Bihar News में एक तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार बाहरी को बिहार में बुलाकर नौकरी दे रही है, लेकिन इस बड़े आयोजन से पहले बड़ा कांड हो गया है बिहार में।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की सरकार इस बात से फूला नहीं समा रही कि बिहार में 14 राज्यों के लोग बतौर शिक्षक नियुक्त होने आ रहे हैं। सरकार का दावा है कि बीपीएससी शिक्षक (BPSC Teacher) भर्ती में अप्रवासी भारतीय (Non Resident Indian) भी नौकरी ज्वाइन करने आ रहे हैं। लेकिन, इस भर्ती के बड़े आयोजन से एक दिन पहले बिहार में उत्तर प्रदेश निवासी एक प्रोफेसर को अपराधियों ने कॉलेज में घुसकर गोली मार दी है। बिहार पुलिस जहां पटना में मुख्यमंत्री के हाथों बिहार में नियुक्त होने जा रहे शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपे जाने के बड़े आयोजन के इंतजामात में लगी है, लेकिन अब उसे इस बड़े कांड की सूचना मिली है। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ निवासी प्रोफेसर को सीतामढ़ी में उनके ही कार्यस्थल पर कॉलेज में घुसकर गोली मारी गई है। गोली गले में एक तरफ से लगी और दूसरी तरफ निकल गई। वह वेंटिलेटर पर मौत से जूझ रहे हैं।
सीतामढ़ी के कॉलेज में घुसकर वारदात
घटना उसी सीतामढ़ी शहर में हुई है, जहां नीतीश सरकार धार्मिक पर्यटन के लिए करोड़ों रुपए खर्च करने वाली है। शहर के बीच श्री राधाकृष्ण गोयनका कॉलेज में भौतिकी विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी देख रहे रवि पाठक को मंगलवार दोपहर कार्यालय में ही गोली मारी गई। रवि का घर यूपी के अलीगढ़ में हैं। नकापोश बदमाश उन्हें गोली मारकर आसानी से निकल गए। पुलिस की प्राथमिक पूछताछ में सामने आया है कि किसी टेंडर को लेकर कुछ लोगों से उनका विवाद चल रहा था, संभव है इसी कारण यह जानलेवा हमला हुआ हो। पुलिस किसी बात की अभी पुष्टि नहीं कर रही है और कह रही है कि वह हर एंगल से इस केस की जांच करने के बाद ही कुछ बता सकेगी।
बयान से पहले सीसीटीवी भरोसे पुलिस
पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार तिवारी समेत पूरा पुलिस अमला उस निजी हॉस्पिटल में जुटा हुआ है, जहां वेंटिलेटर पर रवि पाठक को रखा गया है। चिकित्सकों को बातचीत करने लायक स्थिति नहीं बताई है, इसलिए पुलिस की एक टीम घटनास्थल और आसपास के इलाकों में सीसीटीवी फुटेज जुटा रही है। उसी के आधार पर आगे जांच होगी। रवि पाठक बात करने की स्थिति में होंगे, तब पुलिस बयान लेगी। अबतक की जांच के आधार पर एसपी मनोज कुमार तिवारी ने कहा कि कुछ विवादों की जानकारी मिली है। उससे जुड़े लोगों का पता लगाया जा रहा है। अपराधी नकाबपोश बताए जा रहे हैं, लेकिन कहीं-न-कहीं उनका चेहरा जरूर दिखेगा।