Bihar Police के लिए भी यह बेहद चौंकाने वाला मामला था। कॉल को ट्रेस करते हुए एक अपराधी तक पहुंचने का प्रयास कर रही पुलिस को एक महिला के साथ इस खेल के माहिर 17 पुरुष खिलाड़ी एक कमरे में मिले। इन 18 में 15 कर्नाटक के हैं। बिहार से गैंग ऑपरेट कर रहे थे।
Bihar News : कर्नाटक के 15 समेत 18 साइबर अपराधी पकड़े गए
लोन दिलाने के नाम में हेरफेर करने वाले एक कॉल का लीड मिलने पर बिहार पुलिस (Bihar Police) की एक टीम कैमूर जिले में एक अपराधी तक पहुंचने की कोशिश कर रही थी। उस अपराधी के कॉल लोकेशन (GPS Location) की खोज करती हुई कैमूर पुलिस जब एक कमरे में पहुंची तो दंग रह गई। यह कमरा एक कॉल सेंटर (Call Centre) ऑफिस की तरह था, जहां एक महिला के साथ 17 पुरुष काम कर रहे थे। चौंकाने वाली बात यहीं खत्म नहीं हुई। इनकी पहचान शुरू की गई तो इन 18 में से 15 कर्नाटक (Karnataka) के बाशिंदे निकले। कन्नड़ में बात करने वाले यह सभी तीन बिहारियों की मदद से कैमूर में बैठकर कर्नाटक समेत देश के विभिन्न राज्यों में लोन (Track My Loan) नाम पर कॉल कर खेल कर रहे थे।
Cyber Portal : कर्नाटक में दर्ज केस से मिली लीड पर कैमूर पुलिस का छापा
पुलिस उपाधीक्षक अनिकेत अमर के नेतृत्व में साइबर थाने के पुलिस निरीक्षक संजय कुमार रजक और मनोज कुमार पाठक इस काम में लगे थे। साथ में महिला सिपाही नंदनी को रखा गया था। साइबर पुलिस टीम भभुआ ने साइबर पुलिस पोर्टल का अवलोकन कर रही थी, जिसमें पता चला कि कुछ मोबाइल नंबरों से कर्नाटक एवं अन्य राज्यों में लोन देने के नाम पर साइबर धोखाधड़ी की जा रही है। यह जानकारी कर्नाटक राज्य से साइबर पोर्टल पर दर्ज हुई थी। बिहार पुलिस ने इस लीड पर कैमूर का लोकेशन देखा तो तकनीकी जांच एवं विश्लेषण शुरू किया। अपराधी का कॉल लोकेशन मोहनिया दिख रहा था। साइबर थाना ने त्वरित कार्रवाई शुरू की। जब पुलिस वहां पहुंची तो एक महिला समेत कई लोग अलग-अलग मोबाइल-फोन पर बात कर रहे थे। पुलिस को देखकर सभी भागने का प्रयास करने लगे, लेकिन घेराबंदी में गिरफ्तार कर लिए गए।
बिहार पुलिस मुख्यालय में क्या चल रहा!!!
Loan on Call : कर्नाटक गैंग का सरगना गिरफ्तार, नालंदा वाला फरार
पूछताछ के क्रम में पता चला कि इनमें से 15 लोग कन्नड़ भाषा में बात कर ठगी का काम करते हैं। बाकी तीन बिहारी हैं, जो हिंदीभाषी लोगों को टारगेट करते हैं। मौके से इन 18 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। अभियुक्तों से पूछताछ में पता चला कि इस गैंग के दो मास्टरमांइड हैं। कर्नाटक ग्रुप का मुखिया बैंक्टेशजी है, जो कर्नाटक एवं दक्षिणी राज्यों से लोगों को साइबर धोखाधड़ी करने के लिए बिहार लाता है। इन लोगों के द्वारा ऑनलाइन लोन के लिए विज्ञापन कर साइबर धोखाधड़ी की जाती है। बिहार ग्रुप का मुखिया कौशल कुमार नालंदा जिला का रहने वाला है। वह फरार है।
पुलिस ने घटनास्थल से 41 मोबाइल, 34 मोबाइल सिम, सात ATM कार्ड के साथ धोखाधड़ी से हासिल रुपयों का हिसाब रखने वाली पांच कॉपियां बरामद की है। कैमूर पुलिस ने साइबर थाना में कांड संख्या-21/24 दर्जकर धारा-303(2)/318(2)/318(4)/319(2)/336(2)/336(3)/340(2)/61(2) एवं 66(B)/66(C)/66 (D) IT ACT के तहत प्राथमिकी दर्ज करते हुए सोमवार को इन्हें जेल भेज दिया।
बेटी के जिस्म का सौदा… दो महिलाएं और तीन युवक गिरफ्तार
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