क्या है ये : पहले त्रिशूल और अब ब्रह्मास्त्र; भारतीय रेल ने चार ट्रेनों को जोड़ पौने तीन किमी लंबी मालगाड़ी दौड़ाई!

रिपब्लिकन न्यूज़, हाजीपुर (बिहार)

by Republican Desk
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क्या है ये? यही सवाल पूछेंगे, अगर पता चलेगा कि रेलवे ने बिहार में पहले ‘त्रिशूल’ और अब ‘ब्रह्मास्त्र’ चलाया है। पहले तीन ट्रेनों को जोड़कर चलाया और अब चार ट्रेनें एक कतार में जुड़कर चलीं!

दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन से पहले त्रिशूल ट्रेन निकली और अब ब्रह्मास्त्र भी चलाई गई। फोटो साभार- IndianRailways

क्या है Trishool और Brahmashtra Train… पूरी बात यहां जानें

जहां एक तरफ यात्री ट्रेनों के हादसे (Train Accident) की खबरें लगातार आ रही हैं, वहीं दूसरी तरफ रेलवे (Indian Railways) मालगाड़ियों को लेकर रोज नए प्रयोग कर रहा है। परिचालन दक्षता में वृद्धि और समय-धन बचाने की दिशा में पूर्व मध्य रेल (East Central Railways) निरंतर नया प्रयोग हो रहा है। इस सिलसिले में 29 जुलाई 2024 को पहली बार एक साथ तीन मालगाड़ियों का संयोजन कर ‘त्रिशूल‘ (Trishool Train) चलाई गई। गंजख्वाजा से धनबाद मंडल के लिए इस मालगाड़ी (Goods Train) को रवाना किया गया था। इसकी सफलता के बाद 30 जुलाई 2024 को पहली बार एक साथ चार बॉक्सन रेक का संयोजन कर तैयार किए गए ‘ब्रह्मास्त्र‘ (Brahmashtra) लांग हॉल मालगाड़ी का परिचालन किया गया।

पौने तीन किलोमीटर लंबी ट्रेन रवाना हुई, जगह तक पहुंची भी

लगभग पौने तीन किलोमीटर लंबे ‘ब्रह्मास्त्र‘ को पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल के गंजख्वाजा से धनबाद मंडल के लिए रवाना किया गया। पूर्व मध्य रेलवे मुख्यालय हाजीपुर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चंद्र ने बताया कि चार मालगाड़ियों को जोड़कर बनाए गए ‘ब्रह्मास्त्र‘ की लंबाई लगभग पौने तीन किलोमीटर रही। संयोजन के पश्चात चार मालगाड़ीयुक्त ‘ब्रह्मास्त्र‘ को गंजख्वाजा से रात लगभग 21.17 बजे धनबाद मंडल के टोरी के लिए रवाना किया गया। लगभग 37.5 किलोमीटर प्रति घंटा की औसत गति के साथ बीडी सेक्शन होते हुए लगभग 335 किलोमीटर की यात्रा के बाद ‘ब्रह्मास्त्र‘ गढ़वा रोड के रास्ते धनबाद मंडल के अंतर्गत 07.25 बजे टोरी स्टेशन तक पहुंच गई।

समय और खर्च बचाने में कारगर रहेगा रेलवे का यह उपाय

परिचालन की दृष्टि से पूर्व मध्य रेल का पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल भारतीय रेल के व्यस्ततम रेल मंडलों में से एक है। रेल परिचालन को गतिमान रखने के साथ धनबाद मंडल से कोयला आदि के त्वरित परिवहन हेतु परीक्षण कर लदान हेतु तैयार खाली मालगाड़ियां नियमित उपलब्ध कराने में पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल की अहम भूमिका है। एक साथ चार मालगाड़ियों को जोड़कर बने ‘ब्रह्मास्त्र‘ के सफल परिचालन से पूर्व मध्य रेल के तहत माल लदान एवं परिवहन में और तेजी लाने में मदद मिलेगी।

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