Bihar Police : फर्जी एनकाउंटर केस में कोर्ट का फैसला आया है। इस फैसले से 26 साल बाद एक परिवार को न्याय मिली है।
Purnia के Fake Encounter में CBI Court का फैसला
किसान संतोष सिंह को पुलिस उनके घर से उठा कर ले गई थी। फिर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। 26 साल तक पुलिस के खिलाफ परिजन कोर्ट में न्याय की लड़ाई लड़ रहे थे। आखिरकार कोर्ट ने इस फर्जी एनकाउंटर में शामिल दो थाना प्रभारी को सजा सुना दी है। एक तत्कालीन थाना प्रभारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। जबकि दूसरे को 5 साल की सजा हुई है। यह मामला पूर्णिया जिले का है।
मुखलाल पासवान व अरविंद कुमार झा को सजा
26 साल पुराने फर्जी एनकाउंटर मामले में पटना की सीबीआई कोर्ट ने फैसला सुनाया है। वर्ष 1998 में पूर्णिया और मधेपुरा बॉर्डर पर किसान संतोष सिंह का फर्जी एनकाउंटर किया गया था। सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में सजा सुनाते हुए बड़हरा कोठी के तत्कालीन थाना प्रभारी मुखलाल पासवान और बिहारीगंज थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी अरविंद कुमार झा को बड़ा झटका दिया है। मुखलाल पासवान को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। जबकि अरविंद कुमार झा को 5 साल की सजा हुई है।
लालू-राबड़ी के जंगल राज में हुई थी हत्या : शंकर सिंह
मृतक संतोष सिंह रुपौली के विधायक शंकर सिंह के रिश्तेदार हैं। विधायक शंकर सिंह ने कहा कि जिस वक्त यह घटना हुई थी उस समय लालू-राबड़ी का जंगल राज था। निर्दोषों का एनकाउंटर किया जाता था। 26 साल बाद आए इस फैसले से परिजनों को इंसाफ मिला है। सरकार को उन्हें मुआवजा देना चाहिए। संतोष सिंह एक साधारण किसान थे। उनपर किसी तरह का कोई मुकदमा नहीं था। लेकिन तब पुलिस ने उन्हें घर से ले जाकर उनकी हत्या कर दी थी।