Bihar News में खबर बेगूसराय की उस बदनाम गलियों से जहां जिस्म का धंधा चल रहा है। लड़कियों की तस्करी कर उनसे जबरन धंधा कराया जा रहा है। स्टिंग ऑपरेशन Republican News ने सबूत दिए थे। फिर किसकी मेहरबानी से चल रहा है मानव तस्करी और देह व्यापार का ये धंधा?
बेगूसराय के बखरी थाना इलाके में एक बदनाम गली है। नाम है नदैल घाट। वैसे तो नदैल घाट बखरी का एक छोटा सा इलाका है। लेकिन इसकी पहचान और नाम दूर-दराज तक है। पहचान और नाम इसलिए क्योंकि यहां मानव तस्करी और देह व्यापार का खुला धंधा चलता है। सब जानते हैं कि यह रेड लाइट एरिया है। सभी को मालूम है कि यहां लड़कियों को जबरन तस्करी कर लाया जाता है। फिर उनसे देह व्यापार का धंधा कराया जाता है। सभी को यह भी मालूम है कि यह धंधा कौन करवाता है। लेकिन सवाल यह है कि आखिर इस जिस्म के धंधे को ऑपरेट करने वाले किसके आशीर्वाद से बच जाते हैं? आखिर क्यों पुलिस तभी यहां पहुंचती है जब कोई मामला सामने आता है? आखिर क्यों पुलिस इस धंधे को बंद करवाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही? रिपब्लिकन न्यूज़ (Republican News) ने करीब साढे तीन साल पहले एक स्टिंग ऑपरेशन में यहां चल रहे मानव तस्करी और देह व्यापार के धंधे का खुलासा किया था। तब तत्कालीन एसपी अवकाश कुमार के निर्देश पर बड़ी कार्रवाई हुई थी। लेकिन शायद वह कार्रवाई मीडिया की सुर्ख़ियों तक ही सीमित रह गई। यही वजह है कि एक बार फिर इस बदनाम गली में तस्करी कर देह व्यापार के धंधे में लगाई गई एक लड़की ने जब भाग कर अपनी जान बचाई तो मामला फिर से सुर्खियों में आ गया।
असम की लड़की, मानव तस्करी का खुलासा
शनिवार को प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र चकहमीद में एक लड़की पहुंची। वहां मौजूद लोगों से उसने बताया कि उससे जबरन देह व्यापार का धंधा कराया जा रहा है। इसकी सूचना एसडीएम सन्नी कुमार सौरभ को दी गई। एसडीएम ने डीएसपी कुंदन कुमार को मामले से अवगत कराया। फिर पुलिस ने प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर लड़की को बरामद किया। पूछताछ में लड़की ने बताया कि वह असम के मोरीगांव जिले की रहने वाली है। वह शादीशुदा है। उसके पति केरल में काम करते हैं। पति के पास जाने के लिए वह कामाख्या स्टेशन पहुंची थी। स्टेशन पर ही पिंकी ने उसे अपने झांसे में ले लिया और फिर वह पहुंच गई नदैल घाट।
पिंकी खातून के घर रेड, कैसे फरार हो गए धंधेबाज?
बरामद लड़की के बयान पर नदैल घाट में पुलिस टीम ने छापेमारी की। लेकिन हैरत की बात यह है कि जब पुलिस नदैल घाट इलाके में पहुंची तो वह पूरा रेड लाइट एरिया शांत था। धंधा करने वाले घरों पर ताले लटके थे। यहां तक कि जिस पिंकी खातून ने लड़की को इस धंधे में धकेला उसका भी घर बंद मिला। हालांकि पीछे के दरवाजे से पुलिस पिंकी खातून के घर में जा सकी। अब ऐसे में सवाल यह है कि आखिर पुलिस की कार्रवाई की जानकारी नदैल घाट में जिस्म का धंधा करने वालों तक पहले ही कैसे पहुंच गई?
स्टिंग ऑपरेशन के बाद पप्पू खलीफा गया था जेल, मीडिया में पाक साफ दिखाने की खातिर फिर रची साजिश
Republican News ने 18 जुलाई 2020 को एक स्टिंग ऑपरेशन किया था। इस एक्टिंग ऑपरेशन में रिपब्लिकन न्यूज़ संवाददाता कोमल आर्य और उनकी टीम ने नदैल घाट रेड लाइट एरिया में खुलेआम चल रहे जिस्म के धंधे का पर्दाफाश किया था। स्टिंग ऑपरेशन के बाद बेगूसराय के तत्कालीन एसपी अवकाश कुमार ने बड़ी कार्रवाई की थी। स्टिंग ऑपरेशन प्रसारित होते ही उसी रात, यानी 18 जुलाई 2020 की रात बखरी के तत्कालीन डीएसपी ओमप्रकाश और थानेदार मुकेश पासवान के नेतृत्व में कई थानों की टीम ने नदैल घाट एरिया में छापेमारी की थी। इस मामले में पप्पू खलीफा के खिलाफ और अनैतिक देह व्यापार समेत अन्य संगीन धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी।
पप्पू खलीफा को तब पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भी भेजा था। लेकिन उसके बाद दोबारा पुलिस ने नदैल घाट एरिया पर ध्यान देने की जरूरत नहीं समझी। कुछ दिन पूर्व इसी पप्पू खलीफा ने नदैल घाट में चल रहे अनैतिक देह व्यापार को बंद करने की पहल दिखाई थी। इसके चलते उसने मीडिया में सुर्खियां भी बटोरी थी। अब ध्यान देने वाले बात यह है कि जिस पिंकी खातून के घर इस लड़की से अवैध धंधा कराया जा रहा था, वह पिंकू खातून पप्पू खलीफा की सगी बहन है। मतलब साफ है कि पप्पू खलीफा ने साजिश के तहत मीडिया में सुर्ख़ियों बटोरने और खुद को पाक साफ साबित करने के लिए देह व्यापार का धंधा बंद करने की कथित पहल की थी। सूत्रों का दावा है कि पप्पू खलीफा का संबंध एक स्थानीय सफेदपोश से है। वह सफेदपोश इस पूरे सिंडिकेट का ऑपरेटर है। उसी के इशारे पर मानव तस्करी और देह व्यापार का धंधा लंबे समय से चल रहा है। उसकी हनक इतनी है कि पुलिस भी इस रेड लाइट एरिया में कदम रखने से परहेज करती है। इस परहेज के पीछे का सच क्या है ये तो तफ्तीश के बाद ही साफ हो पाएगा।