Bihar News में खबर आईएएस केके पाठक से जुड़ी हुई। सीधे सीएम नीतीश से टकराने वाले केके पाठक ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वो जो सोचते हैं, वो करते हैं।
बिहार का शिक्षा विभाग अजीब असमंजस की स्थिति में है। ईद और रामनवमी को लेकर शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को रद्द किए जाने का आदेश सोमवार को सोशल मीडिया पर वायरल किया गया था। यहां तक की सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के साथ ही मुख्यमंत्री की विशेष पीआर टीम ने भी मीडिया को यह पत्र भेजा था। वहीं अब शिक्षा विभाग ने उसे पत्र को ही फर्जी करार दे दिया है। ऐसे में शिक्षक खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
सीएम के संज्ञान की बात, IPRD व CM की PR टीम ने भेजा ये लेटर
सोमवार को सूचना एवं जनसंपर्क विभाग तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विशेष PR टीम के कई लोगों द्वारा अलग-अलग मीडिया हाउस को एक प्रेस नोट भेजा गया था। इस प्रेस नोट में कहा गया था कि ‘शिक्षा विभाग अंतर्गत शैक्षणिक संस्थानों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे शिक्षकों को आने वाले ईद एवं रामनवमी के दौरान असहजता को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसपर संज्ञान लिया है। इसलिए 10 और 11 अप्रैल को ईद तथा 17 अप्रैल को रामनवमी के अवसर पर अवकाश घोषित किया गया है’। इस लेटर के जारी होने के बाद ऐसा लग रहा था कि जैसे शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के लिए यह बड़ी सबक है। लेकिन 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि शिक्षा विभाग ने ही इस पत्र का खंडन कर दिया है
अफसर बोले : कन्हैया प्रसाद का पत्र सही, सीएम का पत्र फर्जी
मंगलवार को शिक्षा विभाग की ओर से माध्यमिक शिक्षा के निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने एक पत्र जारी किया है। इस पत्र में कहा गया है कि ‘सोशल मीडिया पर शिक्षा विभाग से संबंधित एक प्रेस नोट वायरल किया गया है कि 10 एवं 11 अप्रैल को ईद तथा 17 अप्रैल को रामनवमी के अवसर पर अवकाश घोषित किया गया है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में अन्य किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया गया है’। यह वायरल प्रेस नोट शिक्षा विभाग द्वारा जारी नहीं किया गया है। यह प्रेस नोट पूर्णतः भ्रामक एवं फर्जी है। विभाग के इस पत्र ने उस दावे को सिरे से खारिज कर दिया जिसमें यह कहा गया था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संज्ञान लेते हुए ईद और रामनवमी के अवसर पर शिक्षकों को प्रशिक्षण कार्यक्रम से राहत दी है। अब ऐसे में सवाल यह है कि आखिर शिक्षक किसकी बात को सही मानें? रिपब्लिकन न्यूज़ ने शिक्षा विभाग के अधिकारी से जानकारी ली। उन्होंने हमें बताया कि मंगलवार को माध्यमिक शिक्षा के निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव जारी द्वारा जारी पत्र सही है। अब ऐसे में सवाल यह है कि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग तथा सीएम की PR टीम सोमवार को जो पत्र मीडिया के लोगों के पास भेज रही थी, वह पत्र फर्जी कैसे है? अगर फर्जी है तो फिर उसे मीडिया के पास भेजा क्यों गया?