Bihar News : महिला डीएसपी से फिजिकल रिलेशन बनाने वाले बिहार के आईपीएस अधिकारी एक बार फिर मुश्किल में पड़ गए हैं। पटना हाईकोर्ट में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द होने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने आईपीएस अधिकारी और बिहार सरकार को नोटिस जारी किया है।
Bihar Police : आईपीएस पुष्कर आनंद को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस
बिहार कैडर के सीनियर आईपीएस अधिकारी पुष्कर आनंद की मुश्किलें कम नहीं हो रही है। बिहार पुलिस की तत्कालीन महिला डीएसपी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आईपीएस पुष्कर आनंद और बिहार सरकार को नोटिस भेजा है। सुप्रीम कोर्ट में 24 मार्च को मामले की अगली सुनवाई होगी। यह मामला महिला डीएसपी द्वारा आईपीएस पुष्कर आनंद पर शादी का झूठा वादा कर रेप करने के आरोप से जुड़ा है। हालांकि इस मामले में दर्ज FIR को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था। हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि महिला काफी समय से आईपीएस अधिकारी के रिश्ते में थी। स्वेच्छा से उसके साथ रही और संबंध बनाए। इसलिए आरोपी के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू करना अनुचित है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी कर दिया है।
IPS Pushkar Anand : शादी का झांसा देकर बनाया शारीरिक संबंध
2013 में कैमूर के तत्कालीन एसपी पुष्कर आनंद और महिला डीएसपी की मुलाकात हुई थी। महिला डीएसपी तब भभुआ में पोस्टेड थी। महिला डीएसपी के ज्वाइन करने के 2 दिन बाद ही आईपीएस पुष्कर आनंद ने उसे फेसबुक और व्हाट्सएप के जरिए दोस्ती का झांसा दिया। महिला डीएसपी ने आरोप लगाया था कि पुष्कर आनंद ने खुद शादी करने की इच्छा जताई और इसके बाद दोनों करीब आ गए। इस दौरान कई बार फिजिकल रिलेशन बने। महिला डीएसपी को पुष्कर आनंद की मां ने कुंडली देने को कहा। बाद में आईपीएस ने यह कहते हुए शादी का प्रस्ताव ठुकरा दिया कि कुंडली मेल नहीं खा रही है। लड़की मांगलिक है। जब महिला डीएसपी ने इसका विरोध किया तो पुष्कर आनंद ने उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। उसे करियर बर्बाद करने की धमकी दी गई। इन सभी बातों से नाराज महिला डीएसपी ने भभुआ के ही महिला थाने में आईपीएस पुष्कर आनंद और उनके माता-पिता के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी।
Patna High Court : महिला डीएसपी की FIR को हाईकोर्ट ने किया था खारिज
आरोप है कि जब पुलिस मामले की जांच कर रही थी तब एसपी पुष्कर आनंद ने जांच प्रभावित करने की कोशिश की। विवाद बढ़ा तो केस सीआईडी को ट्रांसफर कर दिया गया। इस मामले की सुनवाई तब भभुआ कोर्ट के एसडीजेएम में चल रही थी। 1 अप्रैल 2019 को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सीआईडी को जांच आगे बढ़ाने के आदेश दिए। तभी आईपीएस पुष्कर आनंद ने 22 अक्टूबर 2019 को पटना हाईकोर्ट में महिला डीएसपी द्वारा दर्ज कराई गई FIR और एसडीजेएम के आर्डर को चुनौती थी। 18 नवंबर 2024 को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने महिला अधिकारी की ओर से दर्ज FIR को रद्द कर दिया।
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Supreme Court : आईपीएस पुष्कर आनंद व बिहार सरकार को नोटिस
हाईकोर्ट में एफआईआर रद्द होने के बाद महिला डीएसपी 20 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट पहुंची और यहां हाईकोर्ट के आर्डर को चैलेंज किया। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस के. विश्वनाथन और जस्टिस एस. वी. एन भट्टी की बेंच ने इस मामले में बिहार सरकार और आरोपी आईपीएस पुष्कर आनंद को नोटिस भेजा है। इस केस की अगली सुनवाई 24 मार्च को होनी है। पीड़ित महिला डीएसपी के वकील अश्वनी कुमार दुबे ने मीडिया से बताया है कि 24 मार्च को अगली सुनवाई के दौरान पीड़ित महिला अधिकारी और आरोपी आईपीएस पुष्कर आनंद को सुप्रीम कोर्ट में हाजिर होना होगा। कोर्ट इस मामले में दोनों पक्षों की बात सुनेगा। इसके बाद फैसला सुनाया जाएगा।