Bihar News में अब एक ऐसी खबर पढ़िए, जिससे पूरे पुलिस महकमे में खलबली मची हुई है। बिहार पुलिस मुख्यालय ने सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक की समीक्षा कर मलाई दी। अब बाकी पर कार्यवाही शुरू हो रही है।
बिहार पुलिस में नियुक्ति और प्रोन्नति की खबरों के बाद अब एक ऐसी खबर, जिससे सनसनी फैलेगी ही। खबर यह है कि बिहार पुलिस ने प्रोन्नति देने के नाम पर सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक का सर्विस रिकॉर्ड मंगाकर इसकी समीक्षा की थी और उस समीक्षा में फेल होने वालों पर अब संकट के बाद मंडराएंगे। सिपाहियों को सहायक अवर निरीक्षक, सहायक अवर निरीक्षकों को अवर निरीक्षक, अवर निरीक्षकों को निरीक्षक और निरीक्षकों को पुलिस उपाधीक्षक का कार्यभार सौंपने के लिहाज से इनका सर्विस रिकॉर्ड मुख्यालय ने मांगा था। अब उस रिकॉर्ड की समीक्षा के दौरान जो ऊपरी पद का कार्यभार पाने में सक्षम नहीं पाए गए, उन्हें सीधे तौर पर अयोग्य की श्रेणी में रखा गया है। बिहार में ऐसे दारोगों की कुल संख्या 172 बताई गई है। इनकी सूची जारी की गई है। एक तरह से पुलिस मुख्यालय ने एक काली सूची जारी की है, जिसमें कुल 452 अवर निरीक्षकों का नाम है। इनमें 172 तो अयोग्य ही घोषित हैं, शेष को लेकर निर्णय कुछ-कुछ कारणों से लंबित है।
संभावना शून्य दारोगा में मुजफ्फरपुर आगे
अयोग्य घोषित दारोगा सबसे ज्यादा 32 तिरहुत क्षेत्र, यानी मुजफ्फरपुर में हैं। इसके बाद 22 ऐसे दारोगा सारण और 17 ऐसे दारोगा केंद्रीय क्षेत्र पटना में हैं। चंपारण क्षेत्र बेतिया में 16, पूर्णिया क्षेत्र में 15, भागलपुर में 15, मुंगेर में 13, मगध क्षेत्र में 9, दरभंगा में 8, शाहाबाद क्षेत्र डिहरी में 8, बेगूसराय क्षेत्र में 5, सहरसा कोसी क्षेत्र में 4, विशेष शाखा में तीन, रेल क्षेत्र पटना में दो, आर्थिक अपराध इकाई में दो और बिहार पुलिस अकादमी में एक दारोगा काली सूची में बतौर अयोग्य शामिल किए गए हैं। किसी केस में दोषी होने या निलंबित होने के कारण मुख्य रूप से इन्हें अयोग्य घोषित किया गया है। ऐसे दारोगों की एक बार फिर समीक्षा होगी और अक्टूबर अंत तक इनपर फैसला ले लिया जाएगा। बिहार पुलिस में ऐसे मामलों में कुछ वर्षों के दौरान नौकरियां छीनी भी गई हैं, इसलिए बर्खास्तगी तक का फैसला आए तो अचरज नहीं।
लंबित का अपडेट 25 सितंबर तक ही चाहिए
पुलिस मुख्यालय ने जिन 280 दारोगों को काली सूची में लंबित बताते हुए सूचीबद्ध किया है, उनके लिए यह दौड़भाग का समय है। पुलिस मुख्यालय ने 25 सितंबर तक इनकी रिपोर्ट मांगी है। संबंधित वरीय अधिकारियों को लिखा गया है कि वह अपने क्षेत्र अंतर्गत लंबित श्रेणी में रखे गए दारोगों की समीक्षा करते हुए लंबित के कारणों का निराकरण कर सेवा विवरणी अपडेट करें और 25 सितंबर 2023 तक बिहार पुलिस मुख्यालय को हार्ड और सॉफ्ट कॉपी में उपलब्ध कराएं। सेवा विवरणी पुलिस मुख्यालय की ओर से 2 अगस्त को जारी प्रपत्र में ही बने और पुलिस मुख्यालय स्थित महानिदेशक नियंत्रण कक्ष में उपलब्ध करायी जाए। जिस पुलिस अवर निरीक्षक की सेवा विवरणी पहले किसी कारण से मुख्यालय को उपलब्ध नहीं कराई गई है, उनके मामलों में भी 25 सितंबर ही अंतिम तारीख है। मतलब, जिन्हें लंबित की श्रेणी में रखा गया है- वह संभावना वाले दारोगा हैं। अगर वह अपने कागजात अपडेट कराते हुए अपने वरीय अधिकारियों के जरिए मुख्यालय को समय पर पहुंचाने में सफल रहे तो संभव है कि उन्हें भी ऊपरी स्तर का कार्यभार मिले। नहीं तो काली सूची में रहने के कारण उनपर मुख्यालय आगे सोचेगा।
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