Bihar News में इस वक्त बात नियोजित शिक्षकों की। एक तरफ जहां नियोजित शिक्षक सरकार से उम्मीद की आस लगाए बैठे हैं। वहीं दूसरी तरफ शिक्षकों के घर पहुंच रही है पुलिस की नोटिस।
बिहार में नियोजित शिक्षकों का आंदोलन जारी है। साक्षमता परीक्षा रद्द करने समेत अन्य मांगों को लेकर सभी शिक्षक संगठन नियोजित शिक्षकों के पक्ष में सड़क पर उतर गए हैं। सरकार में साझेदार बीजेपी से नियोजित शिक्षकों को बड़ी उम्मीद भी है। इनसब के बीच अब नियोजित शिक्षकों को पुलिस की नोटिस मिल रही है। पुलिस उन्हें नोटिस देकर थाने बुला रही है।
कोतवाली थाना ने भेजा नोटिस, थाने पहुंच जाइए
पटना के पुनपुन थाना क्षेत्र में रहने वाले नियोजित शिक्षक पंकज कुमार को पुलिस का नोटिस मिला है। यह नोटिस दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 के तहत जारी किया गया है। पटना के कोतवाली थाना से जारी इस नोटिस के द्वारा नियोजित शिक्षक पंकज कुमार को पूछताछ के लिए थाने पर बुलाया गया है। नोटिस भेजने के पीछे पुलिस ने तर्क दिया है कि 13 फरवरी 2024 को कोतवाली थाने में दर्ज कांड संख्या 104/24 के तहत अनुसंधान के दौरान यह बात सामने आई है कि नियोजित शिक्षक पंकज कुमार से तथ्यों एवं परिस्थितियों की जानकारी प्राप्त करने के लिए पूछताछ करने हेतु पर्याप्त आधार मौजूद है। शिक्षक को 26 फरवरी को थाने में हाजिर होने को कहा गया है।
क्या रडार पर हैं आंदोलन में शामिल हर शिक्षक?
कोतवाली थाना की सब इंस्पेक्टर निधि झा की ओर से जारी नोटिस दंड प्रक्रिया संहिता 41 के तहत जारी की गई है। इस नोटिस में एसआई निधि झा ने बताया है कि कोतवाली थाना कांड संख्या 104/24, धारा 147, 149, 341, 323, 353, 188 तथा 504 के तहत दर्ज कांड में शिक्षक पंकज कुमार से पूछताछ की जाएगी। साफ है कि पुलिस आंदोलन में शामिल शिक्षकों की पहचान कर अब उन्हें नोटिस भेज रही है। नोटिस भेज कर उनसे पूछताछ की जानी है। लेकिन शिक्षकों के मन में एक सवाल जरूर उठ रहा है कि एक तरफ जहां सरकार बातचीत की बात कह रही है। वहीं दूसरी तरफ पटना पुलिस आखिर उन्हें नोटिस क्यों भेज रही है?