Poonam Pandey मॉडल की सर्वाइकल कैंसर से मौत की खबर देशभर की सुर्खियों में है। इस बीच बिहार की यह खबर जातिवादी कैंसर का रिपोर्ट बना रही है।
आरोप गैंगरेप का है, लेकिन अगवा कर अत्याचार तो पक्का है
पूरे देश में मॉडल पूनम पांडे (Poonam Pandey) की खबर चर्चा में है। उस चर्चा के बीच यह खबर दब रही है। अस्पताल में कराह रही 14 साल की इस बिहारी बच्ची की खबर (Bihar News) दबाने लायक नहीं है। इसलिए भी, क्योंकि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नेतृत्व में कथित तौर पर सुशासन की सरकार है। इसलिए भी, क्योंकि आरोप जंगलराज छिनने से गुस्साए लोगों पर है। इस स्कूली छात्रा को आठ-दस लोग लड़के अगवा कर ले गए। फिर बच्ची दो किलोमीटर दूर खेत में बेसुध मिली।
पिता एक राजनीतिक दल से जुड़े हैं। बच्ची की हालत दिखाते हुए बताते हैं- “यादव का सब लड़का…आठ-दस की संख्या में आया, गाली देते हुए कहा कि तुमलोग बीजेपी बनता है” कहते हुए उठाकर ले गया। दो किलोमीटर दूर खेत में…। क्या हुआ, लड़की तो बेसुध है। पुलिस (Bihar Police) उन लोगों को बचा रही है, जबकि हमने पकड़ कर सौंपा था।
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Poonam Pandey का समाचार शोक का, यह चिंता वाली खबर
खबर बिहार के भाेजपुर जिले की है, लेकिन परिजनों के अनुसार राज्य में महागठबंधन की सरकार खत्म कर भारतीय जनता पार्टी के साथ नई सरकार के गठन से गुस्साए यादव जाति के युवकों ने इस घटना को अंजाम दिया है। गांव वालों के अनुसार बच्ची को घर से अगवा कर गैंगरेप किया गया, हालांकि पुलिस इस मामले में चुप्पी मारे बैठी है। पुलिस के अनुसार कुछ ऐसा नहीं लग रहा है, जबकि बच्ची के पिता ने कहा कि बेसुध बेटी कुछ बताने की स्थिति में नहीं है। पुलिस जांच करे।
घटना गुरुवार देर रात कोईलवर थाना क्षेत्र के एक गांव की है। पुष्टि नहीं है, लेकिन कथित गैंगरेप के बाद नाबालिग बच्ची की हालत गंभीर बनी हुई है। वह आरा सदर अस्पताल में भर्ती है और जब भी होश में आ रही तो कराह रही है। बच्ची के पिता खुद एक राजनीतिक दल के पदधारक भी हैं और एक विधायक के रिश्तेदार भी। उन्होंने बताया कि यह घटना राजनीतिक रंजिश में हुई है, क्योंकि अपहरण के वक्त मौजूद उनकी पत्नी ने उन आठ-दस लड़कों की बातचीत में यही सुना कि भाजपा सरकार बनने से गुस्साए थे। सभी राष्ट्रीय जनता दल के समर्थक और लालू प्रसाद यादव की जाति के हैं।
बच्ची की पहचान नहीं दे सकते, लेकिन चिंता में डाल रही ताजा खबर
लड़की के पिता ने बताया कि उनकी बेटी और छोटा बेटा एक कमरे में बैठकर पढ़ाई कर रहे थे। तभी गांव के 8 से 10 युवक जबरन घर में घुस आए और हमारी नाबालिग बेटी को उठाकर ले जाने लगे। उन सभी को केस में नामजद किया है। प्रमाण भी है कि जब हमारी पत्नी विरोध किया तो बदमाशों ने दांत काटकर उन्हें घायल कर दिया और बच्ची को गांव से दूर ले जाकर खेत में उसके साथ जबरदस्ती की।
गिधा ओपी प्रभारी प्रिया शिला का इस मामले में रुख बेहद असंवेदनशील दिखा। उन्होंने कहा- “श्रीपालपुर गांव के खेत से बच्ची को बेसुध अवस्था में अस्पताल लाया गया। बच्ची का मेडिकल जांच कराया जा रहा है। वैसे, रेप जैसा कुछ लग नहीं रहा। बच्ची ठीक है।” गिरफ्तारी की बात पूछने पर उन्होंने कहा कि पहले केस तो दर्ज हो।