BJP-JDU में ये कैसी खिचड़ी पक रही है? बिहार में सत्तारूढ़ जेडीयू और बीजेपी के बीच मणिपुर में दरार आ गई है। जेडीयू ने समर्थन वापस ले लिया है।
JDU Withdraws Support In Manipur : जेडीयू ने बीजेपी सरकार से वापस लिया समर्थन
बिहार में 2025 का विधानसभा चुनाव होना है और इससे पहले नीतीश कुमार की जेडीयू और बीजेपी के बीच दरार की खबरें सामने आ गईं हैं। वैसे तो यह खबर बिहार से बाहर मणिपुर से सामने आई है, लेकिन इसके पीछे कई बड़ी सियासी रणनीति भी बताई जा रही है। मणिपुर में बीजेपी सरकार से जेडीयू ने अपना समर्थन वापस ले लिया है। जदयू के एकमात्र विधायक अब विपक्ष में बैठेंगे।
Nitish Kumar : 2025 विधानसभा से पहले नीतीश का प्रेशर पॉलिटिक्स?
नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड) (JDU) ने मणिपुर में एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार को बड़ा झटका दे दिया है। उन्होंने औपचारिक रूप से अपना समर्थन वापस ले लिया है। जेडीयू ने कहा है कि राज्य में उसके एकमात्र विधायक मोहम्मद अब्दुल नासिर अब विपक्ष में बैठेंगे। जेडीयू का यह फैसला बिहार चुनाव से पहले नीतीश कुमार का बड़ा सियासी गेम माना जा रहा है। बिहार में इसी साल अक्टूबर के आसपास विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में नीतीश की पार्टी के इस फैसले को भाजपा पर सीट बंटवारे के लिए दबाव की रणनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है।
Manipur News : बीजेपी ने तोड़े थे जेडीयू के 5 MLA
मणिपुर में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को विधानसभा चुनाव में 6 सीटें मिली थीं। वर्ष 2022 में मणिपुर में बीजेपी ने जेडीयू को बड़ा झटका दिया था। जेडीयू के 6 में से पांच विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया था। विधायक केएच जॉयकिशन, एन सनाते, मोहम्मद अछबउद्दीन, पूर्व पुलिस महानिदेशक एएम खाउटे और थांगजाम अरूण कुमार ने बीजेपी का दामन थाम लिया था।
JDU Bihar : समर्थन वापसी की खबर से खलबली, पार्टी ने अध्यक्ष को हटाया, समर्थन जारी
नीतीश कुमार की पार्टी के बीजेपी से समर्थन वापस लेने की खबर सुर्खियों में आ गई है। इस बीच जेडीयू ने समर्थन वापस लेने वाले मणिपुर इकाई के अध्यक्ष वीरेन सिंह को ही पद हटा दिया है। जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने मीडिया के सामने आकर समर्थन वापसी का खंडन किया। उन्होंने कहा कि बीजेपी को हमारा समर्थन जारी रहेगा। मणिपुर इकाई के अध्यक्ष वीरेन सिंह को उनके पद से हटा दिया गया है। आरोप है कि मणिपुर इकाई ने केंद्रीय समिति से बातचीत किए बिना ही समर्थन वापसी का पत्र जारी किया था।