Bihar Police भी सन्न! बेगूसराय में किसकी होने वाली थी हत्या? चौंकाते हुए कैसे पुलिस पहुंच गई

by Republican Desk
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Bihar News में शायद ही ऐसा मामला सामने आता है, जब खूनी खेल के लिए अपराधी कई हथियार और कारतूसों के साथ सुपारी मर्डर के लिए पहुंचा और वारदात नहीं हुई हो। एसपी योगेंद्र कुमार की टीम ने साजिश नाकाम कर दी।

बेगूसराय एसपी योगेंद्र कुमार।

बेगूसराय (बिहार)। बेगूसराय जिले में किसी की हत्या होनी थी। टारगेट बड़ा था, इसलिए हथियारों के साथ कारतूस भी ठीकठाक संख्या में लेकर सुपारी किलर्स वारदात को अंजाम देने पहुंच चुके थे। शायद किसी के इशारे का इंतजार था कि काम तमाम कर देते। लेकिन, तभी अचानक अंधेरे में पुलिस पहुंच गई। ऐसी अफरातफरी मची कि अपराधी अंधेरे में गुम हो गए। हथियार, कारतूस पुलिस को मिले हैं और पक्का इनपुट है, इसलिए अपराधी की धरपकड़ भी जल्द होने के आसार हैं।

कैसे इनपुट के आधार पर एक्टिव हुई पुलिस
एसपी योगेंद्र कुमार की टीम ने वारदात के पहले ही साजिश को नाकाम कर दिया। पुलिस अभी नहीं बता रही है कि आखिर हत्या किसकी होनी थी? पुलिस का कहना है कि जिस इनपुट के आधार पर पीछा करते हुए पुलिस टीम अपराधी तक पहुंची थी, उसकी गिरफ्तारी के बाद ही खुलासा किया जाएगा। एसपी ने बताया कि 31 अगस्त को रात करीब 8:30 बजे एक इनपुट पुलिस को मिला था। इस इनपुट को बेगूसराय एसपी योगेंद्र कुमार के साथ शेयर किया गया। एसपी ने तुरंत ही मंझौल पुलिस आउटपोस्ट (OP) को कार्रवाई का निर्देश दिया। मंझौल ओपी क्षेत्र के एक अपराधी रौशन कुमार उर्फ चिंपू को लेकर यह इनपुट था। वह हथियार के साथ किसी बड़ी घटना का अंजाम देने के लिए निकला हुआ है, यह जानकारी आयी। इनपुट के आधार पर एसपी ने टीम को लगाया और पुलिस पीछा करने लगी। अपराधी देवेंद्र सिंह के घर के पास पहुंचा था कि वारदात को अंजाम दिए जाने की आशंका बढ़ गई। पुलिस नित्यानंद चौक के पास पहुंची तो अपराधी को भनक लग गई। अंधेरे का फायदा उठाकर वह वहां से फरार हो गया। पुलिस के हाथ वह अवैध हथियार लगे हैं, जिससे किसी बड़ी वारदात को अंजाम दिया जाना था। इस मामले में चेरिया बरियारपुर ओपी में एक एफआईआर दर्ज की गई है।

बरामदगी से अपराधी का मंसूबा हो रहा साफ
पुलिस ने मौके से एक लोडेड देसी कट्टा, एक रिवाल्वर और 315 बोर की कई कारतूस बरामद की है। फिलहाल यह नहीं बताया जा रहा है कि अपराधी किसकी हत्या करने पहुंचे थे। इतनी संख्या में हथियार का होना यह बताता है कि मंसूबा बेहद खतरनाक था। निश्चित तौर पर अगर पुलिस ने तुरंत एक्शन नहीं लिया होता तो शायद एक बार फिर से कोई मारा जाता। फरार अपराधी रौशन कुमार उर्फ चिंपू कब तक पुलिस के हाथ आता है और वह किस बाद साजिश का खुलासा करता है, यह सवाल अभी कायम है। पुलिस यह बता रही है कि वह सुपारी किलर के रूप में काम करता है, इसलिए उसकी गिरफ्तारी के बाद वह नाम भी सामने आएगा जिसने यह कांट्रैक्ट दिया होगा।

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