Bihar News में CM Nitish Kumar की कुर्सी पर RJD विधायक के बैठने पर बवाल हो गया। इस बवाल की असली वजह क्या है, जानिए।
Bihar Vidhan Sabha : सीएम नीतीश की कुर्सी पर बैठ गए भाई वीरेंद्र, बवाल
बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र (Bihar Assembly Winter Session 2024) चल रहा है। इस बीच गुरुवार को एक बड़ा बवाल सामने आया। यह बवाल उस वक्त हुआ जब राजद के विधायक भाई वीरेंद्र सीएम नीतीश कुमार की कुर्सी तक पहुंच गए। सत्ताधारी दल का आरोप है कि भाई वीरेंद्र ने नियमों को ताक पर रखते हुए मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने की गुस्ताखी की है। जैसे ही भाई वीरेंद्र मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पहुंचे, वहां मौजूद मार्शल ने उन्हें जबरन हटा दिया। इसके बाद विवाद तब और बढ़ गया जब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव के पास पहुंच गए। इन सब के बीच सवाल यह था कि आखिर भाई वीरेंद्र ने अपनी कुर्सी छोड़कर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने की गलती क्यों की? क्या यह कोई गलती थी या फिर जानबूझकर किया गया खेल था? असल में यह राजद की एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। इस रणनीति के पीछे की वजह है राजद के तीन बागी विधायकों पर कार्रवाई नहीं किया जाना।
Tejashwi Yadav : बागी विधायकों को मंत्री के साथ बैठाने को लेकर विवाद
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कुर्सी पर भाई वीरेंद्र के बैठने को लेकर हुए बवाल के बाद मीडिया के सामने आए तेजस्वी यादव ने इस मामले में बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि सदन में सदस्यों से लेकर नेता प्रतिपक्ष और मुख्यमंत्री तक के बैठने के लिए जगह तय की जाती है। विधायक कहां बैठेंगे यह पार्टी तय करती है। पार्टी के फैसले के हिसाब से विधानसभा अध्यक्ष सदस्यों के बैठने का स्थान अलॉट करते हैं। तेजस्वी यादव ने कहा कि व्हिप का उल्लंघन करने वाले राजद के तीन विधायकों के खिलाफ हमने कार्रवाई की मांग की थी। उनकी सदस्यता रद्द करने के लिए सदन को लिखा था। लेकिन नियमों का उल्लंघन करते हुए उनकी सदस्यता रद्द नहीं की जा रही है। इसके अलावा राजद के बागी विधायकों को बैठने के लिए सत्ताधारी के खेमे में कुर्सी दी जा रही है। यह नियमों का खुला उल्लंघन है। इसलिए सरकार को संकेत देने और सचेत करने के लिए विधायक भाई वीरेंद्र मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पहुंच गए थे। तेजस्वी यादव ने साफ किया कि भाई वीरेंद्र कुर्सी पर बैठे नहीं थे। यह सिर्फ सरकार को एक संकेत था कि यदि सदन में नियमों की अवहेलना की जाएगी तो नियम कोई भी तोड़ सकता है।
Floor Test : चेतन, प्रह्लाद व नीलम देवी पर नहीं हुआ एक्शन
फ्लोर टेस्ट के दौरान आरजेडी के तीन विधायक चेतन आनंद, प्रह्लाद यादव और नीलम देवी ने सरकार को अपना समर्थन दिया था। यह राजद के लिए बड़ा झटका था ।लिहाजा राजद ने इसे व्हिप का उल्लंघन करार देते हुए विधानसभा अध्यक्ष को तीनों विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी। लेकिन इन तीनों ही विधायकों की सदस्यता रद्द नहीं की गई। तेजस्वी यादव का कहना है कि सदस्यता रद्द नहीं की गई तो यह तीनों विधायक आरजेडी के ही माने जाएंगे। अब राजद के विधायक कहां बैठेंगे यह तय करना पार्टी का काम है। पार्टी चाहती है कि अगर उनकी सदस्यता रद्द नहीं की गई है तो वह तीनों राजद के विधायकों के खेमे में बैठे। लेकिन नियमों के खिलाफ उन्हें सत्ता पक्ष के मंत्रियों के साथ बैठाया जा रहा है। इसलिए राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने सरकार को संकेत देने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कुर्सी पर बैठने का संकेत दिया।