Dowry Case : समस्तीपुर वाले इंजीनियर अतुल सुभाष पर दहेज प्रताड़ना का केस इसलिए किया था निकिता सिंघानिया ने! कौन है सिद्दीकी?

जीवन ज्योति, पटना/समस्तीपुर

Dowry Case : दहेज प्रताड़ना के केस से तंग आकर बेंगलुरु में बिहार के समस्तीपुर निवासी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंजीनियर अतुल सुभाष ने लंबी-चौड़ी चिट्ठी के साथ वीडियो बयान देकर सुसाइड किया था। अब एक दूसरी कहानी सामने आ रही है दहेज प्रताड़ना के केस में फंसाने की।

अतुल सुभाष (बाएं इनसेट) 9 दिसंबर को बेंगुलुरु स्थित अपार्टमेंट में मृत पाए गए थे। मौत से पहले उनके वीडियो बयान और 24 पन्ने की चिट्ठी के आधार पर जब भाई ने केस दर्ज कराया तो पुलिस ने पत्नी निकिता सिंघानिया (जैकेट में), सास निशा सिंघानिया और साले अनुराग सिंघानिया को गिरफ्तार किया।

Atul Subhash Case : किस बात के लिए 3.30 करोड़ की डिमांड?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंजीनियर अतुल सुभाष (Atul Subhash) ने 24 पेज का सुसाइड नोट छोड़ा था। आत्महत्या से पहले वीडियो बयान जारी कर अंतिम इच्छाएं जाहिर की थीं। लेकिन, दहेज निषेध अधिनियम 1961 (Dowry Prohibition Act 1961) का दुरुपयोग कर रही पत्नी निकिता सिंघानिया के बारे में अतुल (Atul Case) ने वह बातें नहीं लिखीं-बोलीं, जो अब सामने आ रही हैं। सामने आ रही बातें फिर एक नज़ीर हैं कि कैसे दहेज निषेध अधिनियम का दुरुपयोग किया जा रहा है। रिपब्लिकन न्यूज़ (RepublicanNews.in) दहेज हत्या के खिलाफ मुहिम लगातार चला रहा है। कानून में ‘दहेज मौत’ है, जिसे ‘दहेज हत्या’ के रूप में चिह्नित और व्याख्यायित करने के लिए हम आवाज बुलंद कर रहे हैं। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं कि पत्रकारिता करते हुए हम अपनी आंखों पर पट्टी बांध लें। इसलिए, अतुल सुभाष केस (Atul Subhash Case) का यह स्याह सच सामने ला रहे हैं। वह सच, जिसकी आड़ में संभवत: 3.30 करोड़ की डिमांड रखकर निकिता ने अतुल को परेशान (जैसा अतुल के मृत्यु-पूर्व बयान में है) किया होगा।

Love Marriage तो नहीं करना चाहती थी निकिता? सवाल ‘सिद्दीकी’ की एंट्री से आया

अतुल सुभाष ने 24 पेज के सुसाइड नोट और मौत से पहले दिए अंतिम वीडियो बयान में दहेज निषेध अधिनियम के नाम पर परेशान होने का जिक्र किया। बताया कि वह और उनका पूरा परिवार पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया और साले अनुराग सिंघानिया की प्रताड़ना से परेशान है। वह जो कमा रहे हैं, उसका एक बड़ा हिस्सा पत्नी को देना पड़ रहा है और उस पैसे का दुरुपयोग उन्हें ही कोर्ट में परेशान करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने आत्महत्या को उस आर्थिक स्रोत को बंद करने का भी बताया। सारी बातें हुईं, लेकिन अतुल ने एक बार भी पत्नी के चरित्र को लेकर सवाल नहीं किया। हालांकि, कोर्ट में निकिता सिंघानिया का जो बयान सामने आने के बाद कुछ कहानियां और भी निकल रही हैं। निकिता जौनपुर की निवासी है और अतुल सुभाष समस्तीपुर के। लखनऊ से इन दोनों का रिश्ता नहीं, जबकि अतुल की मौत के तत्काल बाद लखनऊ का जिक्र आया था। अब वह परत खुलकर सामने आयी है। दरअसल, एक ही कनेक्शन मिला है लखनऊ का- निकिता का बैंक खाता लखनऊ में है। चौंकाने वाली बात उसके आगे है और वह यह कि निकिता के बैंक खाते में C/o RJ Siddiqui (आरजे सिद्दीकी) लिखा है। इस नाम की एंट्री के बाद पुलिस जांच कोर्ट के बयानों पर भी गई। निकिता ने कोर्ट में भी एक जगह बताया था कि उसके पिताजी जिंदगी की अंतिम अवस्था में थे तो परिवार के दबाव में उसने शादी कर ली। वह उस समय शादी नहीं करना चाहती थी, खासकर अतुल सुभाष के साथ तो नहीं ही।

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Honeymoon in Mauritius : हनीमून पर अतुल को निकिता ने बताया था यह बड़ा सच

बयान के अनुसार निकिता ने यह भी जानकारी दी थी कि उसने मॉरीशस में हनीमून के दौरान अतुल को बताया था कि उसने दबाव में शादी की है। हालांकि, इसके साथ ही उसने यह भी बताया कि अतुल से शादी के बाद वह ट्रांसफर करवा कर उसके पास बेंगलुरु आई और कोरोना लॉकडाउन के दौरान दोनों आपसी सहयोग कर जिंदगी चला रहे थे। अतुल-निकिता के बीच दरार डालने में निशा सिंघानिया की रोजाना की घंटों और बारंबार लंबी बातचीत ने भूमिका निभाई- यह भी कोर्ट के रिकॉर्ड में बताया जा रहा है। लेकिन, सबसे बड़ी बात आरजे सिद्दीकी के नाम की एंट्री से हुई है कि कहीं इसी के कारण तो निकिता शादी और खासकर अतुल के साथ शादी नहीं करना चाहती थी? ऐसे में पुलिस अब आरजे सिद्दीकी के अस्तित्व और भूमिका की जांच कर रही है।

भूमिका क्या निकलती है, यह तो बाद में पता चलेगा लेकिन फिलहाल हनीमून के दौरान कही गई बातों और आरजे सिद्दीकी के नाम की एंट्री के साथ यह तो पक्का दिख रहा है कि बेमन की शादी के बाद अतुल के खिलाफ दहेज निषेध अधिनियम का दुरुपयोग किया गया होगा। कोर्ट के फैसले का इंतजार करना होगा, लेकिन अबतक सामने आ चुकी बातें साफ-साफ कह रहीं कि दहेज निषेध अधिनियम के दुरुपयोग की यह कहानी बहुत बुरे अंजाम तक पहुंची है। उस अंजाम तक, जहां एक बुजुर्ग माता-पिता अपने होनहार बेटे को खो चुके और उसकी संतान का कब्जा हासिल करने के लिए अगली लड़ाई के लिए उतर चुके हैं।

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