Bihar News : यह हैरान करने साली बात है। क्या कोई 3 साल की बच्ची किसी बच्चे को जन्म दे सकती है? यह किसी बड़े घोटाले की फाइल तो नहीं?
Motihari News : महज 3 साल की उम्र में महिला ने बेटी को जन्म दे दिया
पत्नी की उम्र 21 साल है, लेकिन इस दंपत्ति की बेटी की उम्र 18 साल है। मतलब महज 3 साल की उम्र में महिला ने बेटी को जन्म दे दिया। इस बेटी के नाम पर सरकारी राशि भी निकाल ली गई। इसी तरीके से एक महिला की उम्र 25 साल है। जबकि बेटी की उम्र 18 साल है। मतलब 7 साल की उम्र में ही वह महिला मां बन गई। ऐसी भी महिलाएं हैं जो खुद मानती हैं कि उनका कोई बच्चा नहीं है, लेकिन बेटी के नाम पर विभाग ने दिल खोलकर उन्हें सरकारी राशि दे दी। श्रम संसाधन विभाग में एक घोटाले की आशंका से जुड़ी यह फाइल हड़कंप मचाने वाली है। मोतिहारी से सामने आई इस खबर ने प्रशासनिक महकमे में खलबली मचा दी है। हालांकि विभागीय अफसर गलत भुगतान से इनकार कर रहे हैं।
Motihari Bihar : अवैध तरीके से सरकारी राशि की निकासी?
मोतिहारी के कोटवा प्रखंड में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में फर्जी भुगतान के कई सुबूत मिले हैं। यह खेल श्रम विभाग के लेवर कार्ड के जरिए किया गया है। लेबर कार्ड के तहत श्रम विभाग में निबंधित मजदूरों की एक्सीडेंटल डेथ पर 4 लाख, नेचुरल डेथ पर 2 लाख एवं दो बेटियों की शादी के लिए श्रम विभाग से मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 50-50 हजार रुपए का अनुदान दिया जाता है। मोतिहारी के कोटवा प्रखंड में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें अवैध तरीके से पैसे की निकासी हुई है।
केस 1
रोहुआ के मच्छरगांवा प्रखंड कोटवा निवासी गुड्डू शर्मा ने अपनी बेटी की शादी में श्रम विभाग से 50 हजार का अनुदान लिया है। जबकि उनके आवेदन में साफ लिखा है उसकी पत्नी का उम्र वर्तमान में 21 साल है। फिर क्या यह संभव है कि 21 साल की महिला 18 साल की बेटी की मां हो सकती है?
केस 2
कररिया के कोटवा निवासी स्व० सुनील कुशवाहा की पत्नी ऊषा देवी ने अपने वंशावली में जानकारी दी है कि उनकी कोई बेटी नहीं है। सिर्फ चार पुत्र ही है। फिर उनको श्रम विभाग ने बेटी की शादी केलिए 50 हजार का अनुदान कैसे दे दिया?
केस 3
पुरानीडीह के कोटवा निवासी राजकुमार शर्मा ने भी मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत श्रम विभाग से 50 हजार का अनुदान प्राप्त किया है। इनके आवेदन में भी इनकी पत्नी सुनीता देवी की उम्र सिर्फ 25 साल ही है। फिर 25 साल की महिला 18 साल की बेटी की मां कैसे बन गई?
Bihar News Today : बड़े घोटाले की आशंका, लंबी है फेहरिस्त
सूत्रों के अनुसार, कोटवा प्रखंड में 1000 से अधिक फर्जी भुगतान किया गया है। जबकि हरसिद्धि प्रखंड के सिर्फ एक पंचायत मानिकपुर हसुआहा में करीब 400 लोगों को अनुदान मिला है। इनमें कई फर्जी हैं। जबकि 300 के करीब लोगों का LEO द्वारा भेजी गई सिफारिश को श्रम अधीक्षक ने रद्द कर दिया। इससे ही आप समझ सकते हैं खेल कितना बड़े लेबल पर किया गया है। हालांकि श्रम अधीक्षक अनिल कुमार सिंह ने इन आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि कोई गलत भुगतान नहीं किया गया है।