Bihar News में चर्चा ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड से जुड़ी हुई। सीबीआई की चार्जशीट को कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
Brahmeshwar Mukhiya Murder Case : CBI को Court से झटका
बहुचर्चित ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में सीबीआई को कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने सीबीआई की चार्जशीट को खारिज कर दिया है। आरा की एमपी एमएलए की विशेष अदालत ने सीबीआई की चार्जशीट को एक दायर याचिका की सुनवाई के दौरान खारिज किया है। इसके बाद पूर्व एमएलसी हुलास पांडे समेत अन्य व्यक्तियों को बड़ी राहत मिल गई है।
याचिका पर सुनवाई के बाद खारिज हुई चार्जशीट
बिहार के बहुचर्चित ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में 10 साल बाद 16 दिसंबर 2023 को सीबीआई ने आरा सिविल कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी। सीबीआई ने इस हत्याकांड में हुलास पांडेय समेत 8 लोगों को आरोपी बनाया था। अब इस मामले में आरा की एमपी एमएलए की विशेष अदालत ने सीबीआई की चार्जशीट खारिज कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले से हुलास पांडेय सहित अन्य आरोपितों को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हत्याकांड के आरोपित रितेश सिंह उर्फ मोनू सिंह की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सीबीआई की चार्जशीट खारिज कर दिया।
CBI को ये गलती पर गई भारी
कोर्ट ने केस में ट्रायल शुरू होने के बाद बिना अदालत के आदेश के सीबीआई की ओर से अनुसंधान करने को गलत माना है। कोर्ट के इस फैसले से जहां पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय सहित अन्य आरोपितों को राहत मिली है। वहीं सीबीआई को बड़ा झटका लगा है। अब इस मामले में पूर्व से चल रहे ट्रायल के आधार पर 30 अप्रैल को सुनवाई होगी। इस बात की जानकारी एपीपी सियाराम सिंह की ओर से यह जानकारी दी गई।
हत्या के बाद भड़की थी हिंसा
1 जून 2012 को आरा के नवादा थाना क्षेत्र के कतीरा मुहल्ला स्थित ब्रह्मेश्वर मुखिया के आवास से कुछ ही दूरी पर उनकी 6 गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के बाद मुखिया समर्थकों में काफी आक्रोश भी भड़का था और आरा से लेकर पटना तक उनके शवयात्रा में शामिल समर्थकों ने प्रतिशोध की भावना से जगह-जगह हिंसा और आगजनी की थी। तत्कालीन सरकार ने घटना के एक साल बाद 2013 में इसकी जांच सीबीआई को सौंपी थी।