Bihar News में आज चर्चित खबर सहरसा की है। यहां एक बच्ची ने पुलिस को तंग आकर बताया है कि वह अपने ही स्कूल की लाइब्रेरी में हैवानियत का शिकार हो रही थी। पांच साल से। एक महिला टीचर की देखरेख में।
सहरसा (बिहार)। सुशासन का दावा करने वाली बिहार पुलिस का नाम मिट्टी में मिल गया, जब 16 साल की किशोरी ने बताया कि वह पुलिस को पांच साल से कुछ बताने का भरोसा नहीं जुटा पा रही थी। डायल 112 पर शिकायत के प्रति लोगों की जागरुकता का दंभ भी मिट्टी में मिल गया। इसके साथ ही POCSO एक्ट जैसे कानूनों की धज्जियां उड़ाकर रख दी एक शख्स ने। विद्या के मंदिर की प्रतिष्ठा मिट्टी में मिल गई। पुस्तकालय की गरिमा खत्म हो गई। सहरसा में एक स्कूली छात्रा से स्कूल संचालक का बेटा लाइब्रेरी रूम में पांच साल से रेप कर रहा था। जब वह रेप कर रहा होता, तो एक महिला टीचर बाहर निगरानी कर रही होती कि कोई आ तो नहीं रहा। इतनी घिनौनी हकीकत सामने आने के बाद पुलिस का शुरुआती रवैया उस बच्ची के मन के डर जैसा ही था। महिला टीचर को पुलिस ने पूछताछ के बाद छोड़ दिया। जब बवाल बढ़ा, तब पुलिस एक्टिव हुई।
शिवदीप लांडे तक बात पहुंची, तब एक्शन
कोसी रेंज के डीआईजी शिवदीप लांडे ने जब सोशल मीडिया पर सहरसा पुलिस को केस में ट्रोल होते देखा तो एसपी उपेन्द्रनाथ वर्मा को आरोपी शिक्षिका के साथ सख्ती बरतते हुए पूछताछ का आदेश दिया। इसपर पुलिस सक्रिय हुई और अब शांति निकेतन शिक्षण संस्थान के निर्देशक अजीत कुमार विश्वास के पुत्र सुमित उर्फ सम्राट विश्वास के पुराने पापों की भी कुंडली खंगाली जा रही है। यह मामला सामने आने के बाद पता चल रहा है कि सुमित उर्फ सम्राट विश्वास कई और लड़कियों का यौन शोषण कर चुका है। वह विद्यालय के पुस्तकालय या बगल वाले कमरे का इस्तेमाल करता था। उन कमरों में भी साक्ष्यों की पड़ताल शुरू हो गई है। बेटी एक साथ सदर थाना में आवेदन देने पहुंची मां ने बताया कि विद्यालय संचालक का बेटा 2018 से यौन शोषण करते हुए कई बार वीडियो भी बना चुका है। पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ शुरू कर दी है।