Bihar Police : बिहार में बदलने वाले हैं DGP, आरएस भट्टी दिल्ली जा रहे हैं, अब कौन होगा पुलिस का मुखिया?

रिपब्लिकन न्यूज, पटना

by Republican Desk
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Bihar News में Bihar Police से जुड़ी बड़ी खबर। डीजीपी आरएस भट्टी ने बिहार छोड़ने का फैसला कर लिया है। ऐसे में नए डीजीपी के नाम पर मंथन तेज हो गई है।

शोभा अहोतकर या आलोक राज बन सकते हैं नए डीजीपी (फोटो : RepublicanNews.in)

DGP RS Bhatti अब जाएंगे Delhi

डीजीपी आरएस भट्टी ने दिल्ली जाने का मन बना लिया है। बिहार में अब वह सेवा देना नहीं चाहते। उन्होंने केंद्रीय प्रतिनयुक्ति के लिए अर्जी दे दी है। सूत्रों का दावा है कि केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए आरएस भट्टी को राज्य सरकार से हरी झंडी भी मिल गई है। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से बिहार आकार डीजीपी बने आरएस भट्टी का मोहभंग होना एक बड़ा सवाल है। बीएसएफ के एडीजी पद से बिहार के डीजीपी बने भट्टी ने अपने कार्यकाल खत्म होने से एक साल पहले ही विदाई क्यों मांग ली, इसके पीछे कई तर्क छिपे हैं। वैसे यह खबर बिहार में बढ़ते अपराध के लिए अच्छी नहीं मानी जा रही है।

2025 तक बने रह सकते हैं डीजीपी, फिर क्यों छोड़ रहे बिहार?

डीजीपी आरएस भट्टी का कार्यकाल सितंबर 2025 तक है। मतलब वे सितंबर 2025 तक बिहार के डीजीपी बने रह सकते हैं। बिहार सरकार ने दिसंबर 2022 में उन्हें डीजीपी बनाया था। एसके सिंघल के रिटायरमेंट के बाद भट्टी को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से बिहार बुलाकर डीजीपी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। 1990 बैच के कड़क आईपीएस अधिकारी आरएस भट्टी डीजीपी बनने से पहले बीएसएफ में एडीजी के पद पर तैनात थे। क्राइम कंट्रोल के लिए उन्हें बिहार पुलिस के मुखिया की कमान सौंपी गई थी। जब उन्होंने पदभार ग्रहण किया था तब उन्होंने पहली बार बिहार पुलिस को यह संदेश भी दिया था कि अपराधियों को दौड़ाना सीखिए। वरना अपराधी आपको दौड़ा कर परेशान करेंगे। साफ संकेत देने वाले आरएस भट्टी के अचानक बिहार छोड़ने की खबर बेहद निराशाजनक है।

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पुलिसिंग में हस्तक्षेप से हैं दुखी, पड़ गए थे नरम, राज्य सरकार ने स्वीकार की अर्जी

आरएस भट्टी के डीजीपी बनते ही पुलिस महकमे में बड़े बदलाव की उम्मीद थी। टास्क फोर्स की तरह काम करने वाले भट्टी के आने से यह तय था कि अब खाकी को घोड़े की तरह दौड़ लगानी होगी। लेकिन ज्वाइनिंग के साथ आरएस भट्टी नरम पड़ गए। कहा जाता है कि पुलिसिंग में पॉलिटिकल प्रेशर से भट्टी खफा थे। डीजीपी बनने के बाद उनका मोहभंग होना काफी दिनों से शुरू हो चुका था। चर्चा है कि इसी कारण भट्टी फिल्ड में बेहद कम नजर आते थे। कार्यकाल खत्म होने से पहले डीजीपी जैसे पद को ठुकराना भट्टी की कार्यशैली को साफ करती है। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने केंद्रीय प्रतिनयुक्ति के लिए अर्जी लगाई थी जिसे राज्य सरकार ने स्वीकार कर लिया है। अब केंद्र से हरी झंडी मिलते ही वे केंद्रीय प्रतिनयुक्ति के लिए रवाना हो जाएंगे।

कौन हो सकता है अगला डीजीपी? इन दो नामों की चर्चा

आरएस भट्टी के दिल्ली जाने की खबरों के बीच राज्य के नए डीजीपी के नामों की चर्चा भी शुरू हो गई है। जब भट्टी को बिहार पुलिस के मुखिया की कमान सौंपी गई थी तब इस रेस में दो और नाम शामिल थे। एक नाम शोभा अहोतकर का था तो दूसरा आलोक राज का था। अब चर्चा है कि अगर आरएस भट्टी कुर्सी छोड़ते हैं तो यह कुर्सी इन्हीं में से किन्हीं एक आईपीएस को मिल सकती है। सरकार से जुड़े सूत्र बता रहे हैं कि इस रेस में ज्यादा चर्चा शोभा अहोतकर के नाम की है। 1990 बैच की आईपीएस ऑफिसर शोभा अहोटकर (Shobha Ahotkar) फिलहाल निदेशक सह महासमादेष्टा, गृह रक्षा वाहिनी एवं अग्निशमन सेवाएं के पद पर तैनात हैं। वहीं भारतीय पुलिस सेवा 1989 बैच आईपीएस आलोक राज वीजलेंस के डीजी हैं। वरीयता के लिहाज से आलोक राज का पलड़ा ज्यादा भारी है।

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