Bihar Politics में एक बार फिर Bihar Political Crisis की चर्चा है। सियासी गलियारों से लेकर ब्यूरोक्रेटिक लॉबी तक में एक मुलाकात और नीतीश की खामोशी पर कयासों का बाजार गर्म हो चुका है।
Bihar Political News : नीतीश खामोश, शाह के बयान पर विवाद, एक मुलाकात…
नीतीश कुमार खामोश हैं। उनकी खामोशी के पीछे उनका बीमार होना वजह माना जा रहा है। बिहार बिजनेस कनेक्ट में सीएम नीतीश का कार्यक्रम अचानक रद्द होने के बाद यह खबर आई कि नीतीश कुमार अस्वस्थ हैं। इसलिए उनके कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है। लेकिन सियासी गलियारों में नीतीश की खामोशी के पीछे बड़ा तूफान छिपे होने की चर्चा है। बात बिहार में खेला होने से लेकर, एक बार फिर सत्ता परिवर्तन तक पहुंच गई है। इस बीच आरजेडी के एक विधायक और नीतीश के करीबी मंत्री के गुपचुप मिलन की खबरों ने बीजेपी खेमे में टेंशन बढ़ा दी है।
BJP Bihar : सीएम हाउस में सन्नाटा, बीजेपी की बढ़ी टेंशन
कहा जाता है कि नीतीश कुमार जब-जब खामोश होते हैं, तब सियासी बवंडर खड़ा हो जाता है। एक बार फिर नीतीश कुमार खामोश हैं। नीतीश कुमार के हेल्थ को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। अब सवाल तब उठा जब बिहार बिजनेस कनेक्ट 2024 में इतने बड़े MOU के लिए करार करने खुद नीतीश कुमार नहीं पहुंचे। तब खबर आई कि नीतीश कुमार बीमार हैं। इस बीच 23 दिसंबर से उनकी यात्रा भी शुरू होनी है। लेकिन अब तक सीएम हाउस से कोई संदेश बाहर नहीं आ रहा। इस बीच अंदर की जो खबरें चर्चा में हैं, उसने बीजेपी की बेचैनी बढ़ा दी है। यह खबर सियासी गलियारों से लेकर ब्यूरोक्रेटिक लॉबी तक घूम रही है।
आखिर अचानक क्यों बिगड़ी सीएम नीतीश की तबियत, विज्ञापन छपने के बाद सभी कार्यक्रम रद्द होने का मतलब क्या है?
Nitish Kumar : एकनाथ शिंदे बनने का डर, खामोश हुए नीतीश
नीतीश कुमार अस्वस्थ हैं या जानबूझकर खामोश, यह कोई नहीं समझ पा रहा है। लेकिन सीएम हाउस से छन कर आई खबरों के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान से सीएम नीतीश बेहद नाराज हैं। गृह मंत्री अमित शाह के बयान से नीतीश की बेचैनी बढ़ गई है। एक टीवी चैनल पर इंटरव्यू के दौरान सीएम के फेस को लेकर अमित शाह ने कहा कि चुनाव बाद पार्लियामेंट्री बोर्ड इस पर फैसला करेगा। हालांकि बाद में डैमेज कंट्रोल के लिए बीजेपी के कई नेताओं ने कहा कि नीतीश कुमार ही चेहरा होंगे। ऐसा माना जा रहा है कि सीएम नीतीश महाराष्ट्र के एकनाथ शिंदे प्रकरण के बाद अलर्ट हैं।
RJD-JDU : लालू के खास विधायक और नीतीश के करीबी मंत्री की मुलाकात
सियासी गलियारों में इस वक्त एक मुलाकात पर खूब चर्चा हो रही है। यह मुलाकात राजद के एक विधायक और नीतीश के बेहद खास एक मंत्री के बीच की है। सूत्रों के अनुसार, अमित शाह प्रकरण के बीच लालू परिवार के बेहद करीबी राजद के एक विधायक और नीतीश के बेहद खास मंत्री की मुलाकात हुई थी। मुलाकात में क्या बातें हुई यह तो साफ नहीं है। लेकिन इस मुलाकात को बिहार की राजनीति में आने वाले सियासी तूफान से जोड़कर देखा जा रहा है
Election 2025 : आरजेडी के साथ चुनाव लडना चाहते हैं JDU विधायक
जानकार बताते हैं कि जेडीयू विधायकों और सांसदों का गणित लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए अलग-लग रहा है। विधायकों का मानना है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी के साथ लड़ने से पार्टी को फायदा होता है। जबकि विधानसभा चुनाव में अगर अधिक सीट पर जीत चाहिए तो राजद के साथ गठबंधन जातीय समीकरण को मजबूत करता है। ऐसे में पार्टी पर आरजेडी से नजदीकियां बढ़ाने का दवाब भी है।
DGP Bihar : फिर बीजेपी के दवाब में कैसे बदले गए डीजीपी, ED का डर किसे है?
इन चर्चाओं के बीच एक सवाल यह भी है कि अगर सीएम नीतीश किसी बदलाव के मूड में हैं तो बीजेपी के दवाब में डीजीपी बदले जाने का गणित क्या हो सकता है? हाल ही में जब आईपीएस आलोक राज से डीजीपी की कुर्सी छीन कर विनय कुमार को डीजीपी बनाया गया तो इसमें बीजेपी की अहम भूमिका चर्चा में आई। अब सवाल यह कि अगर नीतीश सरकार बीजेपी के दबाव में DGP बदलने का फैसला ले सकती है तो फिर बीजेपी से अलग होकर आरजेडी में जाने का सवाल ही कहां उठता है? इस सवाल पर जानकारों का कहना है कि नीतीश कुमार कब क्या करेंगे यह किसी को पता नहीं होता। जानकार यह भी बता रहे हैं कि बिहार में डीजीपी बदलने का फैसला ब्यूरोक्रेटिक लॉबी का था। आईएएस संजीव हंस प्रकरण के बाद ED की रडार पर कई बड़े अधिकारी हैं। ऐसे में बीजेपी की दखल ब्यूरोक्रेटिक लॉबी में अब बढ़ी हुई है। हालांकि सीएम नीतीश कुमार को इन बातों से कोई लेना-देना नहीं है। अगर गठबंधन टूटा और ED की कार्रवाई तेज हुई भी तो नीतीश कुमार को लपेटे में लेना संभव नहीं हो पाएगा। भले ही उनके कुछ खास अधिकारी ED के निशाने पर आ सकते हैं। अब सबकी नजर 23 दिसंबर से शुरू होने वाली सीएम नीतीश की यात्रा पर टिकी है।