Bihar News में बात इस आईएएस अफसर की जिन्होंने मुख्यमंत्री की बात भी नहीं मानी। जी हां, केके पाठक। अब केके पाठक के खिलाफ बीजेपी और जेडीयू के एमएलसी अखाड़े में कूद गए हैं।
सदन में मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया। विधायिका की बात पर सबको भरोसा था। लेकिन मुख्यमंत्री की बात भी एक आईएएस अफसर ने नहीं सुनी। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक पर यह सीधा आरोप है कि उन्होंने मुख्यमंत्री की बातों को न सिर्फ अनदेखा किया, बल्कि विधायिका की बातों को सिरे से खारिज कर दिया। अब बीजेपी और जदयू के एमएलसी ने पाठक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हालांकि सवाल यह भी है की सत्ता आपकी, शासन आपका, मुख्यमंत्री आपके तो फिर ये नौबत आई क्यों?
नीरज कुमार, नवल किशोर यादव व संजीव सिंह की चिट्ठी
सत्तारूढ़ दल के सचेतक और जेडीयू नेता नीरज कुमार भाजपा, संजीव कुमार सिंह और भाजपा नेता तथा एमएलसी नवल किशोर यादव ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के नाम से एक चिट्ठी जारी की है। इस चिट्ठी में मुख्यमंत्री द्वारा सदन में दिए गए आश्वासन को लागू करने की अपील की गई है। चिट्ठी में कहा गया है कि बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा विधान मंडल में विद्यालयों की संचालन अवधि सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक निर्धारित करने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन महीने भर भी जाने के बाद भी आपके द्वारा इसका अनुपालन नहीं किया जा रहा है। यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत भारतीय संविधान के प्रावधानों एवं बिहार विधानमंडल की शक्तियों तथा बिहार कार्यपालिका नियमावली के उपबंधो के खिलाफ है।
समय में बदलाव करें, वेतन कटौती का आदेश आपस लें, समझिए चिट्ठी के मायने
इस चिट्ठी के माध्यम से विधान पार्षदों ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को विधायिका की शक्तियों का एहसास दिलाते हुए मुख्यमंत्री के आश्वासन के अनुरूप स्कूल के समय में तत्काल बदलाव करने की मांग की है। इसके साथ ही शिक्षकों की वेतन कटौती का आदेश वापस लेने की भी मांग की गई है। सत्तारूढ़ दल के विधान पार्षदों की इस चिट्ठी के कई मायने निकाले जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि केके पाठक पर बड़ी कार्रवाई के पहले एक पटकथा लिखी गई है। ऐसे में इस बात के आसार हैं कि अब केके पाठक के खिलाफ सरकार कोई बड़ा एक्शन ले सकती है।