Bihar News में खबर Bihar Floor Test से जुड़ी हुई। बिहार में राजनीतिक संकट के बादल आज छट जाएंगे। आज तय हो जाएगा कि सत्ता के सिंहासन पर नीतीश कुमार बैठेंगे या तेजस्वी यादव का दंभ काम कर जाएगा।
बिहार के लिए आज का दिन बेहद अहम है। बिहार में राजनीतिक संकट के बादल आज छट जाएंगे। आज तय हो जाएगा कि सत्ता के सिंहासन पर नीतीश कुमार बैठेंगे या तेजस्वी यादव का दंभ काम कर जाएगा। तीसरी स्थिति में बिहार विधानसभा को भंग भी किया जा सकता है। इन तमाम स्थितियों पर सब की पैनी नजर टिकी हुई है। जेडीयू ने अपने विधायकों को एकजुट करने का दम तो भर लिया है। लेकिन दो विधायक अब तक नहीं पहुंचे हैं। हालांकि दावा किया जा रहा है कि दोनों विधायक जल्द ही विधानसभा पहुंच जाएंगे।
तेजस्वी आवास में छापेमारी से उठे सवाल
रविवार की रात शिवहर से राजद के विधायक चेतन आनंद के भाई अंशुमन आनंद ने पाटलिपुत्र थाने में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में उन्होंने बताया था कि उनके भाई चेतन आनंद जो विधायक हैं वह घर से मीटिंग की बात कह कर निकले और फिर वापस नहीं लौटे हैं। विधायक की गुमशुदगी के मामले पर पुलिस ने संज्ञान लेते हुए तत्काल तेजस्वी आवास पर छापेमारी की। हालांकि इस छापेमारी के बाद पुलिस को क्या मिला और छापेमारी किस लिए की गई थी, इसपर पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया। लेकिन तेजस्वी आवास पर पुलिस को राजद समर्थकों का भारी विरोध झेलना पड़ा। फिर सवाल यह भी उठने लगे कि अगर नीतीश सरकार की सेहत ठीक है तो फिर तेजस्वी यादव के यहां छापेमारी करने की जरूरत ही क्यों पड़ी?
जेडीयू विधायक को पुलिस ने किया डिटेन, फिर उठे सवाल
राज्य में सियासी संकट के बीच जेडीयू के ही विधायक को पुलिस द्वारा डिटेन किए जाने की खबर ने सियासी महकमे में खलबली मचा दी। नवादा से बड़ी खबर आई कि खगड़िया जिले के परबत्ता से विधायक संजीव कुमार को नवादा में पुलिस और प्रशासन के द्वारा डिटेन किया गया है। विधायक इंजीनियर संजीव झारखंड के रास्ते सोमवार की सुबह बिहार की सीमा में प्रवेश कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें नवादा जिला प्रशासन के द्वारा बिहार झारखंड बॉर्डर पर रजौली में रोका गया। उन्हें वन विश्राम गृह रजौली में रखा गया। बताया जा रहा है कि विधायक संजीव सरकार से नाराज चल रहे थे और फ्लोर टेस्ट में पार्टी के खिलाफ मतदान कर सकते थे। वे अपने पार्टी नेतृत्व से पूरी तरह कटे हुए थे। वैसे इस मामले में नवादा जिला प्रशासन के कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है। एक तरफ तेजस्वी यादव कहां हुई छापेमारी और दूसरी तरफ परबत्ता विधायक को पुलिस द्वारा डिटेन किया जाना, राज्य में जारी सियासी संकट के लिए अहम कड़ी है। अब देखना यह है कि फ्लोर टेस्ट में नीतीश कुमार पास होते हैं या फिर फेल?