Jainendra Jyoti : 29 साल की उम्र में दुनिया छोड़ने से पहले 49 बार Blood Donation; चौथी पुण्यतिथि पर भी रक्तदान से लोग देंगे श्रद्धांजलि

रिपब्लिकन न्यूज़, पटना

by Jyoti
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Jainendra Jyoti : 22 सितंबर को स्व. जैनेंद्र ज्योति की पुण्यतिथि पर पटना के मां ब्लड सेंटर में रक्तदान शिविर के साथ ‘रक्तदान-अंगदान से पुनर्जन्म’ विषय पर परिचर्चा भी हो रही। स्वास्थ्य मंत्री के साथ बड़े-बड़े चिकित्सक भी आ रहे।

मां ब्लड सेंटर में रक्तदान शिविर के साथ ‘रक्तदान-अंगदान से पुनर्जन्म’ विषय पर होगी परिचर्चा

मिसाल : 29 साल में 49 बार रक्तदान

18 साल की उम्र से रक्तदान किया जा सकता है और साल में चार बार। 29 साल की उम्र में इस हिसाब से 44 बार से ज्यादा रक्तदान नहीं करना चाहिए। लेकिन, जब समाज सेवा की धुन हो और किसी को बचाने की अंतिम कोशिश तो आदमी तीन महीने की बाध्यता कभी-कभी तोड़ देता है। जहां लोग रक्तदान के नाम से बचने की कोशिश करते हैं, वहां 29 साल में 49 बार रक्तदान कर समाजसेवी-पत्रकार जैनेंद्र ज्योति ने मिसाल कायम की। इतनी बार रक्तदान के अलावा इस उम्र में नेत्रदान और देहदान का प्रण लेने वाले जैनेंद्र ज्योति ने अंतिम बार रक्तदान किया था कोरोना के भीषण दौर में थैलीसीमिया पीड़ितों के लिए। इसके कुछ दिनों बाद समाजसेवा करते हुए ही कोरोना संक्रमण के शिकार हुए और फिर चिकित्सकीय लापरवाही में असमय दुनिया से विदा हो गए।

रविवार को रक्तदान से श्रद्धांजलि देंगे


22 सितंबर 2020 को पटना में निधन के बाद बेगूसराय के बखरी स्थित उनके पैतृक आवास पर श्राद्धकर्म का भोज नहीं हुआ, लोगों ने रक्तदान कर श्रद्धांजलि दी। उसके बाद स्व. जैनेंद्र ज्योति की पुण्यतिथि पर हर साल रक्तदान से श्रद्धांजलि का सिलसिला चल निकला। रविवार 22 सितंबर 2024 को सुबह नौ बजे से स्व. जैनेंद्र ज्योति की चौथी पुण्यतिथि पर रक्तदान शिविर में लोग पहुंचने लगेंगे। शनिवार सुबह तक रक्तदान के लिए 70 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। यह रक्तदान शिविर पटना के दरियापुर स्थित मां ब्लड सेंटर में लगातार तीसरी बार हो रहा है। मां वैष्णो देवी सेवा समिति से जुड़े समाजसेवी और मां ब्लड सेंटर के सक्रिय सदस्य नरेश अग्रवाल कहते हैं- “समाज के लिए, समाज के लोगों के द्वारा निर्मित और संचालित मां ब्लड सेंटर का सपना देखने वालों में स्व. जैनेंद्र ज्योति भी थे। इस ब्लड बैंक में एक कक्ष स्व. जैनेंद्र ज्योति के नाम पर भी समाज के लिए समर्पित है।“

‘रक्तदान-अंगदान से पुनर्जन्म’ विषय पर परिचर्चा


ब्लड मैन के रूप में प्रसिद्ध समाजसेवी और मां वैष्णो देवी सेवा समिति के सक्रिय सदस्य मुकेश हिसारिया बताते हैं- “जीवन रहते रक्तदान और समाजसेवा की मुहिम चलाने वाले पत्रकार स्व. जैनेंद्र ज्योति ने नेत्रदान कर रखा था और देहदान का भी प्रण ले चुके थे। कोरोना के बुरे दौर में यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी, लेकिन अब उनकी याद में जैनेंद्र ज्योति मेमोरियल फाउंडेशन हर साल पुण्यतिथि पर रक्तदान के अलावा इसकी उपयोगिता पर संवाद का भी आयोजन करता है।” इस बार 22 सितंबर को ‘रक्तदान-अंगदान से पुनर्जन्म’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन हो रहा है, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के साथ राज्य के जाने-माने चिकित्सक और रक्त अधिकोष विशेषज्ञ मौजूद रहेंगे।

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के साथ राज्य के जाने-माने चिकित्सक और रक्त अधिकोष विशेषज्ञ रहेंगे मौजूद

पत्रकारिता में योगदान के लिए याद करेंगे लोग


स्व. जैनेंद्र ज्योति और उनके बड़े भाई जीवन ज्योति ने लोकतंत्र की धरती बिहार में खोजी पत्रकारिता पर एक सपना 2017-18 में जमीन पर लाया था- रिपब्लिकन न्यूज़। इसके कुछ वर्षों बाद जैनेंद्र ज्योति ने ‘अमर उजाला’ नोएडा में सेवा शुरू की तो वहां भी बीच-बीच में रक्तदान को लेकर खबरें लगाते रहे। खबरों के क्रम में जरूरत पड़ने पर वह रक्तदान के लिए दूसरे राज्यों में भी चले गए। वर्ष 2020 में निधन से एक समय पहले ही उन्होंने समाजसेवा के लिए वह नौकरी छोड़ दी और पटना में कोरोना पीड़ितों के बीच काम करते रहे। अब उनके निधन के चार साल बाद उनका सपना, यानी रिपब्लिकन न्यूज़ नए रूप के साथ ‘पुनर्जन्म’ ले रहा है। बिहार पर केंद्रित वेबसाइट रिपब्लिकन न्यूज़ वेबसाइट पर हर महीने लाख से ज्यादा लोग विश्वसनीय और जन-सरोकार की खबरें पढ़ने आ रहे हैं, जबकि इसका यू्ट्यूब चैनल 1.35 हजार सब्सक्राइबर से आगे बढ़ रहा है।

निधन से एक समय पहले ही उन्होंने समाजसेवा के लिए नौकरी छोड़ दी

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