाएगी और पांचों राज्यों में परिणाम एक साथ आ जाएंगे। छत्तीसगढ़ में सुरक्षा कारणों से दो चरण में चुनाव कराया जा रहा है। तेलंगाना में 119 सीटें हैं। मध्य प्रदेश में 230 सीटों पर चुनाव होना है। राजस्थान में 200 सीटों पर चुनाव होगा। मिजोरम में 40 सीटें हैं। छत्तीसगढ़ में 90 सीटों पर चुनाव होना है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि 31 अक्टूबर को पार्टियों को अबतक हासिल चंदे की जानकारी देनी होगी। चुनाव होने के बाद निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान पार्टी के हुए खर्चों की जानकारी देनी होगी। अब पार्टी और प्रत्याशी की पूरी जानकारी आयोग के पास होगी। चुनावी राज्यों में 940 चेक पोस्ट के जरिए निगरानी रखी जाएगी। बुजुर्ग लोगों को घर से वोट देने की सुविधा दी जा रही है। मतदान कर्मियों को अब अपना मतपत्र घर ले जाने की छूट नहीं रहेगी। इनके चुनाव मतपत्र को लेने के लिए इस बार अलग तरह की व्यवस्था की जा रही है। यह चुनाव के पहले ही वोट कर लेंगे।
एमपी में भाजपा के अंदर घमासान, राजस्थान में कांग्रेस परेशान
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के पास 114 सीटें हैं। भाजपा विधायकों के मामले में 109 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर होकर भी बीच में सरकार बनाने में कामयाब रही थी। मध्य प्रदेश में सरकार बनाने के लिए 116 का जादुई आंकड़ा छूना जरूरी होता है। एमपी में शिवराज सिंह चौहान गद्दी पर हैं, लेकिन माना जा रहा है कि भाजपा जीत की स्थिति में उन्हें दोबारा कुर्सी नहीं देगी। इधर, राजस्थान में बहुमत के लिए 101 सीटें जीतनी जरूरी होती है। राजस्थान में कांग्रेसी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कुर्सी पर हैं। राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच छद्मयुद्ध से कांग्रेस परेशान है। छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने के लिए 46, तेलंगाना में 60 और मिजोरम में बहुमत के लिए 21 सीटों पर जीत की जरूरत होती है।
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[…] पावर बढ़ेगा, मगर प्रोन्नति-सैलरी नहींआदेश में बताया गया है कि अवर निरीक्षक के रिक्त पदों पर कार्यकारी प्रभार इन सहायक अवर निरीक्षकों को उनके वर्तमान वेतनमान में ही दिया जा रहा है। यह भी साफ किया गया है कि कार्यकारी प्रभार के अंतर्गत उच्चतर पद पर जाने वाले कर्मियों के प्रशासनिक, अनुशासनिक एवं विधिक पावर प्राप्त होंगे, लेकिन इस आधार पर प्रोन्नति या वरीयता का दावा वर्तमान या भविष्य में नहीं किया जा सकेगा। मतलब, पावर तो बढ़ गया और इस हिसाब से काम करने के लिए वर्दी बदल जाएगी, लेकिन यह प्रोन्नति नहीं है और इसके कारण उच्चतर पद का वेतन नहीं मिलेगा। यह शपथ-पत्र देना जरूरी, वरना चार्ज नहीं दिया जाएगाइनकी पदस्थापना वाले यूनिट के कार्यालय प्रधान को निर्देश दिया गया है कि वह इन एएसआई को एसआई का चार्ज देने से पहले इस आशय का न्यायिक शपथ-पत्र प्राप्त कर लें कि इनके विरूद्ध किसी प्रकार की विभागीय कार्यवाही लंबित या संचालित नहीं है या कोई दंडादेश प्रभावी नहीं है। शपथ-पत्र में लिखा होना चाहिए कि इनके विरूद्ध कोई निगरानी, आपराधिक, फौजदारी या कोई अन्य न्यायिक वाद लंबित नहीं है। अगर इस सूची के एएसआई यह प्रमाणपत्र नहीं दे सकें या उनके ऊपर कोई इस तरह का आक्षेप हो तो सूची में रहने के बावजूद इन्हें यह कार्यकारी प्रभार नहीं दिया जा सकेगा। इससे पहले पुलिस मुख्यालय ने प्रशिक्षित सिपाहियों को असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर का कार्यकारी प्रभार देने का आदेश जारी किया था।सब इंस्पेक्टर बनने वालों की पहली सूची पढ़ने या डाउनलोड करने के लिए क्लिक करेंयह भी पढ़ेंनवंबर का महीना चुनाव में, दिसंबर दिखाए… […]