Bihar News में अभी बात थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों को नई जिंदगी देने की जिद से जुड़ी एक अनोखे मुहिम की। जानिए आखिर क्यों पटना में 5 जनवरी को आयोजित होने वाला HLA Matching Camp बना है चर्चा का विषय।
बिहार में थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों को नई जिंदगी देने की एक मुहिम चल रही है। आजीवन अपने बच्चे को हर 15 दिन में ब्लड चढ़ाने की जद्दोजहद कर रहे परिवारों के लिए मां वैष्णो देवी सेवा समिति परिवार और मां ब्लड सेंटर परिवार बिहार में तीसरी बार निःशुल्क HLA Matching Test Camp का आयोजन कर रही है। इस कैंप में 12 वर्ष से कम उम्र के वैसे बच्चे जिनके सगे भाई-बहन हैं और वे बोन मैरो ट्रांसप्लांट करवाना चाहते हैं, वे आकर अपना टेस्ट करवा सकते हैं। टेस्ट के बाद यदि डोनर का एचएलए रोगी के साथ सौ फीसदी मैच करता है तो उनके बोन मैरो ट्रांसप्लांट की तैयारी की जाएगी।
क्या है HLA MATCHING CAMP, क्या होगा फायदा
HLA MATCHING CAMP यानी मानव ल्यूकोसाइट एंटीजन (एचएलए) परीक्षण। इस कैंप में मानव ल्यूकोसाइट एंटीजन का परीक्षण किया जाएगा। थैलेसीमिया से पीड़ितों को बोन मैरो ट्रांसप्लांट करवाने से पहले इस परीक्षण यानी टेस्ट को करवाना अनिवार्य है। यह काफी महंगी जांच है और यह बिहार में नहीं की जाती है। ऐसे में मां वैष्णो देवी सेवा समिति परिवार और मां ब्लड सेंटर परिवार बिहार के थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को निःशुल्क कैंप के द्वारा तीसरी बार नई जिंदगी देने की कोशिश में लगा है।
जर्मनी की ‘डीकेएमएस बीएमएसटी फाउंडेशन इंडिया’ जर्मनी में करती है जांच
पटना के मां ब्लड सेंटर का प्रबंधन करने वाली मां वैष्णो देवी सेवा समिति के संस्थापक मुकेश हिसारिया ने बताया कि थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को अगर बोन मैरो ट्रांसप्लांट करवाना होता है तो उनका मानव ल्यूकोसाइट एंटीजन (एचएलए) परीक्षण जरूरी है। ऐसे में जर्मनी की ‘डीकेएमएस बीएमएसटी फाउंडेशन इंडिया’, डॉक्टर सुनील भट्ट तथा नारायणा हेल्थ, बंगलोर की टीम इस कैंप में अहम योगदान देती है। बच्चों का मानव ल्यूकोसाइट एंटीजन परीक्षण के लिए जर्मनी भेजा जाता है। वहां जांच के बाद यह साफ होता है की थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे का नमूना उसके भाई या बहन से कितना प्रतिशत मेल खाता है। अगर यह मिलान 100 प्रतिशत होता है तो हम बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए आगे बढ़ते हैं।
ट्रांसप्लांट में केंद्र सरकार, राज्य सरकार व कोल इंडिया लिमिटेड का मिलता है सहयोग
मुकेश हिसारिया ने बताया कि थैलेसीमिया पीड़ित के बोन मैरो ट्रांसप्लांट का खर्च काफी अधिक होता है। ऐसे में गरीब तबके के लोग ट्रांसप्लांट नहीं करवा पाते। इसलिए हम सब को मिलकर इस बीमारी से ग्रसित बच्चों की जिंदगी बचाने की मुहिम का हिस्सा बनना चाहिए। उन्होंने बताया कि जिन बच्चों के माता-पिता की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपए से कम है। उनके बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए कोल इंडिया लिमिटेड 10 लाख, केंद्र सरकार 3 लाख और राज्य सरकार 5 लाख तक आर्थिक मदद करती है।
5 जनवरी को महाराणा प्रताप भवन में कैंप, अबतक 45 बच्चों का सफल ट्रांसप्लांट
मुकेश हिसारिया ने बताया कि ऐसे बच्चे जो 12 वर्ष से कम उम्र के हैं और जिनके सगे भाई बहन हैं और वो बोन मैरो ट्रांसप्लांट करवाने के लिए आगे बढ़ना चाहते हैं, उनके लिए नि: शुल्क HLA MATCHING CAMP शुक्रवार 5 जनवरी 2024 को महाराणा प्रताप भवन, पटना में लगाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 23 फ़रवरी 2020 को पहली बार
और 14 जनवरी 2022 को दूसरी बार अयोजित HLA कैंप के जरिए अबतक कुल 45 बच्चों को सफ़ल बोन मैरो ट्रांसप्लांट के बाद नई जिंदगी मिली है।
कैंप के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना बेहद आसान, इन मोबाइल नंबर पर करें संपर्क
मुकेश हिसारिया ने कहा कि जो भी थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चे हैं, वो जल्द से जल्द अपना रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए संपर्क कर सकते हैं। निःशुल्क रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए जसवंत जी 9473114054, ब्रजेश कुमार जी 8789416636 और सुजीत गुप्ता जी 8789449238 से संपर्क करें।
सगे भाई-बहन के साथ ही कैंप में पहुंचे
इस कैंप में थैलीसीमिया पीड़ित का अपने सगे भाई-बहन के साथ ही HLA Match होना है। इसलिए सगे भाई-बहन के साथ ही आना अनिवार्य है। इस कैंप में सिर्फ उन्हें ही आना है जिन्होंने पहले कभी, कहीं पर HLA मैचिंग टेस्ट नहीं करवाया हो।
विशेष सम्पर्क:
माँ वैष्णो देवी सेवा समिति एवं मां ब्लड सेंटर परिवार
जगजीवन सिंह (अध्यक्ष) : 9430061498
कन्हैया अग्रवाल (सचिव) : 9931158774
नंदकिशोर अग्रवाल (कोषाध्यक्ष) : 9334101859