Bihar News में Bihar Education Department के दो बड़े फैसले। एक फैसला शिक्षकों के आवेदन को लंबित कर सिक्के बटोरने से संबंधित है तो दूसरा फैसला विभागीय कर्मियों की वेतन भुगतान में देरी पर बड़े एक्शन से जुड़ा है।
शिक्षा विभाग के दो बड़े आदेश, बेनकाब हुए अफसर
शिक्षा विभाग की नजर सिर्फ पटना तक ही नहीं टिकी है। गांव-गांव में विभागीय खेल पर विभाग की निगाहें टेड़ी हो गई हैं। यही वजह है कि विभाग ने दो बड़े आदेश जारी किए हैं। एक आदेश शिक्षक और शिक्षकेत्तार कर्मियों के आवेदनों को पैसे के लिए लंबित रखने से जुड़ा है तो दूसरा आदेश शिक्षा विभाग के कर्मियों के साथ ही संविदा कर्मियों के वेतन और मानदेय भुगतान में देरी से जुड़ा है। दोनों ही मामलों में विभाग ने सख्त रुक अख्तियार कर लिया है। विभागीय आदेश से यह साफ है कि मुख्यालय में बैठे अफसरों को इस बात की जानकारी मिल चुकी है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी और उनके नीचे काम करने वाले विभाग के अन्य पदाधिकारी पैसों के लिए आवेदन को जानबूझकर लंबित रखते हैं। खास बात यह है कि शिक्षा विभाग के कर्मियों का वेतन में अब अगर देरी हुई तो इसके लिए अफसरों से सूद की वसूली की जाएगी।
पैसे के लिए आवेदन लंबित रखते हैं, अब नाप दिए जाएंगे
पहला आदेश शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मियों के आवेदनों को लंबित रखने से जुड़ा है। शिक्षा विभाग के अपर सचिव सह निदेशक (प्रशासन) संजय कुमार ने सभी क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक, जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को एक आदेश जारी किया है। इस आदेश में कहा गया है कि शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मियों से प्राप्त आवेदनों को आपके कार्यालय में लंबित रखा जाता है। विशेष तौर पर मातृत्व अवकाश, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, बकाया वेतन भुगतान एवं एवं सेवांत लाभ के भुगतान जैसे वित्तीय मामलों से संबंधित आवेदनों को गलत मंशा से लटका कर रखा जाता है। विभाग ने अपने पत्र में यह भी साफ कर दिया है कि इन अवदनों को लटकाने के पीछे अनुचित अपेक्षाओं की पूर्ति रहती है। जब अपेक्षाओं की पूर्ति हो जाती है तो आवेदनों को स्वीकृति उसी दिन दे दी जाती है। महीनों तक अलमारी में बंद आवेदनों को अपेक्षाओं की पूर्ति होते ही निष्पादित कर दिया जाता है। ऐसे में विभाग ने आदेश जारी किया है कि सभी शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मी ऐसे आवेदनों को प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में जमा करेंगे और सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी इन आवेदनों को फर्स्ट कम फर्स्ट आउट के आधार पर निष्पादित करेंगे।
विभागीय कर्मियों का वेतन रोका तो भरना होगा सूद
विभाग का दूसरा आदेश क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक, जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के कार्यालय में कार्यरत नियमित कर्मियों के साथ-साथ संविदा कर्मियों के वेतन भुगतान से जुड़ा है। अपर सचिव संजय कुमार ने अपने आदेश में साफ कहा है कि इन कर्मियों का भुगतान माह के प्रथम आठ कार्यालय दिवसों में हर हाल में सुनिश्चित किया जाए। ऐसी शिकायतें मिल रही है कि वेतन या मानदेय बिना समुचित कारण महीनों तक लंबित रखा जाता है। आवंटन की अनुपलब्धता के अतिरिक्त अगर किसी अन्य कारण से कर्मियों का वेतन लंबित रखा गया तो जितनी राशि का भुगतान लंबित है उस पर सूद की राशि सहित संपूर्ण जवाबदेही अब संबंधित अधिकारी और आउटसोर्सिंग एजेंसी की होगी। शिकायत मिलने पर न सिर्फ सूद की वसूली की जाएगी, बल्कि विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।