Bihar News में खबर नियोजित शिक्षकों (Niyojit Teacher) से जुड़ी हुई। सरकार के फरमान से नियोजित शिक्षक परेशान हैं। इस बीच बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने खोल दिया है मोर्चा।
नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए नीतीश सरकार ने जो नियमावली बनाई है, उससे नियोजित शिक्षकों में हड़कंप मचा है।3 बार में सक्षमता परीक्षा पास नहीं करने पर नौकरी चली जाएगी। सरकार के इस फैसले से एक तरफ जहां नियोजित शिक्षक सकते में हैं। वहीं दूसरी तरफ शिक्षक संघ ने नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
फ्लोर टेस्ट से पहले लें फैसला, परीक्षा को तत्काल रोके सरकार
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने नीतीश सरकार को सीधी चेतवानी दी है। उन्होंने कहा है कि सरकार फ्लोर टेस्ट के पहले इस मसले पर फैसला ले। नियोजित शिक्षकों के साथ इस अन्याय को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने साफ कहा है कि नीतीश सरकार तत्काल सक्षमता परीक्षा पर रोक लगाए। विसंगतियों में संशोधन करने के बाद ही कोई अंतिम फैसला लिया जाए।
एक लाख लोगों से लिया सुझाव, रद्दी की टोकरी में फेंक दिया
नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के फैसले से पहले संविधान के अनुच्छेद 309 में बदलाव किया गया। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने बताया कि अनुच्छेद 309 में बदलाव कर केंद्र या राज्य सरकार अपने अधीन कर्मियों के लिए नए नियम बनाती है या संशोधन करती है। नीतीश सरकार ने भी अनुच्छेद 309 में बदलाव किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि नियमावली बनाने से पहले सुझाव मांगे गए थे। करीब एक लाख लोगों से सुझाव लिए गए थे। लेकिन इन सुझाव को रद्दी की टोकरी में फेंक दिया गया। शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने आरोप लगाया है कि प्रारूप कुछ और प्रकाशित किया गया था। जबकि नियमावली पास कुछ और ही कराया गया।
समिति की बैठक में फैसला, नौकरी जाने का सता रहा डर
बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 के तहत सक्षमता परीक्षा से संबंधित गठित विभागीय समिति की बैठक में शनिवार को यह फैसला लिया गया। बैठक में समिति के अध्यक्ष और शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव के के पाठक बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष और इस समिति के सदस्य आनंद किशोर, राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद पटना के निदेशक सज्जन आर और प्राथमिक शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षा के निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव सदस्य एवं सदस्य सचिव के रूप में उपस्थित थे। समिति ने बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली के तहत स्थानीय निकाय शिक्षकों को लेकर यह बड़ा फैसला लिया। यह फैसला उन नियोजित शिक्षकों के लिए मुसीबत है जो सक्षमता परीक्षा से दूर रहना चाहते थे या तीसरे प्रयास में भी परीक्षा उत्तीर्ण होने में सफल होंगे। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को चूंकि सक्षमता परीक्षा लेने की जिम्मेदारी सौंपी गई है और यह 26 फरवरी को पहली बार आयोजित हो रहा है, इसलिए विभागीय समिति ने बैठक कर नियोजित शिक्षकों के लिए सब कुछ साफ कर दिया है। 26 फरवरी को पहली बार परीक्षा होगी। ऐसी तीन परीक्षाएं बिहार बोर्ड और लेगा। यानी, कुल चार ऐसी परीक्षाएं होंगी। इन्हीं चार में से तीन परीक्षाओं का मौका किसी भी नियोजित शिक्षक को मिलेगा। जो इन तीनों में भी सफल नहीं होंगे या सक्षमता परीक्षा नहीं देने जाएंगे उनकी नौकरी चौथी परीक्षा के बाद खत्म कर दी जाएगी।
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