Bihar News में चर्चा RJD के MLC Sunil Singh की हो रही है। उन्हें विधान परिषद से बर्खास्त कर दिया गया है। इस फैसले पर सियासी बवाल मचा है।
Sunil Kumar Singh : 24 घंटे में गई 2 कुर्सी
आरजेडी जब नीतीश कुमार के साथ मिलकर बिहार में सरकार चला रही थी, तब भी राजद के एकमात्र नेता सुनील कुमार सिंह ही है थे जो नीतीश कुमार पर हमलावर रहते थे। सुनील कुमार सिंह को उनकी तल्ख टिप्पणी के लिए जाना जाता है। लेकिन पिछले 24 घंटे में उनके ऊपर हुई दो बड़ी कार्रवाई ने सुनील कुमार सिंह को सुर्खियों में ला दिया है। 24 घंटे के अंदर सुनील सिंह के हाथ से दो कुर्सी खिसक गई। पहले बिस्कोमान के अध्यक्ष पद से हटाए गए। अब विधान परिषद से बर्खास्त कर दिया गया। कहा जा रहा है कि सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पंगा लेने के कारण सुनील कुमार सिंह पर इतनी बड़ी कार्रवाई की गई है।
आरोप : 4 बैठकों से अनुपस्थित, आरोपों का जवाब नहीं दिया, बर्खास्त
बिहार विधान परिषद की आचार समिति की अनुशंसा पर एमएलसी सुनील कुमार सिंह बर्खास्त कर दिए गए हैं। बर्खास्तगी की इस कार्रवाई के बाद विपक्ष हमलावर है। वहीं सत्ता पक्ष इसे सही करार देने में जुटा है। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के मुंह बोले भाई सुनील कुमार सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जुबानी हमले के कारण अक्सर चर्चा में रहते हैं। सुनील कुमार सिंह पर विधान परिषद की आचार समिति ने आरोप गठित किया कि वह सदन के अंदर लगातार चार बैठकों में अनुपस्थित रहे। पांचवी बैठक में हुए शामिल तो हुए, लेकिन अपने ऊपर लगे आरोपों पर कोई जवाब नहीं दिया। आचार समिति की अनुशंसा पर सुनील कुमार सिंह को बर्खास्त कर दिया गया। मतलब सुनील कुमार सिंह अब एमएलसी नहीं रहे।
पत्थर का लालटेन लगाने वाले सुनील सिंह पर दूसरी बड़ी कार्रवाई
24 घंटे में सुनील कुमार सिंह पर यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है। इससे पहले उन्हें बिस्कोमान के अध्यक्ष पद से हटाया गया। वर्ष 2003 से सुनील कुमार लगातार बिस्कोमान के अध्यक्ष पद पर बने हुए थे। सुनील कुमार सिंह को लालू परिवार का बेहद गरीबी इसलिए भी माना जाता है क्योंकि उन्होंने मुश्किल वक्त में भी लालू परिवार का साथ नहीं छोड़ा। आरजेडी दफ्तर में पत्थर का एक बड़ा लालटेन लगा है। इस लालटेन को भी सुनील कुमार सिंह ने ही लगाया था। तब इसका उद्घाटन राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने खुद किया था। सुनील सिंह राजद के उन नेताओं में शामिल हैं, जिनके ऊपर पार्टी को चलाने के लिए फंड जुटने की बड़ी जिम्मेदारी होती है। ऐसे में उनके ऊपर हुई कार्रवाई से आरजेडी बेहद नाराज है।