Bihar News में ऐसी खबर जिसने डॉक्टर तक को हैरान कर दिया है। एक महिला की मौत छत्तीसगढ़ में हो गई। जब शव को बिहार लाया जा रहा था तभी रास्ते में अचानक महिला फिर से जीवित हो उठी।
मौत को छूकर निकल सकता हूं…। वैसे तो ये डायलॉग फिल्म के हैं। लेकिन एक महिला की मौत और फिर उसके जीवित होने की घटना ने मौत को चकमा देने की कहानी को सच कर दिया है। बेगूसराय से एक ऐसा मामला सामने आया है जिससे न सिर्फ चिकित्सा विज्ञान, बल्कि आम लोग भी अचंभित हैं।
छत्तीसगढ़ से शव को लाया जा रहा था बेगूसराय
दरअसल, छत्तीसगढ़ के गढ़वा जिले में एक वृद्ध महिला की मौत हो गई। लेकिन जैसे ही वह बिहार की सीमा में प्रवेश की तो उसमें जान आनी शुरू हो गई। फिलहाल उक्त महिला का इलाज बेगूसराय सदर अस्पताल में चल रहा है। जहां अभी उसे वेंटीलेटर पर रखा गया है। चिकित्सकों ने भी इसे चमत्कार की संज्ञा देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में जिस महिला को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया था, आखिर बिहार की सीमा में आते ही उसमें जान कैसे आ गई। यह चिकित्सा विज्ञान के लिए भी एक चमत्कार है।
बेगूसराय में होना था अंतिम संस्कार, बिहार की सीमा में घुसते ही शरीर में दिखी हलचल
बेगूसराय जिले के नीमा चांदपुरा की रहने वाली रामवती देवी कुछ दिन पूर्व अपने पुत्र मुरारी साव एवं घनस्याम साव के साथ छत्तीसगढ़ भ्रमण के लिए गई थी। छत्तीसगढ़ राज्य के गढ़वा जिले में महिला रामवती देवी के परिजन रहते हैं। 11 फरवरी को अचानक रामवती देवी की तबियत खराब हो गई। लिहाजा परिजनों ने उन्हें छत्तीसगढ़ के ही एक निजी नर्सिंग होम में इलाज के लिए भर्ती कराया। इलाज के क्रम में महिला की मौत हो गई। मौत के बाद परिजनों ने शव को घर लाने एवं घर पर ही दाह संस्कार करने का निर्णय लिया। फिर एक निजी वाहन से रामवती देवी को लेकर बिहार के लिए रवाना हो गए। लेकिन तकरीबन 18 घंटे गुजर जाने के बाद जैसे ही गाड़ी बिहार की सीमा में प्रवेश हुई तो औरंगाबाद के समीप रामवती देवी के शरीर में कुछ हलचल महसूस की गई।
बेगूसराय में डॉक्टर भी हैरान, आईसीयू में चल रहा इलाज
महिला को लेकर परिजन बेगूसराय सदर अस्पताल आए। यहां जांच के क्रम में चिकित्सकों ने भी माना की रामवती देवी में अभी भी जान बाकी है। उन्हें आईसीयू में इलाज के लिए एडमिट किया है। फिलहाल महिला का इलाज चल रहा है। परिजन रामवती देवी के जीवित होने की खबर सुनकर बेहद खुश हैं। परिजनों ने डॉक्टर्स से उन्हें बेहतर से बेहतर इलाज देने की गुहार लगाई है।
चमत्कार के पीछे वैज्ञानिक तथ्य, सांस वापस लौटने की ये हो सकती है वजह
बेगूसराय सदर अस्पताल के चिकित्सक भी इस मामले को चमत्कार की संज्ञा देते हुए बताते हैं कि रामवती देवी का 12 फरवरी को मौत हो जाना और फिर 13 फरवरी को तकरीबन 18 घंटे के बाद उनके शरीर में जान आना किसी चमत्कार से काम नहीं है। चिकित्सकों ने इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी बताए हैं। डॉक्टर्स का अनुमान है कि छत्तीसगढ़ के गढ़वा में रामवती देवी का हार्ट चॉक होने की वजह से चिकित्सकों ने उन्हें वहां मृत घोषित कर दिया। लेकिन रास्ते में गाड़ी में पड़े झटकों के कारण उनके शरीर में वापस जान आ गई होगी।
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