Bihar News में खबर क्राइम कैपिटल यानी राजधानी पटना से। यहां 2 बच्चियों के साथ गैंगरेप और एक बच्ची की हत्या हुई है। पुलिस का शर्मनाक चेहरा भी बेनकाब हो गया है।
राजधानी पटना में कानून के साथ बलात्कार हो रहा है। पुलिस मुख्यालय में बैठे कानून के रखवाले मीडिया के सामने बड़ी-बड़ी डींगे हांक रहे हैं। सुशासन बाबू सुशासन का ढोल पीट रहे हैं। जबकि हालात बद से बद्तर हो चुके हैं।
पटना के फुलवारी शरीफ में दो बच्चियों के साथ गैंगरेप की खबर ने हर किसी को बेचैन कर दिया है। दरिंदों ने बलात्कार के बाद एक बच्ची की हत्या भी कर दी है। आशंका इस बात की भी है कि घायल बच्ची को गैंगरेप के बाद अपराधियों ने मरा हुआ समझ कर छोड़ दिया। बच्ची फिलहाल अस्पताल में भर्ती है। यह घटना फुलवारी शरीफ थाना के हिंदुनी गांव में हुई है। इस पूरी घटना में फुलवारी शरीफ पुलिस का शर्मनाक चेहरा बेनकाब हो गया है। क्योंकि बच्चियों के गायब होने के 12 घंटे बाद भी पुलिस ने परिजनों को यह कहकर थाने से भगा दिया कि खुद जाकर बच्चियों की तलाश करो। आखिरकार 24 घंटे से ज्यादा बीत जाने के बाद गांव वालों ने ही एक बच्ची की लाश बरामद की और एक बच्ची को बदहवास हालत में अस्पताल पहुंचाया। फिलहाल पुलिस ने गैंगरेप की पुष्टि नहीं की है।
सोमवार की सुबह 7 बजे घर से निकली बच्चियां, पुलिस ने थाने से भगाया
ग्रामीणों ने बताया कि हिंदुनी गांव की 7 वर्षीय बच्ची और जानीपुर की रहने वाली 8 वर्षीय बच्ची दोनों ही दोस्त हैं। सोमवार की सुबह करीब 7 बजे दोनों लकड़ी लाने के लिए आलमपुर गांव गई थी। जब काफी देर तक दोनों वापस नहीं लौटी तो ग्रामीणों ने उनकी तलाश शुरू की। लेकिन आलमपुर गांव में बच्चियों का कोई सुराग नहीं मिला। आखिरकार शाम करीब 4 बजे परिजन और ग्रामीण फुलवारी शरीफ थाना पहुंचे। लोगों ने पुलिस से बच्चियों को ढूंढने की अपील की। लेकिन बेशर्म खाकीधारियों ने ग्रामीणों को दुत्कार कर थाने से भगा दिया। पुलिस ने उनसे कहा कि जाकर बच्चियों को खुद ढूंढ लो।
आलमपुर से आधा किलोमीटर दूर मिली लाश
ग्रामीणों का दावा है कि बच्चियों को या तो आलमपुर से अगवा किया गया या फिर आलमपुर जाने के दौरान रास्ते में ही उन्हें अगवा कर लिया गया। क्योंकि एक बच्ची की लाश आलमपुर से करीब आधे किलोमीटर दूर बरामद की गई है। वहीं पर दूसरी बच्ची भी बेसुध अवस्था में पाई गई है। ग्रामीणों के अनुसार दोनों बच्चियों के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया है। हिंदुनी गांव की रहने वाली बच्ची की मौत हो चुकी है। जबकि जानीपुर की रहने वाली 8 साल की मासूम बच्ची अचेत अवस्था में मिली है। ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि गैंगरेप करने वालों ने इस बच्ची को भी मरा हुआ समझकर छोड़ दिया।
टॉर्चर की हद : परिजन को भी नहीं पहचान रही मासूम, फटे हुए कपड़े, टूटे हैं हाथ
घटनास्थल पर बेसुध पड़ी बच्ची को अपराधियों ने किस कदर टॉर्चर किया है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह बच्ची अपने परिवार के लोगों तक को नहीं पहचान पा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि 7 वर्षीय बच्ची जिसकी मौत हुई है उसके हाथ भी टूटे हुए हैं। जबकि, घायल बच्ची किसी को पहचान नहीं पा रही है। उसके सिर पर गंभीर चोट लगा है। उसके कपड़े फटे हुए हैं। ऐसे में इस बात के कयास भी लगाए जा रहे हैं की कोई खास गैंग इस पूरी वारदात में शामिल है।
पुलिस की बेशर्मी : अगर खाकी की आत्मा जाग जाती तो नहीं होती मौत
पुलिस मुख्यालय में बैठकर मीडिया के सामने डींगे हांकने वाले अधिकारियों को शायद चेहरा चमकाने से फुर्सत नहीं है। यही वजह है कि उनके थानेदार तक इतने बेशर्म हो चुके हैं कि उन्हें किसी की मौत या किसी के बलात्कार से कोई फर्क नहीं पड़ता। ग्रामीण बेहद गुस्से में हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते फुलवारी शरीफ थाना पुलिस ने परिजनों की बात सुनकर तलाश शुरू कर दी होती तो ऐसी घिनौनी वारदात नहीं होती। आज किसी घर में बच्ची की मौत पर चीख-पुकार नहीं मचा होता। आज कोई बच्ची अस्पताल में जिंदगी और मौत से जंग नहीं ले रही होती। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि सड़े हुए सिस्टम से आखिर उम्मीद ही क्या की जा सकती है?
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दोषी पुलिस पदाधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, एवं आरोपी को फांसी की सजा दी जाए।