Bihar News में एक चर्चित हलचल की चर्चा, क्योंकि माजरा सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़ा है। नीतीश कुमार अचानक हाजिरी लेने पहुंच गए और पांच मंत्री व पांच आईएएस फेर में फंस गए।
पटना (बिहार)। “आपकी कुर्सी खाली है। कहां हैं आप? कार्यालय का समय तो हो चुका है।… देखिए, आप तो जानते हैं कि हम कह चुके हैं कि समय पर रहिए। फिर ऐसे नहीं कीजिए। हम कभी भी आ सकते हैं दोबारा।” मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह बातें जिस मंत्री के कानों तक पहुंची, हवा गुम हो गई। एक-दो नहीं, पांच मंत्री अपनी सीट पर नहीं थे, जब मुख्यमंत्री औचक निरीक्षण में पहुंचे। शिक्षा मंत्री को तो कॉल लगवा कर मुख्यमंत्री ने खड़े-खड़े शिक्षा दे दी। वैसे, एक-दो नहीं, भारतीय प्रशासनिक सेवा के पांच अफसर भी मुख्यमंत्री के औचक निरीक्षण में कुर्सी पर नहीं मिले। प्रत्यय अमृत, संजय अग्रवाल जैसे अफसर अक्सर सीएम के साथ नजर आ जाते हैं, लेकिन वह इस औचक निरीक्षण में गायब थे। गायब तो शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक भी थे, लेकिन वह बच गए क्योंकि ऑफिशियल टूर पर दिल्ली गए हुए हैं। मुख्यमंत्री के निरीक्षण के समय मंत्री अशोक चौधरी भी अपने कक्ष में नहीं थे, लेकिन वह भवन में आ गए थे तो भागते हुए पहुंच गए।
मंत्रियों की हाजिरी देख ली सीएम ने
मुख्यमंत्री मंगलवार सुबह साढ़े नौ बजे विकास भवन पहुंचे, फिर यहां निरीक्षण के बाद विश्वेश्वरैया भवन और विकास भवन स्थित विभागों के कार्यालयों का निरीक्षण करने लगे। नीतीश कुमार इस दौरान शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर, उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ, गन्ना उद्योग मंत्री आलोक कुमार मेहता, कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत और परिवहन मंत्री शीला कुमारी के कार्यालय पहुंचे। यह पांचों गैरहाजिर थे। मुख्यमंत्री ने शिक्षा मंत्री को गैरहाजिर देख उन्हें फोन लगवाया और पूछा कि अभी तक कार्यालय क्यों नहीं पहुंचे हैं? समय पर कार्यालय नहीं पहुंचने पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताई और निर्धारित समय पर कार्यालय आने के लिए कहा। मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सुनील कुमार कार्यालय कक्ष में मिले। भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी कुर्सी पर नहीं थे, लेकिन मुख्यमंत्री के पहुंचने के बाद आ गए। उन्होंने हाथ जोड़कर देर से आने पर सफाई भी दी।
अफसरों की गैरहाजिरी पर नाराज
स्वास्थ्य विभाग एवं पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, कृषि एवं परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल, स्वास्थ्य विभाग के सचिव संजय कुमार सिंह, सहकारिता विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह, शिक्षा विभाग के सचिव वैद्यनाथ यादव कक्ष में उपस्थित नहीं थे। इसपर मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त की। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक भी अपने कक्ष में नहीं थे, लेकिन पता चला कि वे आधिकारिक तौर पर दिल्ली गए हुए हैं। मुख्यमंत्री के निरीक्षण के दौरान उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौण्ड्रिक, भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि उपस्थित मिले। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह साथ थे।