Bihar News : बिहार में DK टैक्स कोड का सच, तेजस्वी के डीके टैक्स की पूरी कहानी, सीएम नीतीश के करीब रिटायर्ड IAS कौन?

जीवन ज्योति, पटना

by Jyoti
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Bihar News में फिलहाल DK Tax सुर्खियों में है। तेजस्वी ने डीके टैक्स वसूली का आरोप तो लगाया, लेकिन डीके को डिकोड नहीं किया।

नीतीश सरकार के किस रिटायर अधिकारी पर आरोप लगा रहे हैं तेजस्वी यादव (फोटो : RepublicanNews.in)

Bihar Politics : तेजस्वी ने बिहार में DK टैक्स वसूलने का लगाया आरोप

बिहार में इन दिनों नए टैक्स पर खूब चर्चा हो रही है। टैक्स का नाम है डीके टैक्स। बिहार की नीतीश सरकार DK टैक्स के सवालों में उलझ गई है। तेजस्वी यादव ने बिहार में डीके टैक्स वसूले जाने का आरोप लगाया है। लेकिन उन्होंने डीके टैक्स को डिकोड नहीं किया। तेजस्वी ने कहा है कि वह जल्द ही इस पर बड़ा खुलासा करेंगे। ऐसे में हम इस खबर में समझने की कोशिश करेंगे कि आखिर तेजस्वी यादव का इशारा किसकी ओर है।

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Tejashwi Yadav : डीजीपी और मुख्य सचिव की भी नहीं चलती…

तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सीएम नीतीश होंश में ही नहीं हैं। बिहार में सरकार के मंत्रियों की सुनने वाला कोई नहीं है। यहां ना तो डीजीपी की चलती है और ना ही मुख्य सचिव की चल रही है। मुख्यमंत्री अगर कहीं जाते भी हैं तो इन अधिकारियों को बुलाते तक नहीं हैं। तेजस्वी ने यह भी आरोप लगाया कि बिहार को चलाने का काम कुछ रिटायर अधिकारी कर रहे हैं। बिहार में अभी डीके टैक्स चल रहा है। अधिकारियों के तबादले में हेराफेरी चल रही है। काबिल और परफॉर्मर अफसर को शंट कर दिया गया है। तेजस्वी ने अपने आरोपों में डीके टैक्स का जिक्र कर नई बहस को जन्म दे दिया है। हालांकि जब उनसे यह सवाल किया गया कि आखिर डीके टैक्स क्या है तो उन्होंने कहा कि वह जल्द ही इसका खुलासा करेंगे।

IAS Officer Bihar : बिहार के आईएएस अधिकारियों को जानिए

तेजस्वी यादव ने अपने आरोपों में बार-बार एक बात दोहराई है कि बिहार को कुछ रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सरकार चला रहे हैं। इससे पहले कि हम तेजस्वी यादव के आरोपों से किसी नतीजे पर पहुंचे, जरूरी है कि बिहार के ब्यूरोक्रेटिक लॉबी से जुड़े वैसे अधिकारियों पर नजर डाली जाए जो सीएम नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाते हैं। इन अधिकारियों में सीनियर आईएएस ब्रजेश मेहरोत्रा अगस्त में रिटायर हो रहे हैं। उनके अलावा चैतन्य प्रसाद 1990 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। जुलाई, 2025 में इनका कार्यकाल पूरा हो रहा है। केके पाठक भी 1990 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। 31 जनवरी, 2028 में इनका कार्यकाल पूरा होगा। 1991 बैच के अधिकारियों में प्रत्यय अमृत और एस सिद्धार्थ हैं, दोनों नीतीश कुमार के चेहते हैं। प्रत्यय अमृत का कार्यकाल 31 जुलाई 2027 में समाप्त होगा। जबकि एस सिद्धार्थ का कार्यकाल 30 नवंबर, 2025 में समाप्त होगा। 1993 बैच के दीपक कुमार सिंह और उनकी पत्नी हरजोत कौर हैं। दीपक कुमार सिंह का कार्यकाल 31 जुलाई, 2028 में पूरा होगा तो हरजोत कौर का 31 मई, 2027 में पूरा होगा। 1993 बैच के अधिकारियों में संदीप पौंडरीक और मिहिर कुमार सिंह है। दोनों का कार्यकाल 2028 में पूरा होने वाला है। फिलहाल सीएम नीतीश के करीबी रिटायर अधिकारियों की बात करें तो उनमें मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार का नाम आता है।

Nitish Kumar : आईएएस दीपक कुमार रिटायरमेंट के बाद सीएम हाउस में एडजस्ट

1984 बैच के आईएएस अधिकारी दीपक कुमार को 1 जून 2018 को नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव बनाया था। मुख्य सचिव के तौर पर दीपक कुमार का कार्यकाल फरवरी 2020 तक का ही था। मगर 2 बार एक्टेंशन के बाद उनका कार्यकाल 28 फरवरी 2021 तक हो गया। दीपक कुमार बिहार के मुख्य सचिव के पद से रिटायर हुए और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के पद पर नियुक्त कर दिए गए। बिहार के पॉलिटिकल और ब्यूरोक्रेटिक लॉबी में ये पद काफी पावरफुल माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि नीतीश कुमार चाहते थे कि दीपक कुमार को तीसरी बार एक्सटेंशन मिले। लेकिन केंद्र सरकार ने मंजूरी नहीं दी। लिहाजा नीतीश सरकार ने राबड़ी सरकार के वक्त के एक राज्यादेश का इस्तेमाल करते हुए दीपक कुमार को सीएम हाउस में ही एडजस्ट कर दिया।

Rabri Devi : लालू-राबड़ी सरकार में आईएएस मुकुंद प्रसाद के लिए क्रिएट किया था पद

तेजस्वी यादव का आरोप है कि रिटायर अधिकारी सरकार चला रहे हैं। लेकिन इसकी नींव खुद राजद सरकार में ही रखी गई थी। साल 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने मुख्य सचिव रहे मुकुंद प्रसाद के लिए मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव का पद क्रिएट किया था। रिटायरमेंट के बाद मुकुंद प्रसाद को राबड़ी देवी का प्रधान सचिव बनाया गया था। मुख्यमंत्री रहते ही राबड़ी ने राज्यादेश निकाला था कि रिटायर आईएएस अधिकारी को भी मुख्यमंत्री का प्रधान सचिव बनाया जा सकता है। तब लालू-राबड़ी राबड़ी राज में मुकुंद प्रसाद काफी पावरफुल आईएएस अधिकारी थे। नीतीश कुमार ने उसी राज्यादेश का सहारा लिया और दीपक कुमार को 1 मार्च से मुख्यमंत्री का प्रधान सचिव बना दिया। उन्हें अनिश्चितकाल के लिए इस पद पर नियुक्त किया गया है। ये टाइम बॉन्ड अपॉइंटमेंट नहीं है।

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