Bihar News में कल Nitish Kumar छाए थे और आज दिन Lalu Yadav की चर्चा का है। लालू यादव को ईडी ने समन किया था। बेटी मीसा भी साथ पहुंचीं, लेकिन दरवाजे पर रुक गईं। फिर कहासुनी के बाद मीसा ने दया दिखाई।
Lalu Yadav को प्रवर्तन निदेशालय ने Land for Job केस में पूछताछ के लिए बुलाया था।
Bihar News में नीतीश कुमार के सरकार बदलने के अगले दिन यह खबर चर्चा में खूब है।
राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) सोमवार को एक तरह की रैली लेकर प्रवर्तन निदेशालय पटना के दफ्तर (ED Office Patna) पहुंचे। राबड़ी आवास से ही भारी हुजूम के साथ वह निकले। साथ रहीं उनकी बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती। रेल मंत्री रहते नौकरी के बदले जमीन लेने (Land for Job scam) के केस में ईडी ने इन्हें बुलाया था। रविवार को महागठबंधन सरकार के अंत और राष्ट्रीय जनतांत्रिक सरकार के गठन की खबर कल बिहार की चर्चा (Bihar News) में थी। आज लालू यादव की इस रैली और यहीं मीसा भारती का एक वीडियो चर्चा में है।
मीसा भारती पिता लालू के साथ आयी थीं
राज्यसभा सांसद मीसा भारती अपने पिता व पूर्व रेल मंत्री के साथ प्रवर्तन निदेशालय में लैंड फॉर जॉब केस से संबंधित पूछताछ के लिए बुलाई गई थीं। लालू यादव अपनी पत्नी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी आवास में थे। रविवार दोपहर अपने बेटे तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के पूर्व उपमुख्यमंत्री बनने और बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के पूर्व मंत्री घोषित होने के बाद से लालू यादव ने चुप्पी साध रखी थी। रविवार को बिहार में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (BJP Party) ने सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) और विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) को उप मुख्यमंत्री बनाते हुए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार बना ली थी। इसके बाद से लालू यादव ने चुप्पी साध रखी थी। सोमवार को इस चुप्पी के बीच जब वह ईडी दफ्तर निकले तो भारी भीड़ उनके साथ राबड़ी आवास से गांधी मैदान तक गई। लालू के साथ बेटी मीसा भारती भी थीं।
क्या चाह रही थीं मीसा भारती, जो नहीं हुआ
ईडी कार्यालय पहुंचकर भी मीसा भारती चाहती थीं कि उनसे पूछताछ इसी रैली के बीच दफ्तर के गेट पर ही हो जाए। इसके लिए वह ईडी अफसरों को बुलाती रहीं, लेकिन किसी के नहीं आने पर फिर अंदर गईं। बाहर आने के बाद उन्होंने इस पूरे प्रकरण की जानकारी देते हुए कहा कि अधिकारी नौकरी जाने के डर से नहीं आए। वह नहीं चाह रही थीं कि उनके कारण किसी गरीब (ईडी अफसर) की पेट पर लात पड़े, इसलिए खुद ही अंदर चली गईं।