Nitish Kumar Cabinet Decision के बाद प्रोमोशन का दौर शुरू हुआ तो राजद के आलोक मेहता वाले विभाग में ट्रांसफर का इंतजार करने वालों की लॉटरी लग गई।
बिहार की नीतीश कुमार (Nitish Kumar) सरकार ने एक बार फिर अपने कर्मियों को प्रोमोशन का तोहफा दिया है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD Party) कोटे के मंत्री आलोक मेहता के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग (Land Bihar) के तहत बिहार राजस्व सेवा संवर्ग के राज्यकर्मियों के प्रोमोशन की नई सूची (Transfer Posting) जारी की गई है। नई सूची में 12 राजस्व अधिकारियों को भूमि सुधार उप समाहर्ता यानी DCLR बनाया गया है। इसके पहले 36 राजस्व कर्मियों को राजस्व अधिकारी, 6 राजस्व अधिकारियों को जिला भू अर्जन पदाधिकारी और 27 राजस्व अधिकारियों को अंचलाधिकारी के रूप में प्रोमोशन दिया जा चुका है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने बिहार राजस्व सेवा संवर्ग के कर्मियों को प्रोमोशन देते हुए कई सूची जारी की है। इन कर्मियों के प्रोमोशन का मामला लंबे समय से लंबित था। प्रोमोशन के लिए बिहार राजस्व सेवा संवर्ग के कर्मियों द्वारा लगातार सरकार से मांग की जा रही थी। नीतीश कैबिनेट के प्रोमोशन के फैसले (Bihar News) के बाद अब विभाग ने कर्मियों की मांग पूरी करते हुए प्रोमोशन की सूची जारी की है।
12 राजस्व अधिकारी बने DCLR
विभाग ने बुधवार को 12 राजस्व अधिकारियों को DCLR में प्रोमोशन दिया है। यह प्रोमोशन उनकी वरीयता और शैक्षणिक योग्यता के आधार पर दी गई है। ये 12 राजस्व अधिकारी अब भूमि सुधार उप समाहर्ता बनाए गए हैं।
36 राजस्व कर्मचारी को RO में प्रोमोशन
दुर्गा पूजा की छुट्टी से पहले राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने 36 राजस्व कर्मचारियों को राजस्व अधिकारी बनाया। ये राजस्व कर्मी लंबे समय से प्रोमोशन की मांग कर रहे थे। बीते दिनों सभी जिलाधिकारियों से वरीयता सूची मांगी गई थी। इसके बाद 21 अक्टूबर को 36 राजस्व कर्मचारियों को राजस्व अधिकारी यानी RO की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
6 RO की खुली किस्मत, बनाए गए भू अर्जन पदाधिकारी
21 अक्टूबर को जारी सूची में 6 ऐसे राजस्व अधिकारी हैं, जिनकी लॉटरी लगी है। इन राजस्व अधिकारियों यानी RO को सीधे जिला भू अर्जन पदाधिकारी में प्रोमोशन दिया गया है।
सबसे ज्यादा 27 बनाए गए अंचलाधिकारी
दशहरे की छुट्टी के पहले 21 अक्टूबर को सबसे पहले 27 राजस्व अधिकारियों को अंचलाधिकारी के रूप में प्रोमोशन देने वाली सूची जारी हुई थी। जून में सबसे ज्यादा ट्रांसफर इन्हीं का हुआ था, जिसे बाद में मुख्यमंत्री की आपत्ति पर सरकार ने वापस ले लिया था।