Bihar News में चर्चा VIP चीफ Mukesh Sahani के पिता Jitan Sahani हत्याकांड की। मंगलवार को बड़े-बड़े दावे करने वाली Bihar Police अचानक खामोश क्यों है?
ADG-DIG का दावा : अबतक क्यों खत्म नहीं हुआ 8 घंटा?
वीआईपी पार्टी के मुखिया मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की हत्या ने सूबे में सुशासन के दावों को कटघरे में खड़ा कर दिया। आम जनता से लेकर नेता तक पूछने लगे कि आखिर यह कैसा सुशासन है? मंगलवार को हत्याकांड के बाद डीआईजी बाबूराम खुद मौके पर पहुंचे। मीडिया से मुखातिब हुए तो दावा कर दिया कि अगले 8 घंटे में हत्याकांड का खुलासा कर दिया जाएगा। डीआईजी के दावे को लगभग 24 घंटे बीतने पर हैं। लेकिन दावे वाला वह 8 घंटा अब तक खत्म नहीं हुआ है। मंगलवार को ही पुलिस मुख्यालय में एडीजी जेएस गंगवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। कहा कि जल्द ही मामले का खुलासा होगा। लेकिन खुलासा अब तक नहीं हुआ। ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि मंगलवार को बड़े-बड़े दावे करने वाली बिहार पुलिस बुधवार को चुप क्यों है? क्या हत्याकांड के पीछे ऐसी कोई बड़ी वजह है जिसके कारण पुलिस अब तक खामोश है?
Jitan Sahani Murder : अब कठघरे में क्यों है पुलिस, Tejashwi Yadav खामोश क्यों?
दरभंगा जिले के सुपौल बाजार स्थित जीरात मोहल्ले में सोमवार की देर रात जीतन सहनी की उनके घर में हत्या कर दी गई। हत्याकांड का खुलासा मंगलवार की सुबह तब हुआ जब आसपास के लोगों के पुकारने पर भी दरवाजा नहीं खुला। जब लोग पीछे के रास्ते थे देखने गए तो पता चला कि अंदर बड़ी वारदात को अंजाम दिया गया है। मामला मुकेश सहनी के पिता की हत्या का था, लिहाजा सियासी बवाल भी तय था। हालांकि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने हत्याकांड के घंटों बाद सोशल मीडिया पर सरकार को खरी-खोटी सुनाई। अक्सर मुकेश सहनी के साथ में चॉपर में घूमने वाले तेजस्वी खुद दरभंगा नहीं गए। मंगलवार को जब मुकेश सहनी पटना एयरपोर्ट पर मीडिया से मुखातिब हुए तो उन्होंने भी सरकार पर हमला नहीं किया। ऐसे में कई तरह के सवाल उठ रहे थे। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि मंगलवार को खुद डीआईजी बाबूराम ने मीडिया से बात करते हुए बड़े-बड़े दावे किए थे। उन्होंने कहा था कि पुलिस हत्याकांड की गुत्थी तकरीबन सुलझा चुकी है। डीआईजी ने 8 घंटे में बड़े खुलासे का दावा किया था। इस दावे को लगभग 24 घंटे बीतने को है। लेकिन अब तक बिहार पुलिस की ओर से हत्या के पीछे की असल वजह नहीं बताई गई है।
ब्याज के पैसे का था विवाद, गिरवी थी बाइक?
अब तक की तफ्तीश में यह बताया गया है कि जीतन सहनी ब्याज पर पैसे देते थे। ब्याज के पैसे को लेकर ही कुछ लोगों से उनका विवाद चल रहा था। पैसे के बदले कुछ लोगों के बाइक गिरवी के तौर पर जीतन सहनी के पास मौजूद थे। सोमवार की रात करीब 4 लोग इसी मामले को सुलझाने के लिए उनके पास आए थे। पुलिस को आशंका है कि हत्याकांड की मूल वजह ब्याज पर दिए गए पैसे ही हैं। ग्रामीण भी या दावा कर रहे हैं कि हत्याकांड में स्थानीय लोग ही शामिल हैं।
क्यों सवालों के घेरे में है पुलिस व विपक्ष?
एडीजी जेएस गंगवार और डीआईजी बाबू राम ने मीडिया को बताया था कि इस मामले में कुछ लोगों को डिटेन किया गया है। डीआईजी ने यह भी कहा था कि जिस कमरे में हत्या हुई है, वहां से तीन ग्लास पाए गए हैं। लेकिन एडीजी ने यह साफ नहीं किया की ग्लास का इस्तेमाल किस लिए किया गया था। अपराधियों ने जीतन सहनी के पेट में तेज धार वाले हथियार से हमला कर आंत बाहर निकाल दिया। मतलब साफ है कि हत्याकांड को गुस्से में अंजाम दिया गया। अब सवाल यह है कि कल तक बड़े-बड़े दावे करने वाली बिहार पुलिस इस हत्याकांड को अब तक सुलझा क्यों नहीं सकी है? सवाल यह भी है कि जब पुलिस को यह मालूम है कि हत्याकांड को ब्याज के पैसे के लिए अंजाम दिया गया और सीसीटीवी में संदिग्ध भी दिखे हैं तो अब तक पुलिस अपराधियों को मीडिया के सामने क्यों नहीं ला सकी? इससे भी बड़ा सवाल यह कि आखिर क्या वजह है कि बात-बात पर बवाल करने वाला विपक्ष मुकेश सहनी के पिता की हत्या के बावजूद बस सोशल मीडिया पर ही बयानबाजी करने में लगा है।