Bihar News में चर्चा पप्पू यादव की हो रही है। अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में किया। सीट तक नहीं मिली। अब निर्दलीय हो गए पप्पू।
डंके की चोट पर पूर्णिया सीट जीतने का दंभ भरने वाले पप्पू यादव लुट गए। हालत ऐसी हुई कि खुद की पार्टी खत्म कर ली। कांग्रेस में विलय कर लिया। कांग्रेस इतनी कमजोर निकली कि एक सीट भी पप्पू यादव को नहीं दिला सकी। अब पप्पू यादव के लिए खूब चर्चा है कि न घर के रहे, न घाट के…। महागठबंधन में सीटों का बंटवारा हो गया। इस बंटवारे में अगर किसी को सबसे बड़ा नुकसान हुआ तो वो हैं पप्पू यादव। आइए समझते हैं कि पप्पू यादव से पूर्णिया सीट क्यों छीन ली गई।
तेजस्वी यादव पर हमला पड़ गया भारी, बीमा भारती ने बाजी मारी
पप्पू यादव जब कांग्रेस ज्वाइन करने वाले थे तब उन्होंने आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव से मुलाकात की। लालू ने उन्हें मधेपुरा सीट से लड़ने को कहा। लेकिन पप्पू यादव ने पूर्णिया से नहीं हटने की बात दोहरा दी। अब जबकि पप्पू बेटिकट हो चुके हैं तब उनके पुराने वीडियो खूब चर्चा में हैं। कई वीडियो में पप्पू यादव सीधे तेजस्वी पर हमलावर हैं। उन्होंने तेजस्वी को लेकर कई बार यहां तक कह दिया कि लालू के नाम के अलावा तेजस्वी के पास है ही क्या? अगर वे लालू के बेटे नहीं होते तो मुखिया का चुनाव भी नहीं जीत पाते। कहा जा रहा है कि तेजस्वी ने पप्पू को टारगेट पर ले रखा था। अब जबकि मौका था तो उन्होंने पप्पू से हर हमले का बदला चुकता कर लिया। जब बीमा भारती ने जेडीयू से इस्तीफा दिया था, उसी रोज उन्हें पूर्णिया से लड़ने का सिग्नल मिल चुका था।
अखिलेश सिंह ने कर दिया खेल, खूब हुई थी लड़ाई
बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश सिंह और पप्पू यादव के बीच टकराव किसी से छिपी नहीं है। एक समय दोनों के बीच बड़ा बवाल छिड़ गया था। जिस दिन पप्पू यादव कांग्रेस ज्वाइन कर रहे थे तब भी बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष होने के बावजूद अखिलेश उस कार्यक्रम से गायब रहे। दोनों के बीच करवाहट तब और सुर्खियों में आ गई जब कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद पप्पू ने वहां मौजूद नहीं रहने वाले कई नेताओं का नाम लिया, लेकिन अखिलेश का नाम एक बार भी नहीं लिया। कहा जा रहा है कि अखिलेश सिंह भी पप्पू यादव को टिकट मिलने के पक्ष में नहीं थे। अब पप्पू यादव की हालत ऐसी है कि वे न घर के रहे और न घाट के। अपनी पार्टी का नाश खुद के हाथों कर बैठे और अब निर्दलीय लड़ने के कगार पर खड़े हैं।