Bihar News में कल चर्चा थी कि जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के गढ़ में एक भाजपा विधायक को सांसद बनाने के नारे लगे। अब संसदीय क्षेत्र में उनके प्रचार से ज्यादा सीट कायम रखने की चिंता दिख रही है।
- जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे तो ललन सिंह पर आरोप लगता था सहज उपलब्ध नहीं होने का, पढ़ें ऐसा क्यों?
- ललन सिंह ने पद से इस्तीफा देते समय बताया था कि वह क्षेत्र में समय देना चाहते हैं, जानें क्यों कहा ऐसा?
Bihar News में आज ललन सिंह की चर्चा, क्योंकि वह नीतीश से दूर बहुत सक्रिय हैं
पिछले महीने बिहार (Bihar News) की राजनीति में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से ज्यादा चर्चा जनता दल यूनाईटेड (JDU Party) के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह (Lalan Singh) की थी। किसी करामात के कारण नहीं। आरोपों के कारण। वह इसका खंडन कर चुके हैं कि उन्होंने लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) से नजदीक होने के लिए सीएम नीतीश कुमार को धोखा नहीं दिया और न ही राष्ट्रीय जनता दल (RJD Party) के साथ मिलने के लिए 12 विधायकों को तोड़ने का प्रयास किया था। खैर, अब वह राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनकी जगह अध्यक्ष बन चुके हैं। लेकिन, इन 17-18 दिनों में ललन सिंह में कई बदलाव आए हैं। अब चर्चा उसकी है। क्योंकि लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) भी आने वाले हैं।
नीतीश कुमार पार्टी दफ्तर में… ललन सिंह हैं कहां?
मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार बुधवार की शाम पार्टी दफ्तर पहुंचे। वह उसी दरवाजे से अंदर भी गए और बाहर भी निकले, जिसपर उनके साथ और समानांतर ललन सिंह की तस्वीर जगमग कर रही है। ललन सिंह ने जो आधार बताकर पद छोड़ने की जानकारी दी, वह अब साफ दिख रहा है। ललन सिंह काफी हद तक बदले हुए नजर आ रहे हैं। उनपर अड़ियल, असहज, अनुपलब्ध, अ-सुलभ जैसे आरोप लगते थे। लेकिन, अब वह छोटे स्तर पर भी कार्यक्रमों में जा रहे हैं। चुनावी तैयारी साफ दिखा रहे हैं। किसी बात पर अड़ नहीं रहे हैं। सहज भाव में मंचों पर भी दिख रहे हैं और उनसे मिलना भी अब पहले के मुकाबले बहुत आसान नजर आ रहा है।
जब नीतीश कुमार जदयू दफ्तर में थे, उसके कुछ घंटे पहले ललन सिंह अपने संसदीय क्षेत्र मुंगेर के बड़हिया में जनसंवाद के दौरान लोगों से बात कर रहे थे। सुख-दु:ख साझा कर रहे थे। लोगों की समस्या सुन रहे थे। समाधान की बात कर रहे थे। तीन दिन पहले वह जदयू किसान प्रकोष्ठ के कार्यक्रम में थे। यह भी उनके संसदीय क्षेत्र के लोगों की भीड़ वाला कार्यक्रम था। यहां भी बाढ़ के बेलछी में भी उन्होंने जनसंवाद किया। यह भी उनके क्षेत्र में ही था। उनके मुंगेर संसदीय क्षेत्र के जदयू कार्यकर्ता भी मानते हैं कि पहले के मुकाबले अब वह ज्यादा सक्रिय हैं।
क्या कोई चिंता या डर है इस सक्रियता के पीछे?
मुंगेर लोकसभा सीट से जदयू के सांसद ललन सिंह ने अपने क्षेत्र में सक्रिय होने के लिए पद छोड़ने की बात कही थी। वह सक्रिय हुए भी हैं। लेकिन, सवाल यह है कि सत्ताधारी जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे इतने पुराने नेता को इतनी सक्रियता की जरूरत क्यों आन पड़ी? इस सवाल का जवाब पिछले विधानसभा चुनाव की जमीनी हकीकत से लेकर आगामी लोकसभा चुनाव के माहौल तक को समझने के बाद मिलता है। विधानसभा चुनाव 2020 में जदयू और भारतीय जनता पार्टी का साथ था, लेकिन जिस लखीसराय सीट से विजय कुमार सिन्हा विधायक बने- वहां जदयू का एक खेमा अलग राह चल रहा था। बताया जा रहा था कि भाजपा प्रत्याशी विजय कुमार सिन्हा हार जाएंगे, क्योंकि ललन सिंह से उनकी पुरानी लड़ाई के कारण जदयू ने यहां साथ नहीं दिया। सिन्हा जीत गए।
जब जदयू-भाजपा की सरकार बनी तो विजय सिन्हा विधानसभा अध्यक्ष बनाए गए। इस दौरान भी वह नीतीश सरकार में असहज ही रहे। बताया जाता है कि क्षेत्र में ललन सिंह के प्रभाव के कारण उन्हें कई जगह इज्जत नहीं मिल रही। यह सब चल ही रहा था कि नीतीश कुमार ने जनमत को दरकिनार कर एक बार फिर जगह बदल ली। वह एक बार फिर महागठबंधन के साथ सीएम बन गए। अब विजय कुमार सिन्हा विपक्ष के नेता हैं।
ललन सिंह के लिए मुसीबत बनेंगे विजय सिन्हा?
ललन सिंह ने विजय सिन्हा को विधानसभा चुनाव में कथित तौर पर खूब परेशान किया। अब लोकसभा चुनाव है। बारी विजय कुमार सिन्हा की है। मंगलवार को सिन्हा आज ललन सिंह के गढ़ में थे। विकसित भारत संकल्प कार्य्रकम में वह मुंगेर में नौवागढ़ी उत्तरी पंचायत के चरौन गांव पहुंचे थे। चरौन गांव के दुर्गा स्थान प्रांगण में कार्यक्रम के दौरान उन्होंने भारत सरकार की जनकल्याकारी योजनाओं के स्टॉल का निरीक्षण किया। इसी दौरान गांव का एक आदमी, जो खुद पंचायत में प्रतिनिधि रह चुका है, ने माइक के जरिये सिन्हा के पक्ष में नारे लगाना शुरू कर दिए। फिर यह नारेबाजी काफी देर तक और समवेत स्वर में होने लगी।
नारे में ग्रामीण कह रहे थे- “मुंगेर का सांसद कैसा हो? विजय कुमार सिन्हा जैसा हो।” नारे सुनकर विजय कुमार सिन्हा ग्रामीणों के पास पहुंचे और कहा- “मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में भाजपा का उम्मीदवार होगा और सांसद बनेगा। सब मिलकर भाजपा के सांसद बनाना है।” ऐसे में यह सवाल अजूबा नहीं कि कहीं इसी डर से तो ललन सिंह सक्रिय नहीं। विजय सिन्हा के लोकसभा चुनाव लड़ने की बात कई महीनों से फिज़ा में है और अब चुनाव नजदीक है तो इसी तरह माहौल भी बनना है।
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