Bihar News में चर्चा Loksabha Election Results पर मंथन की हो रही है। दस सीटों के नुकसान से बीजेपी बेहद बेचैन है। समीक्षा के दौरान कई बातें सामने आईं हैं।
समीक्षा बैठक में खुली नेताओं की पोल
लोकसभा चुनाव 2024 के रिजल्ट ने एनडीए को जबरदस्त झटका दिया है। बिहार में एनडीए को 10 सीटों का नुकसान हुआ है। 2019 के मुकाबले भाजपा को 5 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है। 2019 में 17 में से 17 सीट जीतने वाली बीजेपी 12 पर सिमट गई है। जबकि कई सीटों पर मुकाबला कांटे का नजर आया। बड़ी बात यह है कि सबसे सुरक्षित सीट माने जाने वाले पटना साहिब लोकसभा सीट पर भी बीजेपी की स्थिति बेहतर नहीं रही। अब समीक्षा में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। हालांकि पार्टी की ओर से इसे सार्वजनिक नहीं किया गया है। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हार की मुख्य वजह नेताओं का अहंकार माना जा रहा है। कार्यकर्ताओं की अनदेखी नेताओं पर भारी पड़ गई है। लिहाजा अब विधानसभा चुनाव को देखते हुए कार्यकर्ताओं के लिए पार्टी खास मोबाइल नंबर जारी करने की तैयारी में है।
कुर्सी मिलते ही अहंकार हावी, कार्यकर्ताओं में नाराजगी
बीजेपी की समीक्षा में यह बात सामने आई है कि पार्टी के नेताओं ने ही पार्टी को डुबो दिया। खासतौर से मंत्री बनने के बाद अहंकार में आए नेताओं ने कार्यकर्ताओं को किनारे लगा दिया। कई इलाकों के कार्यकर्ताओं का फीडबैक है कि कुर्सी मिलने के बाद नेताओं ने उनसे मिलना तक बंद कर दिया। इसके साथ ही, जीत के बाद कई नेताओं ने क्षेत्र में अपना चेहरा तक नहीं दिखाया। यहां तक की पटना साहिब लोकसभा सीट पर भी पीएम मोदी की रैली से पहले रविशंकर प्रसाद की स्थिति ठीक नहीं थी। जबकि यह सीट बीजेपी की परंपरागत सीट है। इसके बावजूद कार्यकर्ता अपने उम्मीदवार से नाराज थे। नाराजगी का आलम यह रहा कि कई सीटों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की रैलियों का भी असर नहीं पड़ा।
JDU के वोटर BJP में नहीं हुए शिफ्ट
समीक्षा के दौरान यह बात भी सामने आई है कि भाजपा उम्मीदवारों को जदयू का वोट ट्रांसफर नहीं हो पाया। इसके पीछे की वजह भी सामने आई है। कहा जा रहा है कि जदयू कोटे से मंत्री बने नेताओं ने भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात तक नहीं की। गठबंधन में रहने के बावजूद भाजपा और जदयू के जिला अध्यक्ष से लेकर मंडल अध्यक्षों तक में दूरियां बनी रही। ऐसे में खासतौर से जेडीयू के वोटर बीजेपी की ओर नहीं शिफ्ट हो सके। इस कारण बीजेपी उम्मीदवारों को खासा नुकसान उठाना पड़ा।
कार्यकर्ताओं के लिए जारी होगा विशेष मोबाइल नंबर
बीजेपी की समीक्षा बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी आने वाले विधानसभा चुनाव में कार्यकर्ताओं की नाराजगी को गंभीर मसला मान रहे हैं। अब पार्टी नेताओं को कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके लिए कार्यकर्ताओं को तरजीह देने की बात पर जोर दिया जा रहा है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, कार्यकर्ताओं की समस्या के समाधान के लिए जल्द ही बीजेपी एक विशेष नंबर जारी कर सकती है। इस नंबर पर पार्टी कार्यकर्ता सीधे अपनी समस्या दर्ज कर सकेंगे। 2025 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी अब कार्यकर्ताओं की नाराजगी का शिकार होने से बचना चाहती है।