Bihar Police : भौकाल बनाने के लिए बॉडीगार्ड या बाउंसर लेकर घूमना भूल जाइए, बिहार पुलिस के एक्शन से हड़कंप, वजह जानिए

रिपब्लिकन न्यूज, पटना/रोहतास

by Jyoti
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Bihar Police ऐसे लोगों को तलाश रही है जो भौकाल बनाने के लिए बॉडीगार्ड या बाउंसर लेकर घूम रहे हैं। भले ही आप अपने पैसे से बॉडीगार्ड या बाउंसर लेकर घूमते हों, लेकिन आप कानूनी पेंच में फंस सकते हैं।

डीजीपी आलोक राज (DGP Alok Raj) की पुलिस ऐसे भौकाल बनाने वालों को तलाश रही है (फोटो : RepublicanNews.in)

Bihar News : निजी बॉडीगार्ड रखने वालों की जांच, कानून जान लीजिए

इलाके में भौकाल बनाने के लिए बॉडीगार्ड और बाउंसर लेकर घूमना, शौक बन गया है। सरकारी अंगरक्षक मिलने में हो रही दिक्कतों के कारण प्राइवेट कंपनियां पैसे लेकर बॉडीगार्ड और बाउंसर उपलब्ध करा रहीं हैं। अगर आप भी भौकाल के जाल में उलझे हुए हैं तो बिहार पुलिस की कार्रवाई की गाज आपके ऊपर भी गिर सकती है। अगर आपको भी ऐसा लगता है कि आपने अपने पैसे से प्राइवेट बॉडीगार्ड या बाउंसर रखा है इसलिए आप पर कानूनी कार्रवाई नहीं होगी तो यह गलतफहमी दिमाग से निकाल लीजिए। डीजीपी आलोक राज (DGP Alok Raj) की पुलिस ऐसे भौकाल बनाने वालों को तलाश रही है। हथियार के दम पर दबदबा बनाने की कोशिश करने वाले बख्से नहीं जाएंगे। इसलिए प्राइवेट बॉडीगार्ड और बाउंसर रखने के लिए भी तमाम कानूनी प्रावधानों को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है।

Arms Licence : शस्त्र अधिनियम के तहत होगी कार्रवाई

शस्त्र अधिनियम 2016 के नियम 32 के अनुसार अगर कोई शस्त्र अनुज्ञप्तिधारी या जनप्रतिनिधि अथवा व्यवसाई के द्वारा निजी अंगरक्षक रखकर आर्म्स का प्रदर्शन सार्वजनिक स्थानों पर किया जाता है तो अधिनियम के तहत निर्धारित दंड के अलावे हथियार को जप्त कर लाइसेंस रद्द किया जाएगा। बिहार निजी सुरक्षा एजेंसी नियम 2011 के अंतर्गत निजी सुरक्षा एजेंसी के मालिक की स्थानीय गतिविधि एवं चरित्र का सत्यापन किया जाएगा। नियमावली का अनुपालन नहीं करने पर कार्रवाई की जाएगी।

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Rohtas News : रोहतास एसपी ने सभी थानेदारों को दिया निर्देश

रोहतास के पुलिस अधीक्षक रौशन कुमार ने सभी थाना अध्यक्षों को निर्देशित किया है कि यदि कोई व्यक्ति अपने साथ निजी अंगरक्षक या बाउंसर रखते हैं तो इसकी जांच करें कि क्या उन्होंने अपने साथ निजी बॉडीगार्ड रखने की अनुमति प्राप्त की है। उन्होंने किस संस्था द्वारा बॉडीगार्ड या बाउंसर लिया है? बॉडीगार्ड देने वाली संस्था पंजीकृत है या नहीं? बाउंसर या बॉडीगार्ड उपलब्ध कराने वाली कंपनी जीएसटी में पंजीकृत है या नहीं? पुलिस को आयकर विभाग से ऐसी कंपनियों के बारे में जानकारी जुटाने के निर्देश भी दिए गए हैं।

रोहतास एसपी रौशन कुमार

Rohtas Police : बॉडीगार्ड के पास हथियार रखने की अनुमति है या नहीं?

पुलिस को इस बात की जांच भी करनी है कि बॉडीगार्ड के पास मौजूद हथियार का लाइसेंस कहां से निर्गत है। हथियार की अंतिम बार जांच कहां और कब कराई गई थी। कारतूस कितनी है और कारतूस को कहां खर्च किया गया। अगर कारतूस का उपयोग हुआ तो किस परिस्थिति में हुआ। हथियार लेकर घूमने वाले बॉडीगार्ड को अपने साथ आर्म्स रखने की अनुमति है या नहीं और बॉडीगार्ड या बाउंसर की आपराधिक पृष्ठभूमि का सत्यापन भी किया जाएगा। इन तमाम सवालों का जवाब अब पुलिस तलाश करेगी।

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Private Bodyguard : जाहिद परवेज उर्फ कक्कू खान के मामले की जांच

दरअसल, रोहतास एसपी रौशन कुमार ने सभी थाना अध्यक्षों को यह निर्देश एक मामला सामने आने के बाद दिया। पिछले सप्ताह रोहतास एसपी को यह जानकारी मिली थी कि रोहतास एवं आसपास के जिलों में कुछ व्यक्तियों द्वारा निजी बॉडीगार्ड और बाउंसर के साथ सार्वजनिक स्थानों पर चहलकदमी की जा रही है। इसी दौरान रोहतास जिले के डेहरी थाना क्षेत्र निवासी जाहिद परवेज उर्फ कक्कू खान को हथियार वाले चार बॉडीगार्ड के साथ घूमते देखा गया था। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। यह मामला सामने आने के बाद ही रोहतास एसपी ने निजी बॉडीगार्ड और बाउंसर लेकर घूमने वालों की जांच के निर्देश दिए हैं।

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