Bihar News : हमारी भाषा में दहेज हत्या और कानून की भाषा में दहेज मौत बिहार के किस जिले में ज्यादा हो रही, यह जानना जरूरी है। इससे कोई छवि नहीं बनानी है, लेकिन सावधानी तो बरतनी ही चाहिए।
Dowry Death : पटना को मुजफ्फरपुर-मोतिहारी दे रहे कड़ी टक्कर
घर-परिवार में बेटी है तो शादी के लिए रिश्ते तलाश रहे होंगे। ऐसे में यह जानना सचमुच महत्वपूर्ण है कि बिहार के किन जिले में दहेज हत्याएं ज्यादा हो रही हैं और कहां कम। दहेज से जुड़े मामलों को देखने वाले अधिवक्ताओं की नजर में कई बार दूसरे कारणों से हो रही मौत को भी मायके वाले दहेज हत्या का नाम दे देते हैं। लेकिन, मौत तो मौत है। रिपब्लिकन न्यूज़ की पड़ताल में बिहार के अंदर शादी के एक हफ्ते से लेकर 10 साल तक के दौरान दहेज के नाम पर मौत की जानकारी हाथ लगी। ऐसे में सावधानी के लिहाज से भी जानना जरूरी है कि किन जिलों में बेटी ब्याहने के पहले आम तौर पर ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए।
2022: दुर्दांत जिलों में नालंदा, सारण, वैशाली, गया, सीतामढ़ी का भी नाम
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau- NCRB) की ओर से वर्ष 2022 के संकलित आपराधिक आंकड़ों के रिकॉर्ड बताते हैं कि आकार और आबादी के हिसाब से बिहार का सबसे बड़ा जिला पटना पति-ससुरालियों की प्रताड़ना से लेकर दहेज मौतों के मामले में अव्व्ल है। वर्ष 2022 में दहेज मौत के मामले में सबसे ज्यादा मामले पटना में 88 दर्ज हुए थे। इसके अलावा मुजफ्फरपुर में 79, मोतिहारी में 75, नालंदा में 58, गया में 56, सारण में 51 और वैशाली में 47 दहेज मौत के केस दर्ज हुए थे। मतलब, यह जिले इस मामले में ज्यादा दुर्दांत रहे। 2022 में पति या ससुराल वालों की प्रताड़ना का सर्वाधिक 228 मामले पटना में दर्ज हुए। ऐसे मामले मोतिहारी में 122, सीतामढ़ी में 112, मुजफ्फरपुर में 106, गया में 102, सारण में 96 और नालंदा में 89 दर्ज किए गए।
2021: दुर्दांत जिलों में नालंदा, सारण, वैशाली, गया, मधुबनी का भी नाम
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ओर से वर्ष 2021 के संकलित आपराधिक आंकड़े भी तसदीक करते थे कि आकार-आबादी में बिहार के सबसे बड़े जिले पटना में पति-ससुरालियों की प्रताड़ना से लेकर दहेज मौतों का आंकड़ा सबसे ज्यादा है। वर्ष 2021 में हुए अपराधों का रिकॉर्ड बताता है कि पटना में 73, मुजफ्फरपुर में 69, मोतिहारी में 66, सारण और वैशाली में 55-55 और गया में 42 दहेज मौतों के केस दर्ज किए गए। पति या ससुरालियों की प्रताड़ना का सबसे ज्यादा केस पटना में दर्ज हुआ। पटना में ऐसे 206, मोतिहारी में 152, मधुबनी में 151, सारण में 115 और गया में 105 केस दर्ज किए गए थे।